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8051 Advisory_General_April_18_2022 खरीफ के फसल में जैविक खाद उपलब्धता के लिए वेस्ट डीकम्पोज़र के उपयोग की सलाह दी जाती है I वेस्ट डीकम्पोज़र का घोल बनाने के लिए सर्व प्रथम 200 लीटर का एक ड्रम या टंकी में ले कर उसमे 2 किलो गुड पानी में डाल कर अच्छी तरह से मिला ले I इसके बाद वेस्ट डीकम्पोज़र को पानी के टंकी में डाल दे I ध्यान रखे की इसे लकड़ी की सहायता से मिलाए और हाथो के संपर्क में न लाये Iकिसी समतल स्थान पर 1 टन फसल अवशेष या घर से प्रति दिन निकलने वाले जैविक कचरे (सब्जी के छिलके, खराब खाना, पशुओं का गोबर) आदि को एक तह के रूप में बिछा ले I तैयार घोल से इसे भिगो दे Iइसके ऊपर अपशिष्ट कचरे की पुनः एक तह बिछा दे और पुनः इस पर घोल डाल कर पूरी तरह भिगों दे Iपूरी ढ़ेर की आद्रता (नमी) 60 प्रतिशत बनाए रखे I सात-सात दिनों के अंतराल पर इस समस्त कम्पोस्ट को उलटते-पलटते रहे और ज़रूरत हो तो पुनः घोल से भिगो दे I 40-50 दिनों के बाद यह कम्पोस्ट बन कर तैयार हो जाता है जिसे खेत में डाला जा सकता है I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 Madhya Pradesh MP 19-04-2022 Disable
8052 VIF 2 Telangana Advisory 18 April 2022 దశపర్ణి ప్రక్రియ- పొలాల్లో మరియు గ్రామాలలో లభించే మొక్కలను తెగులు నియంత్రణ కోసం దశపర్ణి ఉత్పత్తికి ఉపయోగిస్తారు. ఇందులో ప్రధానంగా వేప, ఘనేరి, సీతాఫల్, నిర్గుండి, తానతని, కరంజ్, అడవి ఆముదం, బొప్పాయి, గుల్వెల్ తదితర వాటిని వాడాలి. ఒక్కొక్కటి 2 కిలోల ఆకులను తీసుకుని, 200 లీటర్ల నీరు ఉన్న ట్యాంక్‌లో నీడలో ఉంచండి. కారం పొడి మరియు వెల్లుల్లి జోడించండి. మిశ్రమాన్ని ప్రతిరోజూ ఒక కర్రతో కదిలించండి. ఒక నెల తర్వాత, చిన్న ట్యాంకుల్లో ఉంచండి. ప్రతి ఎనిమిది రోజులకు లేదా అవసరమైనప్పుడు పిచికారీ చేయాలి. సాలిడ్ రీడ్, స్మార్ట్ అగ్రి ప్రోగ్రామ్ Telangana Telangana 18-04-2022 Disable
8053 VIF Text Advisory 18 April 2022 काढणी केलेल्या गहू व हरभरा यांची सुरक्षित ठिकाणी साठवण करावी. भुईमूग पिकाच्या नाजुक अवस्थेव्यतिरिक्त जमिनीच्या मगदुराप्रमाणे 8 ते 10 दिवसांच्या अंतराने पीक पक्व होईपर्यंत पाण्याच्या पाळया द्याव्यात. कांदा पिकांवर फूलकिडींचा किंवा करपा रोगाचा प्रादुर्भाव दिसून आल्यास लॅमडा साह्यलोथ्रिन 0.6 मिलि., टेब्युकोनाझोल 1मिलि व स्टिकर 1 मिलि 10 ते 15 दिवसांच्या अंतराने साध्या हात पंपाने प्रति लिटर याप्रमाणे फवारावे. भाजीपाला पिकांवरील रसशोषक किडींचा नियंत्रणासाठी 5 टक्के निंबोळी अर्क किंवा फीप्रोनील 2.5 मिलि प्रति लिटर पाणी याप्रमाणे फवारणी करावी. काढणी केलेल्या गहू व हरभरा यांची सुरक्षित ठिकाणी साठवण कराव Maharashtra MH 17-04-2022 Disable
8054 Crop Management in Sugarcane प्रिय किसान साथियों, अप्रैल माह की १८ से २४ तारीख के दौरान तापमान 2५ से ४३ डिग्री के बीच होने की सम्भावना हैI दोपहर के समय गर्म हवा और लू चलने की सम्भावना हैI इस मौसम में गन्ने के खेतों में कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है I किसान साथी इसको ध्यान में रख कर फसल का निरीक्षण लगातार करते रहें I इस मौसम में टॉप बोरर, शूट बोरर, पिंक बोरर और लाल सडन, की सम्भावना बढ़ती है I टॉप बोरर की नर और मादा तितलियों को सुबह के समय आसानी से पकड़ कर नष्ट किया जा सकता हैI इसके बाद पत्ती की निचली सतह पर उपस्थित अण्डों को नष्ट कर दे I ट्राईकोग्रामा परजीवी के कार्ड खतों में लगाये I डेल्टा फेरोमोन ट्रैप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है I लाल सडन की बीमारी पर विशेष ध्यान दें I इस बीमारी में गन्ने की ऊपर से तीसरी या चौथी पत्ती के मध्य शिरा पर रुद्र्क्ष की माला दिखायी देती है तथा पत्ती पिली पड़ कर सूख जाती हैI ऐसे गन्नो को तुरंत जड़ से निकल कर खेत से दूर ३ फीट गहरा गड्ढा खोद कर दबा देंI गन्ने के उखाड़े गए स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर डाल कर ढक दें I इसके बाद ४ किलो प्रति एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा पाउडर को ४-५ कुन्तल गोबर की खाद में मिला कर खेत की नालियों में डालें और हलकी सिंचाई करें I प्रभावित खेत का पानी दुसरे खेतों में न जाने दे I शरद कालीन गन्ने की फसल में गैप फिलिंग अवश्य करे I १५० से १८० दिन की फसल में ७५ किलो प्रति एकड़ की दर से जड़ो के पास यूरिया डालकर हलकी मिट्टी चढ़ाएं इससे अनावश्यक कल्लो को रोकने में मदद मिलेगी I ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI Uttar Pradesh Uttar Pradesh 15-04-2022 Disable
8055 VIF Nagpur Text Advisory 14 April 2022 दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया. कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातातण् यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंबए घाणेरीए सिताफळ निर्गुंडी टणटणी करंजए जंगली एरंड पपई गुळवेल आदींचा वापर करावा प्रत्येकी किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी मिश्रण काठीने दररोज हलवावे एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा मोबा क्र 9158261922 Maharashtra MH 14-04-2022 Disable
8056 Spraying Technique কীটপট্ংগ নিয়ণ্ত্ৰণ কৰিব যাওতে মন কৰিব লগীয়া কথা : ১. স্প্ৰেয়িং কৌশলত মন দিব, পোকটো লক্ষ্য কৰি স্প্ৰে কৰিব I তাৰ বাবে WMD নজ’ল ব্যৱহাৰ কৰিব I ২. ড’জ আৰু dilution ৰ প্ৰতি নজৰ দিব I সঠিক হাৰত নামাৰিলে পোকটোৰ প্ৰতিৰোধ ক্ষমতা বাঢ়ি যায় I ৩. পোকটো পাতৰ কোন যাগাত থাকে সেইটো চাই দৰৱ মাৰিব I ৪. সদায় বাগিচাখন সুক্ষ্ম্ নিৰীক্ষনত ৰাখিব যাতে গোটেই বাগিচাখন মাৰিব লগা নহয় I ৫. পলু পোকবোৰ হাতেৰে সংগ্ৰহ কৰিব আৰু গধূলি Light Trap লগাব I ৬. চাঁ দিয়া গছবোৰত Yellow Trap লগালে বহুটো সৰু পোক মৰি যায় I ৭. চাহ গছবোৰত দৰৱ মৰাৰ একে সময়ত প্ৰয়োজন হলে চাঁ দিয়া গছবোৰটো মাৰিব I Assam Assam 13-04-2022 Disable
8057 Advisory_General_April_11_2022 ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की फसल में खरपतवार प्रबंधन अतिआवश्यक है ताकि प्रारंभिक विकास के चरण में फसल व खरपतवार की प्रतिस्पर्धा को कम कर अधिक उत्पादन लिया जा सके I फसल खरपतवार प्रतिस्पर्धा बुआई के 20 से 25 दिनों बाद अधिकतम होती है इस क्रांतिक अवस्था पर खरपतवार प्रबंधन नहीं करने की स्थिति में 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है I बुआई के 20 से 25 दिनों बाद हाथ से निराई गुड़ाई फायदेमंद रहती है I खड़ी फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15 से 20 दिनों बाद इमाजीथायपर 10 प्रतिशत एस. एल . 55 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर कि दर से मृदा में पर्याप्त नमी होने की अवस्था में छिड़काव करना चाहिए I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 Madhya Pradesh MP 12-04-2022 Disable
8058 VIL2_Yavatmal_Text Advisory_11 04 2022 दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 11-04-2022 Disable
8059 VIL2_Amravati_Text Advisory_11 04 2022 दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 11-04-2022 Disable
8060 VIL2_Wardha_Text Advisory_11 04 2022 दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. Maharashtra MH 11-04-2022 Disable