Message List: 9362
S.No | Message Title | Message | State | Created By | Creation Date | Status | Action |
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1001 | 1st week of September 2024 Pihani | प्रिय किसान साथियों, 31 अगस्त से 6 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान हरदोई जिले के पिहानी क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आएगी| सप्ताह के दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस सप्ताह के दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 1 से 5 किलोमीटर की गति से तथा कभी कभी 10 से 16 किलोमीटर की तेज हवाओ के झोके आयेंगेI इस सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 50 से 90% वर्षा की संभावना है जिसकी वजह से वायुमंडल में आर्द्रता 55 से 90% तक रहेगी | वर्षा के सीजन में गन्ने की फसल में जलभराव के कारण गन्ने की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|इससे कीट तथा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, अतः सभी किसान भाई अपने अपने खेतो से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और ध्यान रखे रेड रॉट वाले गन्ने के खेत का पानी अन्य खेतो में न जाये| बरसात के दिनों में वर्षा के साथ साथ तेज हवा चलने से गन्ना गिर जाता है जिससे किसान को गन्ने की पैदावार में भारी नुकसान होता है ऐसे में गन्ने की ऊंचाई को देखते हुए जड़ो पर मिट्टी चढ़ाये एवं 3 बंधाई अवस्य करे| गन्ने की अधिक पैदावार लेने हेतु 2 kg श्रीराम साथी को प्रति एकड़ 400 ली० पानी में घोलकर छिडकाव करे|इस सप्ताह का मौसम pyrilla, रूट बोरर, रेड रॉट, ग्रास हैपर, तथा पोक्का बोईंग के लिए अनुकूल है, अतः अपने खेतो का निरीक्षण रोजना करते रहे । रूट बोरर, किसान साथियों इस कीट का प्रकोप जमीन की सतह से शुरू होता है, और गन्ने की पत्तियां पीली पड़नी शुरु हो गयी है तो ऐसे गन्ने की पत्ती को निकाल देने से इस कीट का प्रकोप कम होता हैं तथा गन्ने की पैदावार बढाई जा सकती है, गन्ने की सूखी पत्ती को तीन बार अवश्य निकाले, लाइट ट्रैप/फेरोमेन ट्रैप लगाये अधिक प्रकोप पाए जाने पर Quinalphose 2 ली. / एकड़ की दर से 250-300 ली. पानी में घोलकर गन्ने के तनों के पास उपयोग करें.|ग्रास हैपर- यह कीट गन्ने की पत्ती को खाता है यह फुदक फुदक कर चलता है इस कीट का प्रकोप पहले खेतो के मेंढो पर दिखायी देता है प्रकोप दिखायी देने पर फोलीडाल डस्ट का 8 से 10 kg/एकड़ की दर से सुबह नमी पर पत्तियों पर छिडकाव करें| पोक्का बोईंग अधिक आद्रता लम्बे समय तक रहने से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है इस प्रकोप के पाए जाने पर 500 ग्राम/ एकड़ की दर से को 250 ली० कॉपरओक्सिक्लोरिड पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिडकाव करें| Pyrilla कीट के प्रकोप लिए भी मौसम अनुकूल रहेगा इस कीट को पाए जाने पर किसी भी प्रकार का कीटनाशी का प्रयोग न करें| गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल होता हैI लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें वर्षा के दिनों में बिजली के खम्बो से दूर रहे नदी नालो को पार करते समय सावधानी रखे| स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 29-08-2024 | Enable |
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1002 | 1st week of September 2024 Harpalpur | प्रिय किसान साथियों, 31 अगस्त से 6 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान हरदोई जिले के हरपालपुर क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आएगी| सप्ताह के दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस सप्ताह के दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 1 से 5 किलोमीटर की गति से तथा कभी कभी 10 से 16 किलोमीटर की तेज हवाओ के झोके आयेंगेI इस सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 50 से 90% वर्षा की संभावना है जिसकी वजह से वायुमंडल में आर्द्रता 55 से 90% तक रहेगी | वर्षा के सीजन में गन्ने की फसल में जलभराव के कारण गन्ने की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|इससे कीट तथा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, अतः सभी किसान भाई अपने अपने खेतो से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और ध्यान रखे रेड रॉट वाले गन्ने के खेत का पानी अन्य खेतो में न जाये| बरसात के दिनों में वर्षा के साथ साथ तेज हवा चलने से गन्ना गिर जाता है जिससे किसान को गन्ने की पैदावार में भारी नुकसान होता है ऐसे में गन्ने की ऊंचाई को देखते हुए जड़ो पर मिट्टी चढ़ाये एवं 3 बंधाई अवस्य करे| गन्ने की अधिक पैदावार लेने हेतु 2 kg श्रीराम साथी को प्रति एकड़ 400 ली० पानी में घोलकर छिडकाव करे|इस सप्ताह का मौसम pyrilla, रूट बोरर, रेड रॉट, ग्रास हैपर, तथा पोक्का बोईंग के लिए अनुकूल है, अतः अपने खेतो का निरीक्षण रोजना करते रहे । रूट बोरर, किसान साथियों इस कीट का प्रकोप जमीन की सतह से शुरू होता है, और गन्ने की पत्तियां पीली पड़नी शुरु हो गयी है तो ऐसे गन्ने की पत्ती को निकाल देने से इस कीट का प्रकोप कम होता हैं तथा गन्ने की पैदावार बढाई जा सकती है, गन्ने की सूखी पत्ती को तीन बार अवश्य निकाले, लाइट ट्रैप/फेरोमेन ट्रैप लगाये अधिक प्रकोप पाए जाने पर Quinalphose 2 ली. / एकड़ की दर से 250-300 ली. पानी में घोलकर गन्ने के तनों के पास उपयोग करें.|ग्रास हैपर- यह कीट गन्ने की पत्ती को खाता है यह फुदक फुदक कर चलता है इस कीट का प्रकोप पहले खेतो के मेंढो पर दिखायी देता है प्रकोप दिखायी देने पर फोलीडाल डस्ट का 8 से 10 kg/एकड़ की दर से सुबह नमी पर पत्तियों पर छिडकाव करें| पोक्का बोईंग अधिक आद्रता लम्बे समय तक रहने से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है इस प्रकोप के पाए जाने पर 500 ग्राम/ एकड़ की दर से को 250 ली० कॉपरओक्सिक्लोरिड पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिडकाव करें| Pyrilla कीट के प्रकोप लिए भी मौसम अनुकूल रहेगा इस कीट को पाए जाने पर किसी भी प्रकार का कीटनाशी का प्रयोग न करें| गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल होता हैI लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें वर्षा के दिनों में बिजली के खम्बो से दूर रहे नदी नालो को पार करते समय सावधानी रखे| स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 29-08-2024 | Enable |
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1003 | 1st week of September 2024 Hariyawan | प्रिय किसान साथियों, 31 अगस्त से 6 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान हरदोई जिले के हरियावा क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आएगी| सप्ताह के दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस सप्ताह के दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 1 से 5 किलोमीटर की गति से तथा कभी कभी 10 से 16 किलोमीटर की तेज हवाओ के झोके आयेंगेI इस सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 50 से 90% वर्षा की संभावना है जिसकी वजह से वायुमंडल में आर्द्रता 55 से 90% तक रहेगी | वर्षा के सीजन में गन्ने की फसल में जलभराव के कारण गन्ने की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|इससे कीट तथा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, अतः सभी किसान भाई अपने अपने खेतो से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और ध्यान रखे रेड रॉट वाले गन्ने के खेत का पानी अन्य खेतो में न जाये| बरसात के दिनों में वर्षा के साथ साथ तेज हवा चलने से गन्ना गिर जाता है जिससे किसान को गन्ने की पैदावार में भारी नुकसान होता है ऐसे में गन्ने की ऊंचाई को देखते हुए जड़ो पर मिट्टी चढ़ाये एवं 3 बंधाई अवस्य करे| गन्ने की अधिक पैदावार लेने हेतु 2 kg श्रीराम साथी को प्रति एकड़ 400 ली० पानी में घोलकर छिडकाव करे|इस सप्ताह का मौसम pyrilla, रूट बोरर, रेड रॉट, ग्रास हैपर, तथा पोक्का बोईंग के लिए अनुकूल है, अतः अपने खेतो का निरीक्षण रोजना करते रहे । रूट बोरर, किसान साथियों इस कीट का प्रकोप जमीन की सतह से शुरू होता है, और गन्ने की पत्तियां पीली पड़नी शुरु हो गयी है तो ऐसे गन्ने की पत्ती को निकाल देने से इस कीट का प्रकोप कम होता हैं तथा गन्ने की पैदावार बढाई जा सकती है, गन्ने की सूखी पत्ती को तीन बार अवश्य निकाले, लाइट ट्रैप/फेरोमेन ट्रैप लगाये अधिक प्रकोप पाए जाने पर Quinalphose 2 ली. / एकड़ की दर से 250-300 ली. पानी में घोलकर गन्ने के तनों के पास उपयोग करें.|ग्रास हैपर- यह कीट गन्ने की पत्ती को खाता है यह फुदक फुदक कर चलता है इस कीट का प्रकोप पहले खेतो के मेंढो पर दिखायी देता है प्रकोप दिखायी देने पर फोलीडाल डस्ट का 8 से 10 kg/एकड़ की दर से सुबह नमी पर पत्तियों पर छिडकाव करें| पोक्का बोईंग अधिक आद्रता लम्बे समय तक रहने से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है इस प्रकोप के पाए जाने पर 500 ग्राम/ एकड़ की दर से को 250 ली० कॉपरओक्सिक्लोरिड पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिडकाव करें| Pyrilla कीट के प्रकोप लिए भी मौसम अनुकूल रहेगा इस कीट को पाए जाने पर किसी भी प्रकार का कीटनाशी का प्रयोग न करें| गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल होता हैI लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें वर्षा के दिनों में बिजली के खम्बो से दूर रहे नदी नालो को पार करते समय सावधानी रखे| स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 29-08-2024 | Enable |
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1004 | 1st week of September 2024 Todarpur | प्रिय किसान साथियों, 31 अगस्त से 6 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान हरदोई जिले के टोडरपुर क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आएगी| सप्ताह के दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस सप्ताह के दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 1 से 5 किलोमीटर की गति से तथा कभी कभी 10 से 16 किलोमीटर की तेज हवाओ के झोके आयेंगेI इस सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 50 से 90% वर्षा की संभावना है जिसकी वजह से वायुमंडल में आर्द्रता 55 से 90% तक रहेगी | वर्षा के सीजन में गन्ने की फसल में जलभराव के कारण गन्ने की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|इससे कीट तथा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, अतः सभी किसान भाई अपने अपने खेतो से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और ध्यान रखे रेड रॉट वाले गन्ने के खेत का पानी अन्य खेतो में न जाये| बरसात के दिनों में वर्षा के साथ साथ तेज हवा चलने से गन्ना गिर जाता है जिससे किसान को गन्ने की पैदावार में भारी नुकसान होता है ऐसे में गन्ने की ऊंचाई को देखते हुए जड़ो पर मिट्टी चढ़ाये एवं 3 बंधाई अवस्य करे| गन्ने की अधिक पैदावार लेने हेतु 2 kg श्रीराम साथी को प्रति एकड़ 400 ली० पानी में घोलकर छिडकाव करे|इस सप्ताह का मौसम pyrilla, रूट बोरर, रेड रॉट, ग्रास हैपर, तथा पोक्का बोईंग के लिए अनुकूल है, अतः अपने खेतो का निरीक्षण रोजना करते रहे । रूट बोरर, किसान साथियों इस कीट का प्रकोप जमीन की सतह से शुरू होता है, और गन्ने की पत्तियां पीली पड़नी शुरु हो गयी है तो ऐसे गन्ने की पत्ती को निकाल देने से इस कीट का प्रकोप कम होता हैं तथा गन्ने की पैदावार बढाई जा सकती है, गन्ने की सूखी पत्ती को तीन बार अवश्य निकाले, लाइट ट्रैप/फेरोमेन ट्रैप लगाये अधिक प्रकोप पाए जाने पर Quinalphose 2 ली. / एकड़ की दर से 250-300 ली. पानी में घोलकर गन्ने के तनों के पास उपयोग करें.|ग्रास हैपर- यह कीट गन्ने की पत्ती को खाता है यह फुदक फुदक कर चलता है इस कीट का प्रकोप पहले खेतो के मेंढो पर दिखायी देता है प्रकोप दिखायी देने पर फोलीडाल डस्ट का 8 से 10 kg/एकड़ की दर से सुबह नमी पर पत्तियों पर छिडकाव करें| पोक्का बोईंग अधिक आद्रता लम्बे समय तक रहने से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है इस प्रकोप के पाए जाने पर 500 ग्राम/ एकड़ की दर से को 250 ली० कॉपरओक्सिक्लोरिड पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिडकाव करें| Pyrilla कीट के प्रकोप लिए भी मौसम अनुकूल रहेगा इस कीट को पाए जाने पर किसी भी प्रकार का कीटनाशी का प्रयोग न करें| गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल होता हैI लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें वर्षा के दिनों में बिजली के खम्बो से दूर रहे नदी नालो को पार करते समय सावधानी रखे| स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 29-08-2024 | Enable |
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1005 | 1st week of September 2024 Bilgram | प्रिय किसान साथियों, 31 अगस्त से 6 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान हरदोई जिले के बिलग्राम क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आएगी| सप्ताह के दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस सप्ताह के दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 1 से 5 किलोमीटर की गति से तथा कभी कभी 10 से 16 किलोमीटर की तेज हवाओ के झोके आयेंगेI इस सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 50 से 90% वर्षा की संभावना है जिसकी वजह से वायुमंडल में आर्द्रता 55 से 90% तक रहेगी | वर्षा के सीजन में गन्ने की फसल में जलभराव के कारण गन्ने की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|इससे कीट तथा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, अतः सभी किसान भाई अपने अपने खेतो से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और ध्यान रखे रेड रॉट वाले गन्ने के खेत का पानी अन्य खेतो में न जाये| बरसात के दिनों में वर्षा के साथ साथ तेज हवा चलने से गन्ना गिर जाता है जिससे किसान को गन्ने की पैदावार में भारी नुकसान होता है ऐसे में गन्ने की ऊंचाई को देखते हुए जड़ो पर मिट्टी चढ़ाये एवं 3 बंधाई अवस्य करे| गन्ने की अधिक पैदावार लेने हेतु 2 kg श्रीराम साथी को प्रति एकड़ 400 ली० पानी में घोलकर छिडकाव करे|इस सप्ताह का मौसम pyrilla, रूट बोरर, रेड रॉट, ग्रास हैपर, तथा पोक्का बोईंग के लिए अनुकूल है, अतः अपने खेतो का निरीक्षण रोजना करते रहे । रूट बोरर, किसान साथियों इस कीट का प्रकोप जमीन की सतह से शुरू होता है, और गन्ने की पत्तियां पीली पड़नी शुरु हो गयी है तो ऐसे गन्ने की पत्ती को निकाल देने से इस कीट का प्रकोप कम होता हैं तथा गन्ने की पैदावार बढाई जा सकती है, गन्ने की सूखी पत्ती को तीन बार अवश्य निकाले, लाइट ट्रैप/फेरोमेन ट्रैप लगाये अधिक प्रकोप पाए जाने पर Quinalphose 2 ली. / एकड़ की दर से 250-300 ली. पानी में घोलकर गन्ने के तनों के पास उपयोग करें.|ग्रास हैपर- यह कीट गन्ने की पत्ती को खाता है यह फुदक फुदक कर चलता है इस कीट का प्रकोप पहले खेतो के मेंढो पर दिखायी देता है प्रकोप दिखायी देने पर फोलीडाल डस्ट का 8 से 10 kg/एकड़ की दर से सुबह नमी पर पत्तियों पर छिडकाव करें| पोक्का बोईंग अधिक आद्रता लम्बे समय तक रहने से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है इस प्रकोप के पाए जाने पर 500 ग्राम/ एकड़ की दर से को 250 ली० कॉपरओक्सिक्लोरिड पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिडकाव करें| Pyrilla कीट के प्रकोप लिए भी मौसम अनुकूल रहेगा इस कीट को पाए जाने पर किसी भी प्रकार का कीटनाशी का प्रयोग न करें| गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल होता हैI लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें वर्षा के दिनों में बिजली के खम्बो से दूर रहे नदी नालो को पार करते समय सावधानी रखे| स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 29-08-2024 | Enable |
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1006 | 1st week of September 2024 Bharkhani | प्रिय किसान साथियों, 31 अगस्त से 6 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान हरदोई जिले के भरखनी क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आएगी| सप्ताह के दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस सप्ताह के दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 1 से 5 किलोमीटर की गति से तथा कभी कभी 10 से 16 किलोमीटर की तेज हवाओ के झोके आयेंगेI इस सप्ताह के दौरान आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 50 से 90% वर्षा की संभावना है जिसकी वजह से वायुमंडल में आर्द्रता 55 से 90% तक रहेगी | वर्षा के सीजन में गन्ने की फसल में जलभराव के कारण गन्ने की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है|इससे कीट तथा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है, अतः सभी किसान भाई अपने अपने खेतो से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, और ध्यान रखे रेड रॉट वाले गन्ने के खेत का पानी अन्य खेतो में न जाये| बरसात के दिनों में वर्षा के साथ साथ तेज हवा चलने से गन्ना गिर जाता है जिससे किसान को गन्ने की पैदावार में भारी नुकसान होता है ऐसे में गन्ने की ऊंचाई को देखते हुए जड़ो पर मिट्टी चढ़ाये एवं 3 बंधाई अवस्य करे| गन्ने की अधिक पैदावार लेने हेतु 2 kg श्रीराम साथी को प्रति एकड़ 400 ली० पानी में घोलकर छिडकाव करे|इस सप्ताह का मौसम pyrilla, रूट बोरर, रेड रॉट, ग्रास हैपर, तथा पोक्का बोईंग के लिए अनुकूल है, अतः अपने खेतो का निरीक्षण रोजना करते रहे । रूट बोरर, किसान साथियों इस कीट का प्रकोप जमीन की सतह से शुरू होता है, और गन्ने की पत्तियां पीली पड़नी शुरु हो गयी है तो ऐसे गन्ने की पत्ती को निकाल देने से इस कीट का प्रकोप कम होता हैं तथा गन्ने की पैदावार बढाई जा सकती है, गन्ने की सूखी पत्ती को तीन बार अवश्य निकाले, लाइट ट्रैप/फेरोमेन ट्रैप लगाये अधिक प्रकोप पाए जाने पर Quinalphose 2 ली. / एकड़ की दर से 250-300 ली. पानी में घोलकर गन्ने के तनों के पास उपयोग करें.|ग्रास हैपर- यह कीट गन्ने की पत्ती को खाता है यह फुदक फुदक कर चलता है इस कीट का प्रकोप पहले खेतो के मेंढो पर दिखायी देता है प्रकोप दिखायी देने पर फोलीडाल डस्ट का 8 से 10 kg/एकड़ की दर से सुबह नमी पर पत्तियों पर छिडकाव करें| पोक्का बोईंग अधिक आद्रता लम्बे समय तक रहने से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है इस प्रकोप के पाए जाने पर 500 ग्राम/ एकड़ की दर से को 250 ली० कॉपरओक्सिक्लोरिड पानी में घोलकर 15 दिन के अन्तराल पर दो छिडकाव करें| Pyrilla कीट के प्रकोप लिए भी मौसम अनुकूल रहेगा इस कीट को पाए जाने पर किसी भी प्रकार का कीटनाशी का प्रयोग न करें| गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग के लिए यह मौसम बहुत अनुकूल होता हैI लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें वर्षा के दिनों में बिजली के खम्बो से दूर रहे नदी नालो को पार करते समय सावधानी रखे| स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 29-08-2024 | Enable |
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1007 | Dariabheti 28-08-2024 | জিলা: তিনিচুকীয়া ( ষ্টেচন: দৰিয়াভেটি_AWS ) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল। ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। তিনিচুকীয়া জিলাৰ দৰিয়াভেটিত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station) পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪ বতৰ সাধাৰণতে ডাৱৰীয়াৰ পৰা আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়াৰ পৰা মজলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৯-৩৫ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৫-২৬ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৭ % আৰু ৬০ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৬ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ কোৱালিটিত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • চাহ খেতিত পানী জমা হোৱা এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰিব আৰু নলাৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱস্থা লব। ঠেক নলাবোৰ পৰিষ্কাৰ কৰি ৰাখিব। • বাগিচা বোৰত পানী ওলাই নোযোৱা পৰিস্থিতি হলে Black rot , Red rust আদি ৰোগ হব পাৰে । অস্থায়ী ড্ৰেইনৰ সহায়ত পানী নিষ্কাশন কৰিব লাগে। এই ৰোগ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ অনুমোদিত মাত্ৰাত COC আৰু Hexaconazole স্প্ৰে কৰিব পাৰে। • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত Foliar spraying কৰিব পাৰে। তাৰ বাবে ১% urea , MOP আৰু Zinc sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত ১৫ দিনৰ মূৰে মূৰে spray কৰিব লাগে । • এই সময়ত অপতৃণৰে বাগানখন ভৰি পৰিব পাৰে। মিকানিয়া, টেংগালতা আদি লতাজাতীয় হাবি বোৰ মাটিৰ শিপাৰ পৰাই উভালি পেলাই ৰাখিব লাগে যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত আগতীয়াকৈ কৰা ফুলকবিৰ বীজ ৰোপণৰ কাৰ্য্য অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। এক বিঘা মাটিত পুলি ৰোপণ কৰিবলৈ বীজতলিত প্ৰায় ৮৫ গ্ৰাম বীজ সিঁচিব লাগে। • মূলা খেতিৰ বাবে বালি চহিয়া মাটি প্ৰয়োজন। মাটি তৈয়াৰ কৰা পিছত পচন সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। সোনকালে কৰা মূলা খেতিৰ বীজ সিঁচা কার্য্য আগষ্ট মাহৰ পৰা ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত কৰিব লাগে।আগতীয়াকৈ মূলা খেতিৰ বাবে অনুমোদিত প্ৰকাৰৰ বীজ যেনে Pusa Deshi, Pusa Himani, আদি সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে। এক বিঘা মাটিৰ বাবে বীজৰ পৰিমাণ ১.৩ কেজি। প্ৰতি বিঘাত ২.৬ টন FYM, ৭.৩৫ কেজি Urea, ৪২.০ কেজি SSP আৰু ২২.৭ কেজি MOP সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বীজ সিঁচাৰ আগতে প্ৰতি কেজি বীজত ২-২.৫ গ্ৰাম Carboxin দি শোধন কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assam | Assam | 28-08-2024 | Enable |
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1008 | Namsissu 28-08-2024 | জিলা: যোৰহাট ( ষ্টেচন: নামচিছু_AWS ) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল । ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। যোৰহাট জিলাৰ নামচিছুত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station) ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪ বতৰ সাধাৰণতে ডাৱৰীয়াৰ পৰা আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়াৰ পৰা মজলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ৩০-৩৫ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৫-২৬ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৫ % আৰু ৬০ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৫ কিলোমিটাৰ বেগত দক্ষিণ-পশ্চিম আৰু উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ কোৱালিটিত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • চাহ খেতিত পানী জমা হোৱা এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰিব আৰু নলাৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱস্থা লব। ঠেক নলাবোৰ পৰিষ্কাৰ কৰি ৰাখিব। • বাগিচা বোৰত পানী ওলাই নোযোৱা পৰিস্থিতি হলে Black rot , Red rust আদি ৰোগ হব পাৰে । অস্থায়ী ড্ৰেইনৰ সহায়ত পানী নিষ্কাশন কৰিব লাগে। এই ৰোগ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ অনুমোদিত মাত্ৰাত COC আৰু Hexaconazole স্প্ৰে কৰিব পাৰে। • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত Foliar spraying কৰিব পাৰে। তাৰ বাবে ১% urea , MOP আৰু Zinc sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত ১৫ দিনৰ মূৰে মূৰে spray কৰিব লাগে । • এই সময়ত অপতৃণৰে বাগানখন ভৰি পৰিব পাৰে। মিকানিয়া, টেংগালতা আদি লতাজাতীয় হাবি বোৰ মাটিৰ শিপাৰ পৰাই উভালি পেলাই ৰাখিব লাগে যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত আগতীয়াকৈ কৰা ফুলকবিৰ বীজ ৰোপণৰ কাৰ্য্য অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। এক বিঘা মাটিত পুলি ৰোপণ কৰিবলৈ বীজতলিত প্ৰায় ৮৫ গ্ৰাম বীজ সিঁচিব লাগে। • মূলা খেতিৰ বাবে বালি চহিয়া মাটি প্ৰয়োজন। মাটি তৈয়াৰ কৰা পিছত পচন সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। সোনকালে কৰা মূলা খেতিৰ বীজ সিঁচা কার্য্য আগষ্ট মাহৰ পৰা ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত কৰিব লাগে।আগতীয়াকৈ মূলা খেতিৰ বাবে অনুমোদিত প্ৰকাৰৰ বীজ যেনে Pusa Deshi, Pusa Himani, আদি সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে। এক বিঘা মাটিৰ বাবে বীজৰ পৰিমাণ ১.৩ কেজি। প্ৰতি বিঘাত ২.৬ টন FYM, ৭.৩৫ কেজি Urea, ৪২.০ কেজি SSP আৰু ২২.৭ কেজি MOP সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বীজ সিঁচাৰ আগতে প্ৰতি কেজি বীজত ২-২.৫ গ্ৰাম Carboxin দি শোধন কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assam | Assam | 28-08-2024 | Enable |
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1009 | Alengi 28-08-2024 | জিলা: যোৰহাট ( ষ্টেচন: এলেংগি_AWS ) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল । ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। যোৰহাট জিলাৰ এলেংগিত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station)ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ২২ৰ পৰা ২৮ আ ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ গষ্টলৈ, ২০২৪ বতৰ সাধাৰণতে ডাৱৰীয়াৰ পৰা আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়াৰ পৰা মজলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৯-৩৫ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৬-২৭ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৭ % আৰু ৬০ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৫ কিলোমিটাৰ বেগত দক্ষিণ-পশ্চিম আৰু উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ কোৱালিটিত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • চাহ খেতিত পানী জমা হোৱা এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰিব আৰু নলাৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱস্থা লব। ঠেক নলাবোৰ পৰিষ্কাৰ কৰি ৰাখিব। • বাগিচা বোৰত পানী ওলাই নোযোৱা পৰিস্থিতি হলে Black rot , Red rust আদি ৰোগ হব পাৰে । অস্থায়ী ড্ৰেইনৰ সহায়ত পানী নিষ্কাশন কৰিব লাগে। এই ৰোগ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ অনুমোদিত মাত্ৰাত COC আৰু Hexaconazole স্প্ৰে কৰিব পাৰে। • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত Foliar spraying কৰিব পাৰে। তাৰ বাবে ১% urea , MOP আৰু Zinc sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত ১৫ দিনৰ মূৰে মূৰে spray কৰিব লাগে । • এই সময়ত অপতৃণৰে বাগানখন ভৰি পৰিব পাৰে। মিকানিয়া, টেংগালতা আদি লতাজাতীয় হাবি বোৰ মাটিৰ শিপাৰ পৰাই উভালি পেলাই ৰাখিব লাগে যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত আগতীয়াকৈ কৰা ফুলকবিৰ বীজ ৰোপণৰ কাৰ্য্য অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। এক বিঘা মাটিত পুলি ৰোপণ কৰিবলৈ বীজতলিত প্ৰায় ৮৫ গ্ৰাম বীজ সিঁচিব লাগে। • মূলা খেতিৰ বাবে বালি চহিয়া মাটি প্ৰয়োজন। মাটি তৈয়াৰ কৰা পিছত পচন সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। সোনকালে কৰা মূলা খেতিৰ বীজ সিঁচা কার্য্য আগষ্ট মাহৰ পৰা ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত কৰিব লাগে।আগতীয়াকৈ মূলা খেতিৰ বাবে অনুমোদিত প্ৰকাৰৰ বীজ যেনে Pusa Deshi, Pusa Himani, আদি সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে। এক বিঘা মাটিৰ বাবে বীজৰ পৰিমাণ ১.৩ কেজি। প্ৰতি বিঘাত ২.৬ টন FYM, ৭.৩৫ কেজি Urea, ৪২.০ কেজি SSP আৰু ২২.৭ কেজি MOP সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বীজ সিঁচাৰ আগতে প্ৰতি কেজি বীজত ২-২.৫ গ্ৰাম Carboxin দি শোধন কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assam | Assam | 28-08-2024 | Enable |
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1010 | Betonibaam 28-08-2024 | জিলা: ডিব্ৰুগড় (ষ্টেচন: বেটোনিবাম_AWS) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল । ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। ডিব্ৰুগড় জিলাৰ বেটোনিবামত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station) ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী ২৯ আগষ্টৰ পৰা ৪ ছেপ্টেম্বৰলৈ, ২০২৪ বতৰ সাধাৰণতে ডাৱৰীয়াৰ পৰা আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়াৰ পৰা মজলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ৩০-৩৬ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৫-২৭ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৫ % আৰু ৬০ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৫ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ কোৱালিটিত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • চাহ খেতিত পানী জমা হোৱা এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰিব আৰু নলাৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱস্থা লব। ঠেক নলাবোৰ পৰিষ্কাৰ কৰি ৰাখিব। • বাগিচা বোৰত পানী ওলাই নোযোৱা পৰিস্থিতি হলে Black rot , Red rust আদি ৰোগ হব পাৰে । অস্থায়ী ড্ৰেইনৰ সহায়ত পানী নিষ্কাশন কৰিব লাগে। এই ৰোগ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ অনুমোদিত মাত্ৰাত COC আৰু Hexaconazole স্প্ৰে কৰিব পাৰে। • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত Foliar spraying কৰিব পাৰে। তাৰ বাবে ১% urea , MOP আৰু Zinc sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত ১৫ দিনৰ মূৰে মূৰে spray কৰিব লাগে । • এই সময়ত অপতৃণৰে বাগানখন ভৰি পৰিব পাৰে। মিকানিয়া, টেংগালতা আদি লতাজাতীয় হাবি বোৰ মাটিৰ শিপাৰ পৰাই উভালি পেলাই ৰাখিব লাগে যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত আগতীয়াকৈ কৰা ফুলকবিৰ বীজ ৰোপণৰ কাৰ্য্য অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। এক বিঘা মাটিত পুলি ৰোপণ কৰিবলৈ বীজতলিত প্ৰায় ৮৫ গ্ৰাম বীজ সিঁচিব লাগে। • মূলা খেতিৰ বাবে বালি চহিয়া মাটি প্ৰয়োজন। মাটি তৈয়াৰ কৰা পিছত পচন সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। সোনকালে কৰা মূলা খেতিৰ বীজ সিঁচা কার্য্য আগষ্ট মাহৰ পৰা ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত কৰিব লাগে।আগতীয়াকৈ মূলা খেতিৰ বাবে অনুমোদিত প্ৰকাৰৰ বীজ যেনে Pusa Deshi, Pusa Himani, আদি সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে। এক বিঘা মাটিৰ বাবে বীজৰ পৰিমাণ ১.৩ কেজি। প্ৰতি বিঘাত ২.৬ টন FYM, ৭.৩৫ কেজি Urea, ৪২.০ কেজি SSP আৰু ২২.৭ কেজি MOP সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বীজ সিঁচাৰ আগতে প্ৰতি কেজি বীজত ২-২.৫ গ্ৰাম Carboxin দি শোধন কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assam | Assam | 28-08-2024 | Enable |
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