Message List: 9383
S.No | Message Title | Message | State | Created By | Creation Date | Status | Action |
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8691 | VIF 2 Text Advisory 1 June 2022 | कापसाचे बियाणे व बिजप्रक्रिया याबद्दल जाणून घेऊ. कापसाचे बियाणे निवड करताना सर्वसामान्यपणे, कमीतकमी बियाणे खर्च व बियाणाची स्वसक्षमता राखण्यासाठी घरचाच बियाणाची शिफारस केली जाते. पिकावर अळीचा प्रादुर्भाव रोखण्यासाठी लवकर परिपक्व होणार्या जातीचे बियाणे वापरावे. कापूस बिजप्रक्रिया करताना बिजामृत 200 ग्रॅम प्रति किलो व ट्रायकोडर्मा व्हीरिडी 8 ग्रॅम प्रति किलो असे मिश्रण करून करावी. बियाणे शेडखाली वाळवून घ्यावे. त्यानंतर अॅझाटोबॅक्टर व पीएसबी जैविक खताची 5 ग्रॅम प्रति किलो दोन्ही अशी प्रक्रिया करावी व बियाणे शेडमध्ये वाळवून घ्यावे. प्रक्रिया केलेल्या बियाण्याची 6 ते 8 तासामध्ये पेरणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 31-05-2022 | Disable |
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8692 | VIF 1 Text Advisory 1 June 2022 | कापसाचे बियाणे व बिजप्रक्रिया याबद्दल जाणून घेऊ. कापसाचे बियाणे निवड करताना सर्वसामान्यपणे, कमीतकमी बियाणे खर्च व बियाणाची स्वसक्षमता राखण्यासाठी घरचाच बियाणाची शिफारस केली जाते. पिकावर अळीचा प्रादुर्भाव रोखण्यासाठी लवकर परिपक्व होणार्या जातीचे बियाणे वापरावे. कापूस बिजप्रक्रिया करताना बिजामृत 200 ग्रॅम प्रति किलो व ट्रायकोडर्मा व्हीरिडी 8 ग्रॅम प्रति किलो असे मिश्रण करून करावी. बियाणे शेडखाली वाळवून घ्यावे. त्यानंतर अॅझाटोबॅक्टर व पीएसबी जैविक खताची 5 ग्रॅम प्रति किलो दोन्ही अशी प्रक्रिया करावी व बियाणे शेडमध्ये वाळवून घ्यावे. प्रक्रिया केलेल्या बियाण्याची 6 ते 8 तासामध्ये पेरणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 31-05-2022 | Disable |
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8693 | Advisory 31.05.2022 | मूंग एवं उड़द की फसल में 85 प्रतिशत फलियां परिपक्व हो जायें तब फसल की कटाई करें। अधिक पकने पर फलियां चटक सकती हैं अत: कटाई समय पर किया जाना आवश्यक होता है। कटाई उपरांत फसल को गहाई करके बीज को 9 प्रतिशत नमी तक सुखाकर भंडारण करें। सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Madhya Pradesh | MP | 31-05-2022 | Disable |
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8694 | VIF Telangana Text Advisory 31 May 2022 | జైనాద్ మండల రైతు సోదరులకు సూచన :: సోయబీన్ విత్తనం ధరలు అధికముగా ఉన్నందు వలన, విత్తన వృధా మరియు ఖర్చు తగ్గించు కోవడానికి రైతులు తప్పనిసరిగా విత్తన మొలక శాతాన్ని నిర్దారించుకోవాలి. వంద సొయా విత్తనాలలో కనీసం 75 విత్తనాలు మొలుస్తేనే ఆ విత్తనాన్ని వాడాలి. తగిన వర్షాలు కురిస్తేనే అనగా కనీసం 80mm వర్షం అనగా, రెండు పెద్ద వర్షాలు పడితేనే విత్తనాన్ని విత్తుకోవాలి. ఇట్లు సాలిడేరిడాడ్ ఆసియా | Telangana | Telangana | 31-05-2022 | Disable |
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8695 | June 1st Week Advisory | प्रिय किसान साथियों, जून माह के पहले सप्ताह में ५ तारीख तक हरदोई और लखीमपुर जिलों के तापमान में फिर वृद्धि होगी जो २८ डिग्री से ४३ डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगाI दिन में कुछ बदल दिखेंगे जिससे मौसम में आर्द्रता बढ़ेगी लेकिन वर्षा नहीं होगीI इन परिस्थितियों में गन्ने के खेतों में टॉप बोरर का प्रकोप बढ़ सकता हैI ऐसे में किसान साथी १५० मिली कोराजेन को 400 लीटर पानी में घोल कर गन्ने के तनों को भिगोये और उसके बाद खेतों में हलकी सिंचाई करेंI गन्ने की बुवारी और पैडी फसलों में मिट्टी चढ़ाकर खाद की अंतिम मात्रा जिसमे यूरिया ५० किलो और पोटाश २५ किलो प्रति एकड़ के दर से जड़ों के पास डालेंI यह काम बरसात से पहले कर लेंI गन्ने के खेतों में छोटे ट्रेक्टर या बैलों की सहायता से खर-पतवार नियंत्रण का काम पूरा कर लें जिससे फसल को अच्छी खुराक मिल सकेI खेत की निराई-गुड़ाई करने के बाद खर-पतवार को खेत से बाहर निकाल दें और गन्ने के पौधों पर मिट्टी चढाते हुए नालियां बनायेI खेत में शेष रह गए खर-पतवार के सूख जाने के बाद ही गन्ने की नालियों में सिंचाई करेंI खर पतवार नियंत्रण के लिए २-४ डी को प्रति एकड़ के लिए एक लीटर दवा की मात्रा को 400 लीटर पानी में घोल कर लाइनों के बीच स्प्रे करेंI लाल सडन रोग का इस समय विशेष ध्यान रखें और खेतों में प्रभावित पौधों को जड़ से निकाल कर नष्ट कर दें I बीमारी से ग्रसित खेत का पानी सिंचाई के दौरान दूसरे खेतों में न जाने दें I ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 26-05-2022 | Disable |
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8696 | May 26th 2022 | *বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ * VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম।আমাৰ বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী সংশ্লিষ্ট সকলো জিলাতে, ২৬ আৰু ২৭ মেত পাতল বৰষুণহোৱাৰ সম্ভাৱনাৰ সৈতে অহা ৭ দিনত বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব। দৈনিক সৰ্বাধিক আৰু সৰ্বনিম্ন তাপমাত্ৰা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ২৮ ৰ পৰা ৩৫° চে. আৰু ২৪ ৰ পৰা ২৬° চে. ৰ ভিতৰত থাকিব । ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯০% আৰু ৭০% হব। বতাহ মুখ্যতঃ উত্তৰ-পূবদিশৰ পৰা প্ৰতি ঘণ্টাত গড়ে ৫ ৰ পৰা ৭ কিলোমিটাৰ বেগত প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিত যদি পানী জমা হয় তেন্তে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱধানত সৰু নলাৰ ব্যৱস্থা কৰিব। সাৰৰ প্ৰয়োগ বৰষুণ নোহোৱা সময়ত কৰিব পাৰে । অনুগ্ৰহ কৰি নিশ্চিত কৰক যে চাহ বাগিছাখন অপতৃণৰ পৰা মুক্ত। প্ৰতিজোপা চাহ গছত আৰু প্ৰতি বিঘাত প্ৰয়োগ কৰিব লগা সাৰৰ হিচাব প্ৰয়োগৰ আগতে শুদ্ধভাৱে কৰিব। এফিড, গ্ৰীন ফ্লাইৰ দৰে পোক উষ্ণতা বৃদ্ধিৰ ফলত দেখিলে বৰষুণ মুক্ত সময়ত স্প্ৰে কৰিব । পাচলি বাগিছাত অতিৰিক্ত পানী উলিয়াবলৈ বাগিচাবোৰত প্ৰয়োজনীয় ব্যৱধানত সৰু নলাৰ ব্যৱস্থা কৰিব। পৈনত শষ্য তৎকালীনভাবে চপাব লাগে। চপোৱা শস্য সঠিক স্থানত ৰাখিব লাগে যাতে বৰষুণৰ পৰা সুৰক্ষিত থাকে। মাখি, এপিলাকনা বিটল, এফিডৰ দৰে কীট নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ পাচলিশস্য যেনে জিকা, ভাত কেৰেলা আদিত লেম্বডা চাইহেলোথ্ৰিন 5 EC @ প্ৰতি ১০ লিটাৰ পানীত ৩-৫ মিলি বা এমামেক্টিন বেনজোয়েট 5% SG @ ৫ গ্ৰাম প্ৰতি ১০ লিটাৰ পানীত মিহলাই স্প্ৰে কৰিব। জলকীয়া খেতিত উচ্চ আৰ্দ্ৰতাৰ সৈতে নিৰন্তৰ বৰষুণৰ ফলত ফল পচা ৰোগৰ লক্ষণ দেখা যাব পাৰে। কাৰ্যকৰী নিয়ন্ত্ৰণৰ বাবে, বৰষুণ মুক্ত বতৰত কেপ্টান 50 WP @ প্ৰতি লিটাৰ পানীত ২ গ্ৰাম মিহলি কৰি স্প্ৰে কৰিব পাৰে। | Assam | Assam | 26-05-2022 | Disable |
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8697 | VIL1_Nanded_Text Advisory_25 05 2022 | सोयाबीन पेरणी व पेरणीपूर्व व्यवस्थापनातील महत्त्वपूर्ण बाबींची माहिती घेऊ. - किमान 70 ते 100 मिली. पाऊस झाल्याशिवाय सोयाबीनची पेरणी करू नये. वेळेतच पेरणी करावी. धूळपेरणी करू नये. - पेरणी करताना शक्यतोवर शेताच्या उताराला आडवी, सोडओळ किंवा पट्टापेर पेरणी पद्धतीने करावी. - ट्रॅक्टरचलित पेरणी यंत्राने पेरणी करताना पेरणीची खोली फक्त 3 ते 5 सेंटीमीटर राखावी. पेरणीसोबतच बियाणे योग्य पद्धतीने झाकले जाईल याची काळजी घ्यावी. त्याकरिता पेरणी यंत्राच्या मागे लोखंडी पट्टी किंवा पेरणी पाठोपाठ काटेरी फांदी फिरवावी. - पाणथळ किंवा पानबसन प्रकारच्या जमिनीत पेरणीपुर्वी जमिनीत ओल असताना 3 ते 5 बॅग जिप्सम हे भूसुधारक प्रति एकर याप्रमाणे जमिनीत योग्य प्रकारे मिसळून घ्यावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 24-05-2022 | Disable |
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8698 | VIL2_Amravati_Text Advisory_25 05 2022 | सोयाबीन पेरणी व पेरणीपूर्व व्यवस्थापनातील महत्त्वपूर्ण बाबींची माहिती घेऊ. - किमान 70 ते 100 मिली. पाऊस झाल्याशिवाय सोयाबीनची पेरणी करू नये. वेळेतच पेरणी करावी. धूळपेरणी करू नये. - पेरणी करताना शक्यतोवर शेताच्या उताराला आडवी, सोडओळ किंवा पट्टापेर पेरणी पद्धतीने करावी. - ट्रॅक्टरचलित पेरणी यंत्राने पेरणी करताना पेरणीची खोली फक्त 3 ते 5 सेंटीमीटर राखावी. पेरणीसोबतच बियाणे योग्य पद्धतीने झाकले जाईल याची काळजी घ्यावी. त्याकरिता पेरणी यंत्राच्या मागे लोखंडी पट्टी किंवा पेरणी पाठोपाठ काटेरी फांदी फिरवावी. - पाणथळ किंवा पानबसन प्रकारच्या जमिनीत पेरणीपुर्वी जमिनीत ओल असताना 3 ते 5 बॅग जिप्सम हे भूसुधारक प्रति एकर याप्रमाणे जमिनीत योग्य प्रकारे मिसळून घ्यावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 24-05-2022 | Disable |
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8699 | VIL1_Amravati_Text Advisory_25 05 2022 | सोयाबीन पेरणी व पेरणीपूर्व व्यवस्थापनातील महत्त्वपूर्ण बाबींची माहिती घेऊ. - किमान 70 ते 100 मिली. पाऊस झाल्याशिवाय सोयाबीनची पेरणी करू नये. वेळेतच पेरणी करावी. धूळपेरणी करू नये. - पेरणी करताना शक्यतोवर शेताच्या उताराला आडवी, सोडओळ किंवा पट्टापेर पेरणी पद्धतीने करावी. - ट्रॅक्टरचलित पेरणी यंत्राने पेरणी करताना पेरणीची खोली फक्त 3 ते 5 सेंटीमीटर राखावी. पेरणीसोबतच बियाणे योग्य पद्धतीने झाकले जाईल याची काळजी घ्यावी. त्याकरिता पेरणी यंत्राच्या मागे लोखंडी पट्टी किंवा पेरणी पाठोपाठ काटेरी फांदी फिरवावी. - पाणथळ किंवा पानबसन प्रकारच्या जमिनीत पेरणीपुर्वी जमिनीत ओल असताना 3 ते 5 बॅग जिप्सम हे भूसुधारक प्रति एकर याप्रमाणे जमिनीत योग्य प्रकारे मिसळून घ्यावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 24-05-2022 | Disable |
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8700 | VIL2_Wardha_Text Advisory_25 05 2022 | सोयाबीन पेरणी व पेरणीपूर्व व्यवस्थापनातील महत्त्वपूर्ण बाबींची माहिती घेऊ. - किमान 70 ते 100 मिली. पाऊस झाल्याशिवाय सोयाबीनची पेरणी करू नये. वेळेतच पेरणी करावी. धूळपेरणी करू नये. - पेरणी करताना शक्यतोवर शेताच्या उताराला आडवी, सोडओळ किंवा पट्टापेर पेरणी पद्धतीने करावी. - ट्रॅक्टरचलित पेरणी यंत्राने पेरणी करताना पेरणीची खोली फक्त 3 ते 5 सेंटीमीटर राखावी. पेरणीसोबतच बियाणे योग्य पद्धतीने झाकले जाईल याची काळजी घ्यावी. त्याकरिता पेरणी यंत्राच्या मागे लोखंडी पट्टी किंवा पेरणी पाठोपाठ काटेरी फांदी फिरवावी. - पाणथळ किंवा पानबसन प्रकारच्या जमिनीत पेरणीपुर्वी जमिनीत ओल असताना 3 ते 5 बॅग जिप्सम हे भूसुधारक प्रति एकर याप्रमाणे जमिनीत योग्य प्रकारे मिसळून घ्यावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 24-05-2022 | Disable |
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