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6841 सोयाबीन मे बीज उपचार Barkhedadev वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरिडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है I किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह: ग्राम Barkhedadev जिला मंदसौर ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह सप्ताह 13 जून से 19 जून के दौरान दिन में 36 और रात में 26 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। पिछले सप्ताह 1mm बारिश दर्ज हुई है। इस सप्ताह शुक्रवार से सोमवार को 30-60% बारिश होने की संभावना है। सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए बीज का उपचार करना अति आवश्यक हैI कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा कार्बोक्सिन 37.5 % + थाईरम 37.5 % @ 3 ग्राम / किलोग्राम बीज अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करेंI सोयाबीन मे जैविक-उर्वरकों के उपयोग करने के सलाह दी जाती है जैविक-उर्वरकों के उपयोग से अधिक सक्रिय जड़ ग्रंथियों का निर्माण होता है एवं मिट्टी की क्रियाशीलता एवं उत्पादकता को बढ़ाता है I सोयाबीन में जैविक-टीकाकरण के लिए ब्रेडीराईज़ोंबियम जपोनिकम 5 ग्राम प्रति किलो बीज,फॉस्फेट सोल्यूबीलाईझींग बैक्टीरिया (PSB ) 5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं ट्राईकोडर्मा विरडी 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपयोग अवश्य करे। स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें I Madhya Pradesh MP 14-06-2023 Disable
6842 सोयाबीन मे बीज उपचार Narayangarh वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरिडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है I किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह: ग्राम नारायणगढ़ जिला मंदसौर ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह सप्ताह 13 जून से 19 जून के दौरान दिन में 36 और रात में 26 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान हैI पिछले सप्ताह 1.6mm बारिश दर्ज हुई है। इस सप्ताह शुक्रवार से सोमवार को 30-60% बारिश होने की संभावना है। सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए बीज का उपचार करना अति आवश्यक हैI कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा कार्बोक्सिन 37.5 % + थाईरम 37.5 % @ 3 ग्राम / किलोग्राम बीज अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करेंI सोयाबीन मे जैविक-उर्वरकों के उपयोग करने के सलाह दी जाती है जैविक-उर्वरकों के उपयोग से अधिक सक्रिय जड़ ग्रंथियों का निर्माण होता है एवं मिट्टी की क्रियाशीलता एवं उत्पादकता को बढ़ाता है I सोयाबीन में जैविक-टीकाकरण के लिए ब्रेडीराईज़ोंबियम जपोनिकम 5 ग्राम प्रति किलो बीज,फॉस्फेट सोल्यूबीलाईझींग बैक्टीरिया (PSB ) 5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं ट्राईकोडर्मा विरडी 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपयोग अवश्य करे। स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें I Madhya Pradesh MP 14-06-2023 Disable
6843 सोयाबीन मे बीज उपचार Tonkkhurd वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरिडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है I किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह: ग्राम Tonkkhurd जिला Dewas ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह 13 जून से 19 जून के दौरान दिन में 37 और रात में 25 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है I पिछले सप्ताह 0.2mm बारिश दर्ज हुई है। इस सप्ताह मंगलवार को 45% एवं गुरुवार से सोमवार को 20-50% बारिश होने की संभावना है। सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए बीज का उपचार करना अति आवश्यक हैI कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा कार्बोक्सिन 37.5 % + थाईरम 37.5 % @ 3 ग्राम / किलोग्राम बीज अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करेंI सोयाबीन मे जैविक-उर्वरकों के उपयोग करने के सलाह दी जाती है जैविक-उर्वरकों के उपयोग से अधिक सक्रिय जड़ ग्रंथियों का निर्माण होता है एवं मिट्टी की क्रियाशीलता एवं उत्पादकता को बढ़ाता है I सोयाबीन में जैविक-टीकाकरण के लिए ब्रेडीराईज़ोंबियम जपोनिकम 5 ग्राम प्रति किलो बीज,फॉस्फेट सोल्यूबीलाईझींग बैक्टीरिया (PSB ) 5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं ट्राईकोडर्मा विरडी 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपयोग अवश्य करे। स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें I Madhya Pradesh MP 14-06-2023 Disable
6844 सोयाबीन मे बीज उपचार Agrod वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरिडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है I किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह: ग्राम Agrod जिला Dewas ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह 13 जून से 19 जून के दौरान दिन में 37 और रात में 26 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है I पिछले सप्ताह 2.6mm बारिश दर्ज हुई है। इस सप्ताह मंगलवार को 20% एवं शुक्रवार से सोमवार को 15-25% बारिश होने की संभावना है। सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए बीज का उपचार करना अति आवश्यक हैI कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा कार्बोक्सिन 37.5 % + थाईरम 37.5 % @ 3 ग्राम / किलोग्राम बीज अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करेंI सोयाबीन मे जैविक-उर्वरकों के उपयोग करने के सलाह दी जाती है जैविक-उर्वरकों के उपयोग से अधिक सक्रिय जड़ ग्रंथियों का निर्माण होता है एवं मिट्टी की क्रियाशीलता एवं उत्पादकता को बढ़ाता है I सोयाबीन में जैविक-टीकाकरण के लिए ब्रेडीराईज़ोंबियम जपोनिकम 5 ग्राम प्रति किलो बीज,फॉस्फेट सोल्यूबीलाईझींग बैक्टीरिया (PSB ) 5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं ट्राईकोडर्मा विरडी 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपयोग अवश्य करे। स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें I Madhya Pradesh MP 14-06-2023 Disable
6845 सोयाबीन मे बीज उपचार Mahudiya वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरिडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है I किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह: ग्राम Mahudiya जिला Dewas ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह 13 जून से 19 जून के दौरान दिन में 36 और रात में 25 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है I पिछले सप्ताह 1.2mm बारिश दर्ज हुई है। इस सप्ताह शनवर से सोमवार को 25-35% बारिश होने की संभावना है। सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए बीज का उपचार करना अति आवश्यक हैI कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा कार्बोक्सिन 37.5 % + थाईरम 37.5 % @ 3 ग्राम / किलोग्राम बीज अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करेंI सोयाबीन मे जैविक-उर्वरकों के उपयोग करने के सलाह दी जाती है जैविक-उर्वरकों के उपयोग से अधिक सक्रिय जड़ ग्रंथियों का निर्माण होता है एवं मिट्टी की क्रियाशीलता एवं उत्पादकता को बढ़ाता है I सोयाबीन में जैविक-टीकाकरण के लिए ब्रेडीराईज़ोंबियम जपोनिकम 5 ग्राम प्रति किलो बीज,फॉस्फेट सोल्यूबीलाईझींग बैक्टीरिया (PSB ) 5 ग्राम प्रति किलो बीज एवं ट्राईकोडर्मा विरडी 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपयोग अवश्य करे। स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें I Madhya Pradesh MP 14-06-2023 Disable
6846 VIL 1_Nanded_Mahur_Tulshi (VIL 1_Nanded)नमस्कार शेतकरी बंधूंनो... सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. माहूर तालुक्यातील तुळशी येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान २९ ते ३० अंश तर कमाल ३९ ते ४० अंश सेल्सियस एवढे राहील. या आठवड्यात वातावरण ढगाळ राहून वादळी वाऱ्यासह पाउस पडण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना कापूस:- कपाशीची पेरणी जून महिन्यात मान्सूनचा ७५ ते १०० मिमी पाऊस पडल्यानंतरच करावी. कोरडवाहू पेरणीसाठी कमी ते मध्यम कालावधीच्या बीटी/नॉन बीटी वाणांचा वापर करावा तर बागायती पेरणीसाठी मधयम उशिरा येणारे किंवा उशिरा पक्व होणारे वाण निवडावे. गुलाबी बोंडअळीचे जीवनचक्र खंडित करण्यासाठी मागील हंगामात गुलाबी बोंडअळीचा मोठ्या प्रमाणात प्रादुर्भाव झालेल्या शेतात पीक न घेता त्या ठिकाणी पिक फेरपालट करावी. कापूस हे गुलाबी बोंडअळीचे एकमेव यजमान खाद्य वनस्पती आहे, म्हणून पीक फेरपालट केल्यास या किडीचे जीवनचक्र खंडित होण्यास मदत होते. रोग प्रवण शेतात मातीजन्य रोग आणि सूत्रकृमीचा निरीक्षणासाठी पीक फेरपालट खूप प्रभावी आहे. बियाण्यांपासून होणाऱ्या रोगांच्या व्यवस्थापनासाठी बीजप्रक्रिया करावी. सोयाबीन कोरडवाहू परिस्थितीत सोयाबीन + तूर हे आंतरपीक २:१ किंवा ४:२ या प्रमाणात घ्यावे. तसेच ओलीताखाली सोयाबीन + कापूस हे आंतरपीक १:१ किंवा २:१ या प्रमाणात घेता येते. सोयाबीन पिकाच्या पेरणीसाठी पूर्व मशागतीची कामे केली नसल्यास लवकरात लवकर करून घ्यावीत. खरीप ज्वारी :- आंतरपीक पद्धतीमध्ये खरीप ज्वारी + सोयाबीन २:४ किंवा ३:६ या प्रमाणात २ ओळीतील अंतर ४५ से.मी. ठेवावे. तसेच खरीप ज्वारी + तूर ३:३ किंवा ४:२ या प्रमाणे आंतरपीक घेता येते. सोयाबीन, मुंग, उडीत ही कमी कालावधीची पिके आंतरपीक म्हणून घेतांना २:४ या आंतरपीक पद्धतीचा अवलंब करावा. हळद:- पाण्याची उपलब्धता असल्यास हळद पिकाची लागवड करून घ्यावी. हळदीमध्ये अंतरपिके’ घेतांना पहिल्या तीन ते साडेतीन महिन्यात काढणी होईल आशा प्रकारची पिके आंतरपीक म्हणून घ्यावी. यामध्ये पालेभाज्या सारख्या अंतरपिकांचा समावेश करावा. उस :- उस पिकास पाण्याचा ताण बसणार नाही याची काळजी घ्यावी. उस पिकास सकाळी लवकर किंवा सायंकाळी पाणी व्यवस्थापन करावे. फुलशेती :- पाण्याची उपलब्धता असल्यास फूल पिकाची रोपे तयार करण्यासाठी गादी वाफ्यावर बी टाकावे. पावसाची शक्यता असल्यामुळे काढणीस तयार असलेल्या फुलपिकांची काढणी करून घ्यावी. चारा पिके:- मका या चारापिकाच्या लागवडीसाठी अफ्रीकन टॉल, मांजरी कंपोझीट, गंगासफेद, विजय ई जातींची निवड करावी. तुती लागवड(रेशीम उद्योग):- ज्या शेतकऱ्यांच्या शेतात तुतिची बेण्यापासून लागवड केली असेल आशा शेतात मोठ्या प्रमाणावर २०-२५% पर्यंत तूट राहते. लागवड केल्यानंतर ठिबक सिंचनाची सुविधा केल्यास ढाडे मरण्याचे प्रमाण नगण्य राहते. त्यामुळे झाडांची वाढ चांगली होवून अपेक्षित तुती पानांचे उत्पादन चांगले होते. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 14-06-2023 Disable
6847 VIL 3 Parbhani_Pingali (VIL 3_Parbhani)नमस्कार शेतकरी बंधूंनो... सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. किनवट तालुक्यातील लोणी येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान 27 ते 28 अंश तर कमाल 38 ते 39 अंश सेल्सियस एवढे राहील. या आठवड्यात वातावरण ढगाळ राहून वादळी वाऱ्यासह पाउस पडण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना कापूस:- कपाशीची पेरणी जून महिन्यात मान्सूनचा ७५ ते १०० मिमी पाऊस पडल्यानंतरच करावी. कोरडवाहू पेरणीसाठी कमी ते मध्यम कालावधीच्या बीटी/नॉन बीटी वाणांचा वापर करावा तर बागायती पेरणीसाठी मधयम उशिरा येणारे किंवा उशिरा पक्व होणारे वाण निवडावे. गुलाबी बोंडअळीचे जीवनचक्र खंडित करण्यासाठी मागील हंगामात गुलाबी बोंडअळीचा मोठ्या प्रमाणात प्रादुर्भाव झालेल्या शेतात पीक न घेता त्या ठिकाणी पिक फेरपालट करावी. कापूस हे गुलाबी बोंडअळीचे एकमेव यजमान खाद्य वनस्पती आहे, म्हणून पीक फेरपालट केल्यास या किडीचे जीवनचक्र खंडित होण्यास मदत होते. रोग प्रवण शेतात मातीजन्य रोग आणि सूत्रकृमीचा निरीक्षणासाठी पीक फेरपालट खूप प्रभावी आहे. बियाण्यांपासून होणाऱ्या रोगांच्या व्यवस्थापनासाठी बीजप्रक्रिया करावी. सोयाबीन कोरडवाहू परिस्थितीत सोयाबीन + तूर हे आंतरपीक २:१ किंवा ४:२ या प्रमाणात घ्यावे. तसेच ओलीताखाली सोयाबीन + कापूस हे आंतरपीक १:१ किंवा २:१ या प्रमाणात घेता येते. सोयाबीन पिकाच्या पेरणीसाठी पूर्व मशागतीची कामे केली नसल्यास लवकरात लवकर करून घ्यावीत. खरीप ज्वारी :- आंतरपीक पद्धतीमध्ये खरीप ज्वारी + सोयाबीन २:४ किंवा ३:६ या प्रमाणात २ ओळीतील अंतर ४५ से.मी. ठेवावे. तसेच खरीप ज्वारी + तूर ३:३ किंवा ४:२ या प्रमाणे आंतरपीक घेता येते. सोयाबीन, मुंग, उडीत ही कमी कालावधीची पिके आंतरपीक म्हणून घेतांना २:४ या आंतरपीक पद्धतीचा अवलंब करावा. हळद:- पाण्याची उपलब्धता असल्यास हळद पिकाची लागवड करून घ्यावी. हळदीमध्ये अंतरपिके’ घेतांना पहिल्या तीन ते साडेतीन महिन्यात काढणी होईल आशा प्रकारची पिके आंतरपीक म्हणून घ्यावी. यामध्ये पालेभाज्या सारख्या अंतरपिकांचा समावेश करावा. उस :- उस पिकास पाण्याचा ताण बसणार नाही याची काळजी घ्यावी. उस पिकास सकाळी लवकर किंवा सायंकाळी पाणी व्यवस्थापन करावे. फुलशेती :- पाण्याची उपलब्धता असल्यास फूल पिकाची रोपे तयार करण्यासाठी गादी वाफ्यावर बी टाकावे. पावसाची शक्यता असल्यामुळे काढणीस तयार असलेल्या फुलपिकांची काढणी करून घ्यावी. चारा पिके:- मका या चारापिकाच्या लागवडीसाठी अफ्रीकन टॉल, मांजरी कंपोझीट, गंगासफेद, विजय ई जातींची निवड करावी. तुती लागवड(रेशीम उद्योग):- ज्या शेतकऱ्यांच्या शेतात तुतिची बेण्यापासून लागवड केली असेल आशा शेतात मोठ्या प्रमाणावर २०-२५% पर्यंत तूट राहते. लागवड केल्यानंतर ठिबक सिंचनाची सुविधा केल्यास ढाडे मरण्याचे प्रमाण नगण्य राहते. त्यामुळे झाडांची वाढ चांगली होवून अपेक्षित तुती पानांचे उत्पादन चांगले होते. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 14-06-2023 Disable
6848 VIL 3_Nanded_Kinwat_Loni (VIL 3 Nanded)नमस्कार शेतकरी बंधूंनो... सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. किनवट तालुक्यातील लोणी येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान २८ ते ३० अंश तर कमाल ३९ ते ४० अंश सेल्सियस एवढे राहील. या आठवड्यात वातावरण ढगाळ राहून वादळी वाऱ्यासह पाउस पडण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना कापूस:- कपाशीची पेरणी जून महिन्यात मान्सूनचा ७५ ते १०० मिमी पाऊस पडल्यानंतरच करावी. कोरडवाहू पेरणीसाठी कमी ते मध्यम कालावधीच्या बीटी/नॉन बीटी वाणांचा वापर करावा तर बागायती पेरणीसाठी मधयम उशिरा येणारे किंवा उशिरा पक्व होणारे वाण निवडावे. गुलाबी बोंडअळीचे जीवनचक्र खंडित करण्यासाठी मागील हंगामात गुलाबी बोंडअळीचा मोठ्या प्रमाणात प्रादुर्भाव झालेल्या शेतात पीक न घेता त्या ठिकाणी पिक फेरपालट करावी. कापूस हे गुलाबी बोंडअळीचे एकमेव यजमान खाद्य वनस्पती आहे, म्हणून पीक फेरपालट केल्यास या किडीचे जीवनचक्र खंडित होण्यास मदत होते. रोग प्रवण शेतात मातीजन्य रोग आणि सूत्रकृमीचा निरीक्षणासाठी पीक फेरपालट खूप प्रभावी आहे. बियाण्यांपासून होणाऱ्या रोगांच्या व्यवस्थापनासाठी बीजप्रक्रिया करावी. सोयाबीन कोरडवाहू परिस्थितीत सोयाबीन + तूर हे आंतरपीक २:१ किंवा ४:२ या प्रमाणात घ्यावे. तसेच ओलीताखाली सोयाबीन + कापूस हे आंतरपीक १:१ किंवा २:१ या प्रमाणात घेता येते. सोयाबीन पिकाच्या पेरणीसाठी पूर्व मशागतीची कामे केली नसल्यास लवकरात लवकर करून घ्यावीत. खरीप ज्वारी :- आंतरपीक पद्धतीमध्ये खरीप ज्वारी + सोयाबीन २:४ किंवा ३:६ या प्रमाणात २ ओळीतील अंतर ४५ से.मी. ठेवावे. तसेच खरीप ज्वारी + तूर ३:३ किंवा ४:२ या प्रमाणे आंतरपीक घेता येते. सोयाबीन, मुंग, उडीत ही कमी कालावधीची पिके आंतरपीक म्हणून घेतांना २:४ या आंतरपीक पद्धतीचा अवलंब करावा. हळद:- पाण्याची उपलब्धता असल्यास हळद पिकाची लागवड करून घ्यावी. हळदीमध्ये अंतरपिके’ घेतांना पहिल्या तीन ते साडेतीन महिन्यात काढणी होईल आशा प्रकारची पिके आंतरपीक म्हणून घ्यावी. यामध्ये पालेभाज्या सारख्या अंतरपिकांचा समावेश करावा. उस :- उस पिकास पाण्याचा ताण बसणार नाही याची काळजी घ्यावी. उस पिकास सकाळी लवकर किंवा सायंकाळी पाणी व्यवस्थापन करावे. फुलशेती :- पाण्याची उपलब्धता असल्यास फूल पिकाची रोपे तयार करण्यासाठी गादी वाफ्यावर बी टाकावे. पावसाची शक्यता असल्यामुळे काढणीस तयार असलेल्या फुलपिकांची काढणी करून घ्यावी. चारा पिके:- मका या चारापिकाच्या लागवडीसाठी अफ्रीकन टॉल, मांजरी कंपोझीट, गंगासफेद, विजय ई जातींची निवड करावी. तुती लागवड(रेशीम उद्योग):- ज्या शेतकऱ्यांच्या शेतात तुतिची बेण्यापासून लागवड केली असेल आशा शेतात मोठ्या प्रमाणावर २०-२५% पर्यंत तूट राहते. लागवड केल्यानंतर ठिबक सिंचनाची सुविधा केल्यास ढाडे मरण्याचे प्रमाण नगण्य राहते. त्यामुळे झाडांची वाढ चांगली होवून अपेक्षित तुती पानांचे उत्पादन चांगले होते. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 14-06-2023 Disable
6849 VIL 2_Yavatmal_Ner_Mozar_14-06-23 (VIL 2 Yavatmal) नमस्कार शेतकरी बंधूंनो... सॉलिडरीडॅड, वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन आणि इंडस टॉवर्स यांच्या स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. नेर तालुक्यातील मोझर येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान २८ ते ३० अंश तर कमाल ३८ ते ४० अंश सेल्सियस एवढे राहील. या आठवड्यात वातावरण ढगाळ राहून वादळी वाऱ्यासह पाउस पडण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना कापूस - या वर्षी कपाशी पेरणी साठी नियोजन असल्यास शिफारस केलेले बियाणे पेरणीपुर्वी लागणारे शेती निविष्ठाची जुळवा जुळव करून ठेवावी. त्यासाठी देशी सुधारित वाण एकेए- ५, एकेए- ७, एकेए- ८, एकेए- ८४०१ साठी बियाण्याचे हेक्टरीप्रमाण १२ ते १५ किलो अमेरिकन सुधारित जातीमध्ये एकेएच – ०८१ (यासाठी बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण १० ते १२ किलो वापरावे) , एकेएच- ०९-५ (सुवर्णा , शुभ्रा ), पिकेव्ही-रजत एकेएच – ८८२८ वाण वापरावे, यासाठी बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण १० ते १२ किलो वापरावे. देशी संकरीत जात पीकेव्ही-डीएच-१ व पीकेव्ही सुवर्णा वाणसाठी बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण ३.० ते ३.५ किलो वापरावे. सोयाबीन - पुढील पिक नियोजनानुसार शिफारस केलेले बियाणे उपलब्ध करुन ठेवावे, शकय असल्यास स्वतः जवळचे घरचे चांगल्या दर्जाचे सोयाबीन बियाणे पेरणीसाठी वापरावे तसेच प्रमाणित नसलेल्या बियाण्यांच्या बाबतीत, उगवण शिक्ती आवश्य तपासून पाहावी आणि त्यानुसार प्रती हेक्टर बियाणे पेरणीसाठी वापरावे. पेरणीपूर्वी जैविक खते तसेस बुरशीनाशकांची उपलब्धता करुन घावी. पेरणीपुर्वी बियाण्यास रायझोबियम २५ ग्रॅम/किलो, पीएसबी २५ ग्रॅम/किलो, ट्रायकोडर्मा ४ ग्रॅम/किलो, थायरम + कॅर्बेंडाझीम २+१ ग्रॅम/किलो, या प्रमाणात बीज प्रक्रिया करावी. तूर- तूर पेरणी साठी नियोजन असल्यास शिफारस केलेले बियाणे व पेरणीपूर्वी लागणारे जैविक खाते तसेच तसेच बुरशीनाशकांची उपलब्धता करून घ्यावी. त्याकरिता वाण निवडतांना आपल्या कडील जमीन पाहून निर्णय घ्यावा. यतासाठी कामिकालावधीसाठी माध्यम जमिनी करिता (आएसीपीएल ८७११९, एकेटी-८८११), मध्यम कालावधीसाठी मध्यम ते भारी जमिनी करिता ( बीएसएमआर-७३६, पीकेव्ही तारा, बीएसएमआर-८५३), तसेच अधिक कालावधीसाठी भारी जमिनी करिता (आयसीपीऐल - ८७११९ (आशा) (व पीडीकेव्ही आश्लेशा) वाणांची निवड करावी व बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण १२ ते १५ किलो वापरावे. पेरणीपुर्वी बियाण्यास रायझोबियम २५ ग्रॅम/किलो, पीएसबी २५ ग्रॅम/किलो, ट्रायकोडर्मा ४ ग्रॅम/किलो, थायरम + कॅर्बेंडाझीम २+१ ग्रॅम/किलो, या प्रमाणात बीज प्रक्रिया करावी. मुग व उडीद- मुग पेरणीसाठी नियोजन असल्यास शिफारस केलेले बियाणे व पेरणीपूर्वी लागणारे जैविक खाते तसेच तसेच बुरशीनाशकांची उपलब्धता करून घ्यावी. शिफारस केलेले पिकेव्ही – ग्रीन गोल्ड , पिकेव्ही मुग ८८०२, पिकेव्ही एकेएएम-४ यापैकी कोणताही वाण वापरता येईल. उडीद पिकासाठी वाण जसे पिकेव्ही उडीद१५ टिएयु -२ व पिडीकेव्ही ब्लॅक गोल्ड यापैकी कोणताही वाण वापरता येईल. भाजीपाला – सध्यास्थितीत कमाल व किमान तापमानात वाढ झालेली आहे तसेच प्राप्त झालेल्या हवामान अंदाजानूसार जिल्ह्यात पुढील चार दिवस वातावरण कोरडे राहण्याची शक्यता आहे. त्यामुळे उन्हाळी भाजीपाला पिकांची अति उष्णते पासून संरक्षण करण्यासाठी आवश्यकता नुसार ६-७ दिवसांनी ओलीताची व्यवस्था करावी व शक्यतोवर पाणी सकाळी व सायंकाळी द्यावे. गवार, चवळी, काकडी, दुधीभोपळा, दोडका, कारली, ढेमसे, पालक, मेथी आणि कोथिंबीर यांची आवश्यकते नुसार मशागत करावी. खरीप हंगामासाठी लागणार्‍या मिरची वांगे व टमाटेची नर्सरी रोपांची लागवड बिजप्रक्रिया जसे ट्रायकोडर्मा जैविक बुरशिनाशक वापरुन करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 13-06-2023 Disable
6850 VIL 1_Yavatmal_Ghatanji_Maregaon_14-06-23 VIL_1_Ghatanji नमस्कार शेतकरी बंधूंनो... सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. घाटंजी तालुक्यातील मारेगाव येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान २९ ते ३० अंश तर कमाल ३९ ते ४० अंश सेल्सियस एवढे राहील. या आठवड्यात वातावरण ढगाळ राहून वादळी वाऱ्यासह पाउस पडण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना कापशी - या वर्षी कपाशी पेरणी साठी नियोजन असल्यास शिफारस केलेले बियाणे पेरणीपुर्वी लागणारे शेती निविष्ठाची जुळवा जुळव करून ठेवावी. त्यासाठी देशी सुधारित वाण एकेए- ५, एकेए- ७, एकेए- ८, एकेए- ८४०१ साठी बियाण्याचे हेक्टरीप्रमाण १२ ते १५ किलो अमेरिकन सुधारित जातीमध्ये एकेएच – ०८१ (यासाठी बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण १० ते १२ किलो वापरावे) , एकेएच- ०९-५ (सुवर्णा , शुभ्रा ), पिकेव्ही-रजत एकेएच – ८८२८ वाण वापरावे, यासाठी बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण १० ते १२ किलो वापरावे. देशी संकरीत जात पीकेव्ही-डीएच-१ व पीकेव्ही सुवर्णा वाणसाठी बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण ३.० ते ३.५ किलो वापरावे. सोयाबीन - पुढील पिक नियोजनानुसार शिफारस केलेले बियाणे उपलब्ध करुन ठेवावे, शकय असल्यास स्वतः जवळचे घरचे चांगल्या दर्जाचे सोयाबीन बियाणे पेरणीसाठी वापरावे तसेच प्रमाणित नसलेल्या बियाण्यांच्या बाबतीत, उगवण शिक्ती आवश्य तपासून पाहावी आणि त्यानुसार प्रती हेक्टर बियाणे पेरणीसाठी वापरावे. पेरणीपूर्वी जैविक खते तसेस बुरशीनाशकांची उपलब्धता करुन घावी. पेरणीपुर्वी बियाण्यास रायझोबियम २५ ग्रॅम/किलो, पीएसबी २५ ग्रॅम/किलो, ट्रायकोडर्मा ४ ग्रॅम/किलो, थायरम + कॅर्बेंडाझीम २+१ ग्रॅम/किलो, या प्रमाणात बीज प्रक्रिया करावी. तूर- तूर पेरणी साठी नियोजन असल्यास शिफारस केलेले बियाणे व पेरणीपूर्वी लागणारे जैविक खाते तसेच तसेच बुरशीनाशकांची उपलब्धता करून घ्यावी. त्याकरिता वाण निवडतांना आपल्या कडील जमीन पाहून निर्णय घ्यावा. यतासाठी कामिकालावधीसाठी माध्यम जमिनी करिता (आएसीपीएल ८७११९, एकेटी-८८११), मध्यम कालावधीसाठी मध्यम ते भारी जमिनी करिता ( बीएसएमआर-७३६, पीकेव्ही तारा, बीएसएमआर-८५३), तसेच अधिक कालावधीसाठी भारी जमिनी करिता (आयसीपीऐल - ८७११९ (आशा) (व पीडीकेव्ही आश्लेशा) वाणांची निवड करावी व बियाण्याचे हेक्टरी प्रमाण १२ ते १५ किलो वापरावे. पेरणीपुर्वी बियाण्यास रायझोबियम २५ ग्रॅम/किलो, पीएसबी २५ ग्रॅम/किलो, ट्रायकोडर्मा ४ ग्रॅम/किलो, थायरम + कॅर्बेंडाझीम २+१ ग्रॅम/किलो, या प्रमाणात बीज प्रक्रिया करावी. मुग व उडीद- मुग पेरणीसाठी नियोजन असल्यास शिफारस केलेले बियाणे व पेरणीपूर्वी लागणारे जैविक खाते तसेच तसेच बुरशीनाशकांची उपलब्धता करून घ्यावी. शिफारस केलेले पिकेव्ही – ग्रीन गोल्ड , पिकेव्ही मुग ८८०२, पिकेव्ही एकेएएम-४ यापैकी कोणताही वाण वापरता येईल. उडीद पिकासाठी वाण जसे पिकेव्ही उडीद१५ टिएयु -२ व पिडीकेव्ही ब्लॅक गोल्ड यापैकी कोणताही वाण वापरता येईल. भाजीपाला – सध्यास्थितीत कमाल व किमान तापमानात वाढ झालेली आहे तसेच प्राप्त झालेल्या हवामान अंदाजानूसार जिल्ह्यात पुढील चार दिवस वातावरण कोरडे राहण्याची शक्यता आहे. त्यामुळे उन्हाळी भाजीपाला पिकांची अति उष्णते पासून संरक्षण करण्यासाठी आवश्यकता नुसार ६-७ दिवसांनी ओलीताची व्यवस्था करावी व शक्यतोवर पाणी सकाळी व सायंकाळी द्यावे. गवार, चवळी, काकडी, दुधीभोपळा, दोडका, कारली, ढेमसे, पालक, मेथी आणि कोथिंबीर यांची आवश्यकते नुसार मशागत करावी. खरीप हंगामासाठी लागणार्‍या मिरची वांगे व टमाटेची नर्सरी रोपांची लागवड बिजप्रक्रिया जसे ट्रायकोडर्मा जैविक बुरशिनाशक वापरुन करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 13-06-2023 Disable