Message List: 9383
S.No | Message Title | Message | State | Created By | Creation Date | Status | Action |
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8671 | VIF 1 Text Advisory 22 June 2022 | शेतकर्यांनी पेरणीपुर्वी बिजप्रक्रिया अवश्य करावी. बिजप्रकियेसाठी बिजामृत कसे बनवावे याबद्द्ल आज आपण माहिती घेऊ. 10 किलोच्या बियाणांसाठी बिजामृत तयार करताना वापरले जाणारे प्रमाण खालीलप्रमाणे आहे. 4 लीटर पाणी, 1 किलो देशी गाईचे शेण, 1 लीटर देशी गाईचे गोमुत्र, 10 ग्रॅम कळीचा चुना, मुठभर बांधावरची माती हे मिश्रण एकत्र करून चांगले मिसळून घ्या व ढवळतांना डावीकडून उजवीकडे ढवळा. ड्रमच्या तोंडावर गोणपाट झाका व रात्रभर ठेवा. दुसऱ्या दिवशी गरजेप्रमाणे बीजप्रक्रियेसाठी वापरा. याऐवजी हळद, ग़ोमूत्र, शेण, माती यांचे मिश्रण तयार करून गरजेनुसार बियाण्यांना लावाता येते . त्याच बरोबर पेरणी केल्यानंतर शेतकर्यांनी लगेचच 4 ते 6 इंच आकाराच्या सच्छिद्र पॉलिथिन पिशव्यामध्ये माती आणि कंपोस्ट अथवा शेणखत भरावे व पाणी द्यावे . नंतर प्रत्येक पिशवीत 2 ते 3 बिया लावाव्यात . या पिशव्यांचा उपयोग नांगे भरण्यासाठी करावा. तोपर्यंत पिशव्या झाडाच्या सावलीत ठेवून त्यांचे किडींपासून संरक्षण करावे. साधारणपणे एका एकराच्या नांग्या भरण्यासाठी 250 ते 300 पिशव्या पुरतात. उगवणीनंतर 3 ते 5 दिवसात खाडे भरावेत. आणि 15 ते 20 दिवसात विरळणी करुन अपेक्षित झाड संख्या राखावी. | Maharashtra | MH | 21-06-2022 | Disable |
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8672 | Advisory Fertilizer Recommendation | सोयाबीन के फसल में अनुशंसित रसायनिक उर्वरकों की संतुलित मात्रा खेत में अंतिम जुताई से पूर्व डालकर भली भाँति मिट्टी में मिला देंवे I यूरिया 56 किलोग्राम, सिंगल सुपर फॉस्फेट 375 किलोग्राम ,म्यूरेट ऑफ पोटाश 67 किलोग्राम अथवा डीएपी 125 किलोग्राम, म्यूरेट ऑफ पोटाश 67 किलोग्राम, जिप्सम 150 से 200 किलोग्राम अथवा मिश्रित उर्वरक (एन पी के 12:32:16) 200 किलोग्राम, जिप्सम 150 से 200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का उपयोग करें I उर्वरकों की मात्रा का मृदा जॉंच के परिणाम के विश्लेषण के आधार पर समायोजन करें I बीज के साथ उर्वरक मिलाकर बोवनी कदापि न करें बोवनी के पूर्व अनिशंसित कवकनाशकों से उपचार व राईजोबियम व पीएसबी कल्चर से टीकाकरण अवश्य करें I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Madhya Pradesh | MP | 21-06-2022 | Disable |
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8673 | Sugarcane and Disease Management | प्रिय किसान साथियों, आगामी २० से २६ जून के दौरान हरदोई और लखीमपुर जिलों में तापमान में कमी आयेगी और यह न्यूनतम २८ डिग्री से लेकर अधिकतम ३६ डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगाI सुबह के समय वायुमंडल में आर्द्रता ५० प्रतिशत तक रहेगीI पूरे सप्ताह बादल दिखेंगे, और २० से २२ तारीख के दौरान वर्षा की पूरी सम्भावना हैI ऐसी परिस्थितियों में फसलों में कीट और रोग तेजी से लगते हैI जिन किसान साथियों ने अपने खेतों में गन्ने की बुवारी और पैडी फसलों कीट प्रबंधन की व्यवस्था अभी तक नहीं की है उनसे अनुरोध है कि अपने खेतों में १५० मिली कोराजेन को 400 लीटर पानी में घोल कर अवश्य छिड़क देंI इससे टॉप बोरर, शूट बोरर और पिंक बोरर जैसे कीटों को ९० दिनों तक फसल से दूर रखा जा सकता हैI ध्यान रहे कि दवा का छिडकाव सुबह १० बजे से पहले या शाम को ५ बजे के बाद करेंI ३० जून के बाद इस छिडकाव से फसल को मिलने वाला लाभ कम हो जायेगाI खेत का नियमित निरीक्षण करें और खर पतवार को नियंत्रित करते रहेंI कीटों के नियंत्रण के लिए येल्लो स्टिकी कार्ड का उपयोग करेंI जिन किसान साथियों ने अभी तक खाद की अंतिम मात्रा नहीं डाली है उनसे भी अनुरोध है कि गन्ने की बुवारी और पैडी फसलों में ५० किलो यूरिया के साथ २५ किलो पोटाश प्रति एकड़ की दर से खुड़ों में अवश्य डाल कर मिट्टी चढ़ाएं और आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करेंI किसान साथियों से अनुरोध है लाल सडन रोग का विशेष ध्यान रखेंI रोग से ग्रसित गन्नो को जड़ से उखाड़ लें और खेत से बाहर जमीन के नीचे ३-४ फीट गड्ढा खोद कर दबा देंI उखाड़े गए स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर डाल कर मिट्टी से ढक देI ध्यान रखें कि सिंचाई के दौरान इस खेत का पानी दूसरे खेतों में न जायेI जो किसान धान की फसल लेना चाहते है उनसे अनुरोध है कि इस सप्ताह तक धान की नर्सरी निश्चित रूप से लगा लेंI धान की रोपाई के लिए खेत की तैयारी अच्छे से करेंI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 16-06-2022 | Disable |
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8674 | June 16th 2022 | বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। আমাৰ বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী অহা সপ্তাহত সংশ্লিষ্ট অঞ্চলবোৰত মধ্যমীয়াৰ পৰা ধাৰাসাৰ বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনাৰ সৈতে বতৰ ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব। সৰ্বাধিক তাপমাত্ৰা প্ৰায় ২৪°চে.ৰ পৰা ৩০ °চে. আৰু নিম্নতম তাপমাত্ৰা প্ৰায় ২২°চে.ৰ পৰা ২৬° চে. হৈ থাকিব বুলি ধাৰণা কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৮% আৰু ৮০% হব। বতাহ গড়ে প্ৰতি ঘণ্টাত প্ৰায় ৮ - ৪ কিলোমিটাৰ বেগত প্ৰবাহিত হব। যিহেতু বাৰিষা আৰম্ভ হৈছে, চাহ আৰু পাচলিৰ বাগিচাত পানী জমা হোৱাৰ পৰিস্থিতিত, অতিৰিক্ত পানীখিনি উলিয়াই অনাৰ বাবে সৰু সৰু নলাৰ ব্যৱস্থা কৰিব। কৃষকসকলে নিশ্চয় প্ৰথম কিস্তিত কৰিব লগা সাৰ প্ৰয়োগ প্ৰায় সকলোবোৰ বাগানত ইতিমধ্যে সম্পন্ন কৰিছে । যত এতিয়াও সাৰ প্ৰয়োগ সম্পন্ন কৰা হোৱা নাই, অতি সোনকালেই বাগিচাবোৰত সাৰৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগিব । অনুগ্ৰহ কৰি নিশ্চিত কৰক যে চাহ বাগিছাখন অপতৃণৰ পৰা মুক্ত। প্ৰতিজোপা চাহ গছত আৰু প্ৰতি বিঘাত প্ৰয়োগ কৰিব লগা সাৰৰ হিচাব প্ৰয়োগৰ আগতে শুদ্ধভাৱে কৰি লব। সাৰ প্ৰয়োগ বৰষুণ নোহোৱা সময়ত কৰিব I ভেণ্ডিৰ বাৰিষা কালত কৰা খেতিৰ উপযুক্ত সময় হল- মে মাহৰ পৰা জুলাই মাহ। মাটি ডৰা ভাল দৰে প্ৰস্তুত কৰি লব লাগে আৰু জৈৱিক সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। শাৰি আৰু গছৰ মাজৰ ব্যৱধান ক্ৰমে ৬০ ছেন্টিমিটাৰ আৰু ৪৫ ছেন্টিমিটাৰ হব লাগে। কৃষকসকলে পুচা চাৱানী (Pusa Sawani), প্ৰভানী ক্ৰান্তি (Prabhani Kranti) আৰু অন্যান্য নিৰ্বাচিত স্থানীয় প্ৰকাৰৰ বীজ সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে আৰু উপযুক্ত বতৰৰ পৰিস্থিতিত বীজ ৰোপণ কৰিব পাৰে। যিহেতু অহা কেইদিনমানত বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে, সেয়েহে বতৰ চাই-চিতি কীট নাশক দৰৱ স্প্ৰে কৰিব। যদি গছত সংক্ৰমণ বেছি পৰিমানে দেখা যায়, বৰষুণ মুক্ত অৱস্থাত স্প্ৰে কৰিব পাৰে। ধন্যবাদ। | Assam | Assam | 15-06-2022 | Disable |
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8675 | VIF Telangana Text Advisory 15 June 2022 | జైనాద్ మండల రైతు సోదరులకు సూచన :: సోయబీన్ విత్తనం ధరలు అధికముగా ఉన్నందు వలన, విత్తన వృధా మరియు ఖర్చు తగ్గించు కోవడానికి రైతులు తప్పనిసరిగా విత్తన మొలక శాతాన్ని నిర్దారించుకోవాలి. వంద సొయా విత్తనాలలో కనీసం 75 విత్తనాలు మొలుస్తేనే ఆ విత్తనాన్ని వాడాలి. తగిన వర్షాలు కురిస్తేనే అనగా కనీసం 80mm వర్షం అనగా, రెండు పెద్ద వర్షాలు పడితేనే విత్తనాన్ని విత్తుకోవాలి. ఇట్లు సాలిడేరిడాడ్ ఆసియా | Telangana | Telangana | 15-06-2022 | Disable |
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8676 | VIF 2 Text Advisory 15 June 2022 | शेतकर्यांना पुन्हा एकदा सुचविण्यात येते की 80 ते 100 मिमी पाऊस झाल्यानंतरच पेरणी करावी. आज आपण कापूस पिकाच्या खत नियोजना बद्द्ल माहिती घेऊ. खत नियोजन करताना शक्यतो माती परिक्षणाच्या अहवाला नुसार करावे . कापूस पिकासाठी साधारण खत मात्रा खालीलप्रमाणे आहेत. संकरित कापसासाठी प्रति हेक्टरी १०० किलो नत्र, ५० किलो स्फुरद व ५० किलो पालाश, तर सुधारित वाणांसाठी शेणखत शेवटच्या कुळवाच्या पाळी अगोदर द्यावे किंवा खते कमी असल्यास लागवडीच्या वेळी प्रत्येक फुलीवर छोटा खड्डा घेऊन त्यात ओंजळभर शेणखत टाकावे व मातीत चांगले मिसळावे. वीस टक्के नत्र व संपूर्ण स्फुरद व पालाश पेरणीच्या वेळी द्यावे व उरलेले नत्र समान दोन हप्त्यांत पेरणीनंतर ३० व ६० दिवसांनी द्यावे. बीटी वाणासाठी शिफारशीत खतमात्रेपेक्षा २५ टक्के रासायनिक खतमात्रा जास्त घ्याव्यात. नत्र, स्फुरद व पालाश या प्रमुख घटकांव्यतिरिक्त कापूस पिकास मॅग्नेशियम, गंधक, लोह, जस्त, मॅगनीज आणि बोरॉन या सूक्ष्म अन्नद्रव्यांची सुध्दा गरज असते. ही अन्नद्रव्ये विद्राव्य खतांमध्ये उपलब्ध असतात. सूक्ष्म अन्नद्रव्यांमुळे बोंडाची पूर्णपणे वाढ होऊन बोंडे लवकर फुटतात. द्रवरुप खते संचाद्वारे देण्यासाठी व्हेंचुरी किंवा खत टाकी इंजेक्टर पंप या साधनांचा वापर करावा. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 14-06-2022 | Disable |
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8677 | VIF 1 Text Message 15 June 2022 | शेतकर्यांना पुन्हा एकदा सुचविण्यात येते की 80 ते 100 मिमी पाऊस झाल्यानंतरच पेरणी करावी. आज आपण कापूस पिकाच्या खत नियोजना बद्द्ल माहिती घेऊ. खत नियोजन करताना शक्यतो माती परिक्षणाच्या अहवाला नुसार करावे . कापूस पिकासाठी साधारण खत मात्रा खालीलप्रमाणे आहेत. संकरित कापसासाठी प्रति हेक्टरी १०० किलो नत्र, ५० किलो स्फुरद व ५० किलो पालाश, तर सुधारित वाणांसाठी शेणखत शेवटच्या कुळवाच्या पाळी अगोदर द्यावे किंवा खते कमी असल्यास लागवडीच्या वेळी प्रत्येक फुलीवर छोटा खड्डा घेऊन त्यात ओंजळभर शेणखत टाकावे व मातीत चांगले मिसळावे. वीस टक्के नत्र व संपूर्ण स्फुरद व पालाश पेरणीच्या वेळी द्यावे व उरलेले नत्र समान दोन हप्त्यांत पेरणीनंतर ३० व ६० दिवसांनी द्यावे. बीटी वाणासाठी शिफारशीत खतमात्रेपेक्षा २५ टक्के रासायनिक खतमात्रा जास्त घ्याव्यात. नत्र, स्फुरद व पालाश या प्रमुख घटकांव्यतिरिक्त कापूस पिकास मॅग्नेशियम, गंधक, लोह, जस्त, मॅगनीज आणि बोरॉन या सूक्ष्म अन्नद्रव्यांची सुध्दा गरज असते. ही अन्नद्रव्ये विद्राव्य खतांमध्ये उपलब्ध असतात. सूक्ष्म अन्नद्रव्यांमुळे बोंडाची पूर्णपणे वाढ होऊन बोंडे लवकर फुटतात. द्रवरुप खते संचाद्वारे देण्यासाठी व्हेंचुरी किंवा खत टाकी इंजेक्टर पंप या साधनांचा वापर करावा. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 14-06-2022 | Disable |
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8678 | Advisory Soy - Seed Treatment | सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 8-10 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करें I बीज अच्छी तरह सूख जाने के बाद कीटनाशक थायमिथोक्सम ३० एफ. एस. @ 10 मि.ली.प्रति किलो बीज से बीजोपचार करें I न्यूनतम 100 मिलीमीटर वर्षा होने पर ही सोयाबीन की बुवाई करें I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Rajasthan | Rajasthan User | 13-06-2022 | Disable |
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8679 | Advisory Soy - Seed Treatment | सोयाबीन में कीटों व रोगों से बचाव के लिए कवकनाशक से बीज को उपचारित करने के बाद कीटनाशक से उपचार करना चहिये I कवकनाशक पेनफ्लूफेन + ट्राईफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 ऍफ़ एस @ 1 मि ली /किलोग्राम बीज से अथवा थाईरम (२ ग्राम) + कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) / किलोग्राम बीज अथवा ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 8-10 ग्राम /किलोग्राम बीज से उपचारित करें I बीज अच्छी तरह सूख जाने के बाद कीटनाशक थायमिथोक्सम ३० एफ. एस. @ 10 मि.ली.प्रति किलो बीज से बीजोपचार करें I न्यूनतम 100 मिलीमीटर वर्षा होने पर ही सोयाबीन की बुवाई करें I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Madhya Pradesh | MP | 13-06-2022 | Disable |
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8680 | June 3rd week Advisory | प्रिय किसान साथियों, आगामी १३ से १९ जून के दौरान हरदोई और लखीमपुर जिलों में तापमान में हल्की कमी आयेगी और २८ डिग्री से ४२ डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगाI सुबह के समय वायुमंडल में आर्द्रता या उमस अधिक रहेगीI पूरे सप्ताह धूप रहेगी, बादल भी दिखेंगे, लेकिन वर्षा नहीं होगीI ऐसी परिस्थितियों में फसलों में कीट और रोग बहुत तेजी से लगते हैI किसान साथी अपने खेतों में गन्ने की बुवारी और पैडी फसलों में १५० मिली कोराजेन को 400 लीटर पानी में घोल कर खेतों में अवश्य छिड़क देंI इससे टॉप बोरर, शूट बोरर और पिंक बोरर जैसे कीटों को ९० दिनों तक फसल से दूर रखा जा सकता हैI ध्यान रहे कि दवा का छिडकाव सुबह १० बजे से पहले या शाम को ५ बजे के बाद करेंI जिन किसान साथियों ने अभी तक खाद की अंतिम मात्रा नहीं डाली है उनसे अनुरोध है कि इस सप्ताह तक गन्ने की बुवारी और पैडी फसलों में ५० किलो यूरिया के साथ २५ किलो पोटाश प्रति एकड़ की दर से खुड़ों में अवश्य डाल कर मिट्टी चढ़ाएं और आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करेंI खेत का नियमित निरीक्षण करें और खर पतवार को नियंत्रित करते रहेंI कीटों के नियंत्रण के लिए येल्लो स्टिकी कार्ड का उपयोग करेंI किसान साथियों से अनुरोध है लाल सडन रोग का विशेष ध्यान रखेंI रोग से ग्रसित गन्नो को जड़ से उखाड़ लें और खेत से बाहर जमीन के नीचे ३-४ फीट गड्ढा खोद कर दबा देंI उखाड़े गए स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर डाल कर मिट्टी से ढक देI ध्यान रखें कि सिंचाई के दौरान इस खेत का पानी दूसरे खेतों में न जायेI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 10-06-2022 | Disable |
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