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8651 Weed Control खरपतवारनाशक एवां कीटनाशक के अलग-अलग छिड़काव में होने वाले व्यय को कम करने एवं एक साथ उपयोग करने हेतु उनकी सांगतता बाबत किये गए अनुसन्धान परीक्षण के आधार पर सोयाबीन में निम्न कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक का मिलाकर एक साथ छिड़काब किया जा सकता हैं. इसके लिया उपयुक्त संयोजन हैं I क्लोरएन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली./हे) या इन्डोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. (333 मिली./हे) या क्विनाल्फोस 25 ई.सी. (1500 मिली./हे.) के साथ अनुशंषित खरपतवारनाशक जैसे इमज़ेथापायर 10 एस.एल. (1 ली/हे.) या क्विजालाफोप इथाईल 5 ई.सी. (1 ली/हे.). सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें Rajasthan Rajasthan User 05-07-2022 Disable
8652 VIF2_Telangana Text Advisory_06 07 2022 జైనాద్ మండల రైతు సోదరులకు సూచన :: సోలిడరిడాడ్ వారి ఆధునిక ఆటోమేటెడ్ వాతావరన కేంద్ర సమాచారము మేరకు, గత వారం లో కురిసిన వాన 143.20మిల్లీ లీటర్లు గా ఉంది. వచ్చే వారం సైతం వానలు కురిసే అవకాశం 52-89 % గా ఉంది. తగిన వర్షం కురిసింది కావున రైతులు అధికంగా ఉన్న తేమను కాలువల ద్వారా పంపివేయాలి. మెఘావృతమై ఉన్నందు వల్ల తెగుళ్లు సోకే ప్రమాదం ఉన్నందున శిలింద్రనాశకాలను పిచికారి చేసుకోవాలి. ఇట్లు సాలిడేరిడాడ్ ఆసియా Telangana Telangana 05-07-2022 Disable
8653 VIF2_Text Advisory_06 07 2022 तुरीच्या या लागवड हंगामामध्ये पिकामध्ये प्रत्येक समस्येमुळे होणारे नुकसान टाळण्यासाठी सुरुवातीच्या काळात व्यवस्थापनामध्ये पुढील बदल करावे- बीटी कपाशी: तूर आंतरपिक पद्धतीमध्ये दोन्ही पिकांची जोड ओळ पद्धतीने पेरणी करावी. मूग, उडीद, सोयाबीन: तूर आंतरपिक पद्धतीमध्ये सोड ओळ किंवा पट्टापेर पद्धतीने पेरणी करावी. पेरणी यंत्राने पेरणी केल्यास निंदणाच्या वेळी विरळणी करावी. तूर पिकाच्या लागवड क्षेत्रानुसार तुरीचे शेंडे खुडणे किंवा छाटणे. जमिनीतील ओल कमी झाली असल्यास शेवरा अवस्थेपूर्वी आणि शेंगांमध्ये दाणे भरताना ओलीत करावे. शेवरा अवस्थेच्या सुरूवातीला, फुलोरा अवस्थेच्या सुरूवातीला आणि शेंगांमध्ये दाणे भरताना, कीड व रोग तसेच अन्नद्रव्य व्यवस्थपनासाठी फवारणीचे व्यवस्थापन करावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क मोबा. क्र. 9158261922. धन्यवाद! Maharashtra MH 05-07-2022 Disable
8654 VIF1_Text Advisory_06 07 2022 तुरीच्या या लागवड हंगामामध्ये पिकामध्ये प्रत्येक समस्येमुळे होणारे नुकसान टाळण्यासाठी सुरुवातीच्या काळात व्यवस्थापनामध्ये पुढील बदल करावे- बीटी कपाशी: तूर आंतरपिक पद्धतीमध्ये दोन्ही पिकांची जोड ओळ पद्धतीने पेरणी करावी. मूग, उडीद, सोयाबीन: तूर आंतरपिक पद्धतीमध्ये सोड ओळ किंवा पट्टापेर पद्धतीने पेरणी करावी. पेरणी यंत्राने पेरणी केल्यास निंदणाच्या वेळी विरळणी करावी. तूर पिकाच्या लागवड क्षेत्रानुसार तुरीचे शेंडे खुडणे किंवा छाटणे. जमिनीतील ओल कमी झाली असल्यास शेवरा अवस्थेपूर्वी आणि शेंगांमध्ये दाणे भरताना ओलीत करावे. शेवरा अवस्थेच्या सुरूवातीला, फुलोरा अवस्थेच्या सुरूवातीला आणि शेंगांमध्ये दाणे भरताना, कीड व रोग तसेच अन्नद्रव्य व्यवस्थपनासाठी फवारणीचे व्यवस्थापन करावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क मोबा. क्र. 9158261922. धन्यवाद! Maharashtra MH 05-07-2022 Disable
8655 Weed Control खरपतवारनाशक एवां कीटनाशक के अलग-अलग छिड़काव में होने वाले व्यय को कम करने एवं एक साथ उपयोग करने हेतु उनकी सांगतता बाबत किये गए अनुसन्धान परीक्षण के आधार पर सोयाबीन में निम्न कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक का मिलाकर एक साथ छिड़काब किया जा सकता हैं. इसके लिया उपयुक्त संयोजन हैं I क्लोरएन्ट्रानिलीप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली./हे) या इन्डोक्साकार्ब 15.8 ई.सी. (333 मिली./हे) या क्विनाल्फोस 25 ई.सी. (1500 मिली./हे.) के साथ अनुशंषित खरपतवारनाशक जैसे इमज़ेथापायर 10 एस.एल. (1 ली/हे.) या क्विजालाफोप इथाईल 5 ई.सी. (1 ली/हे.). सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें Madhya Pradesh MP 05-07-2022 Disable
8656 Sugarcane crop management प्रिय किसान साथियों, जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में 4 से 10 जुलाई के दौरान हरदोई और लखीमपुर जिलों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी लेकिन अधिकतम तापमान में कुछ और कमी आयेगीI सप्ताह के दौरान न्यूनतम तापमान 28 डिग्री से लेकर अधिकतम 37 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगाI वायुमंडल में नमी लगभग 75 प्रतिशत तक रहेगीI पूरे सप्ताह बादल दिखेंगे, और 4 से 5 जुलाई के दौरान गरज- चमक के साथ वर्षा की पूरी सम्भावना हैI ऐसी परिस्थितियों में बिमारियों के जीवाणु बढ़ेंगे और फसलों में बीमारियाँ भी बढ़ सकती हैंI बारिश के बाद गन्ने में पोक्का बोईंग रोग के लक्षण दिखते हैI पत्तियौ में जड़ की तरफ पीले रंग के धब्बे दिखायी पड़ते हैं तथा पत्तियाँ सिकुड़ने लगती हैंI इससे बचाव के लिए २५० ग्राम बाविस्टिन दवा को २५० लीटर पानी में घोल कर एक एकड़ की दर से खेतों में छिडकाव करेंI लाल सडन रोग पर विशेष ध्यान देंI यदि पेड़ की उपरी 3-4 पत्तियाँ पिली पड़कर सूखने लगें तो ऐसे पेड़ों का निरीक्षण करें और रोग से ग्रसित गन्नो को जड़ से उखाड़ लें तथा खेत से बाहर जमीन के नीचे ३-४ फीट गड्ढा खोद कर दबा देंI उखाड़े गए स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर डाल कर मिट्टी से ढक देI इसके बाद प्रति एकड़ 4 किलो ट्राईकोडरमा को 100 लीटर पानी में घोल लें तथा 4-5 कुंटल गोबर के खाद में मिलाकर छाये में सुखाएंI 48 घंटे बाद इस मिश्रण को लाल सडन रोग से प्रभावित गन्ने की लाइनों में डाल कर हल्का पानी लगायेंI ध्यान रखें कि सिंचाई के दौरान इस खेत का पानी दूसरे खेतों में न जायेI खेत का नियमित निरीक्षण करें पायरीला, ग्रास होपर, जैसे कीटो के साथ खर पतवार को नियंत्रित करते रहेंI शरद कालीन गन्ने के पौधों पर मिट्टी चढाने का काम कर लेI इस समय गन्ने के पौधे अपनी बढ़वार वाली अवस्था में आयेगाI यदि गन्ने के पौधों की लम्बाई 6-7 फीट से अधिक हो गयी हो तो पौधों की जड़ों से लगभग २ फीट की ऊंचाई पर हर मेढ़े की पहली बंधाई कर ले इससे हवा चलने या बारिश होने की स्थिति में गन्ने के पौधे नहीं गिरेंगेI जिन किसानों ने धान की नर्सरी तैयार की है उनसे अनुरोध है कि खेत की तैयारी के बाद धान की रोपाई का काम आरम्भ कर देंI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI Uttar Pradesh Uttar Pradesh 30-06-2022 Disable
8657 June 30th 2022 বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। আমাৰ বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী অহা সপ্তাহত সংশ্লিষ্ট জিলাবোৰত, বতৰ সাধাৰণতে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু পাতলৰ পৰা মধ্যমীয়া বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনা থাকিব। পৰৱৰ্তী ৭ দিনৰ বাবে সৰ্বাধিক তাপমাত্ৰা প্ৰায় ২৭°চে.ৰ পৰা ৩৬°চে. আৰু নিম্নতম তাপমাত্ৰা প্ৰায় ২৫° চে.ৰ পৰা ২৭° চে. হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৯% আৰু ৮০% ৰ আশে-পাশে থাকিব। বতাহ গড়ে প্ৰতি ঘণ্টাত প্ৰায় ৪-১০ কিলোমিটাৰ বেগত প্ৰবাহিত হব। বানত বেয়াকৈ ক্ষতিগ্ৰস্ত হোৱা চাহ গছ বোৰত গছবোৰ পুনৰুজ্জীৱিত নোহোৱালৈকে বা নতুন পাত ওলোৱা আৰম্ভ নোহোৱালৈকে প্লাকিং কেইদিনমানৰ বাবে বন্ধ ৰখা উচিত। যেতিয়া আকৌ নতুনকৈ পাত ওলাব ধৰে তেতিয়াহে এটা বা দুটা পাতৰ ওপৰত তুলিব লাগিব যাতে গছে পাতৰ জৰিয়তে খাদ্য গ্ৰহণ কৰিব পাৰে।মৰি যোৱা ডাল বোৰ কাটি পেলাব লাগে আৰু কটা ডালৰ মুখত Indopaste লগাব ।এই সময়ত বিশেষকৈ Helopeltis , Aphids, Flush worms , Green flies ,Red Spider আদি পোক-পতংগৰ আক্ৰমণ দেখা যায় । একেদৰে কিছুমান অঞ্চলত প্ৰতিকূল বতৰত Red Rust আৰু Black Rotৰ আক্ৰমণো লক্ষ্য কৰিব পাৰে। এই ৰোগবোৰ সাধাৰণতে মাটিৰ পুষ্টিৰ অভাৱ আৰু পানী জমা হোৱাৰ পিছত দেখা যায়। পানী জমা এলেকাবোৰত প্ৰয়োজনীয় ব্যৱধানত সৰু নলাৰ ব্যৱস্থা কৰিব । সংক্ৰমিত এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰি প্লাকিং কৰাৰ পিছত অনুমোদিত ৰাসায়নিক পদাৰ্থৰ স্পট স্প্ৰে (Spot spraying) কৰি নিয়ন্ত্ৰণ কৰিব। চাহ বাগিচাত পোক-পতংগ দেখা পোৱাৰ লগে লগে "Search and Kill" পদ্ধতি সম্পন্ন কৰাটো গুৰুত্বপূৰ্ণ। এই পদ্ধতিটোৱে চেকেন্ড ফ্লাশৰ সময়ত ভাল চাহ পাত পোৱাত সহায় কৰে। পাচলিশস্য যেনে লাও, জিকা, ভাত কেৰেলাত প্ৰতিকূল বতৰৰ বাবে Fruit fly, Epilachna beetle, Leaf Hopper আদিৰ আক্ৰমণ হব পাৰে। কীট নিয়ণ্ত্ৰণ কৰিবলৈ লেম্বডা চাইহেলোথ্ৰিন ৫ ইচি (@ প্ৰতি ১০ লিটাৰ পানীত ৩-৫ মিলি) বা এমামেক্টিন বেনজোয়েট ৫% এছজি (@ ৫ গ্ৰাম প্ৰতি ১০ লিটাৰ পানীত ) বৰষুণ মুক্ত সময়ত স্প্ৰে কৰিব। ধন্যবাদ। Assam Assam 29-06-2022 Disable
8658 VIF Telangana Advisory 29 June 2022 జైనాద్ మండల రైతు సోదరులకు సూచన :: సోలిడరిడాడ్ వారి ఆధునిక ఆటోమేటెడ్ వాతావరన కేంద్ర సమాచారము మేరకు, గత వారం లో కురిసిన వాన 34 మిల్లీ లీటర్లు గా ఉంది. ఇది కురవ వలసిన దాని కంటే 60% తక్కువ. వచ్చే వారం సైతం వానలు కురిసే అవకాశం 40-88% మాత్రమే. కావున అవకాశం ఉన్న రైతులు మొలిచిన విత్తనానికి నీరు అందించాలి. తగిన వర్షం వచ్చాకే కొత్త పంటను విత్తుకోవాలి. ఇట్లు సాలిడేరిడాడ్ ఆసియా Telangana Telangana 29-06-2022 Disable
8659 VIF 2 Text Advisory 29 June 2022 कापसाचे पीक हे जास्त कालावधीचे पीक आहे. कपाशीच्या बियाण्याची उगवण होण्यासाठी १८ ते २० अंश सेल्सिअस, अधिक वाढ होण्यासाठी २० ते २७ अंश सेल्सिअस इतक्या तापमानाची आवश्यकता असते. कापसामध्ये सामान्यतः मूग व उडीद ही पिके आंतरपिक म्हणून घेतली जातात. याव्यतिरिक्त चवळी, झेंडू व तूर ही पिकेही आंतरपिक म्हणून परिणामकारक आणि फायदेशीर ठरतात. झेंडू किंवा तुरीच्या काही ओळींची लागवड केल्यास कीड व कीटकांचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. तसेच बहूआंतरपिक पद्धतीसुद्धा कीड व कीटकांचा प्रादुर्भाव ईटीएल पेक्षा कमी करण्यास अतिशय फायदेशीर ठरते. तसेच बहूआंतरपिक पद्धतीमुळे जास्तीत जास्त उत्पादन, कमीत कमी कीटक समस्या व मातीची सुपीकता राखण्यास अतिशय उपयुक्त ठरते. Maharashtra MH 28-06-2022 Disable
8660 VIF 1 Text Advisory 29 June 2022 कापसाचे पीक हे जास्त कालावधीचे पीक आहे. कपाशीच्या बियाण्याची उगवण होण्यासाठी १८ ते २० अंश सेल्सिअस, अधिक वाढ होण्यासाठी २० ते २७ अंश सेल्सिअस इतक्या तापमानाची आवश्यकता असते. कापसामध्ये सामान्यतः मूग व उडीद ही पिके आंतरपिक म्हणून घेतली जातात. याव्यतिरिक्त चवळी, झेंडू व तूर ही पिकेही आंतरपिक म्हणून परिणामकारक आणि फायदेशीर ठरतात. झेंडू किंवा तुरीच्या काही ओळींची लागवड केल्यास कीड व कीटकांचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. तसेच बहूआंतरपिक पद्धतीसुद्धा कीड व कीटकांचा प्रादुर्भाव ईटीएल पेक्षा कमी करण्यास अतिशय फायदेशीर ठरते. तसेच बहूआंतरपिक पद्धतीमुळे जास्तीत जास्त उत्पादन, कमीत कमी कीटक समस्या व मातीची सुपीकता राखण्यास अतिशय उपयुक्त ठरते. Maharashtra MH 28-06-2022 Disable