Message List: 9376
S.No | Message Title | Message | State | Created By | Creation Date | Status | Action |
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8761 | VIL1_Yavatmal_Text Advisory_11 04 2022 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 11-04-2022 | Disable |
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8762 | VIL1_Nanded_Text Advisory_11 04 2022 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 11-04-2022 | Disable |
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8763 | VIL1_Amravati_Text Advisory_11 04 2022 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 11-04-2022 | Disable |
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8764 | VIL1_Wardha_Text Advisory_11 04 2022 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 11-04-2022 | Disable |
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8765 | VIL1_Nagpur_Text Advisory_11 04 2022 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Maharashtra | MH | 11-04-2022 | Disable |
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8766 | Sugarcane Crop Management | प्रिय किसान साथियों, अप्रैल माह की ११ से १७ तारीख के दौरान तापमान 24 से ४२ डिग्री के बीच होने की सम्भावना हैI दोपहर के समय लू चलने की भी सम्भावना हैI इस मौसम में गन्ने के खेतों में कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है I किसान साथी इसको ध्यान में रख कर फसल का निरीक्षण लगातार करते रहें तथा खेत में नमी बनाए रखेI इस मौसम में लाल सडन, शूट बोरर और पिंक बोरर की सम्भावना होती है I टॉप बोरर की नर और मादा तितलियों को सुबह के समय आसानी से पकड़ कर नष्ट किया जा सकता हैI इसके बाद पत्ती की निचली सतह पर उपस्थित अण्डों को नष्ट कर दे I खेतो में कोराजेन को 400 लीटर पानी १५० मिली प्रति एकड़ की दर से घोल कर गन्ने के तनो को ड्रेंच करे और खेत में पानी लगायें I डेल्टा फेरोमोन ट्रैप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है I लाल सडन की बीमारी पर विशेष ध्यान दें I इस बीमारी में गन्ने की ऊपर से तीसरी या चौथी पत्ती के मध्य शिरा पर रुद्र्क्ष की माला दिखायी देती है तथा पत्ती पिली पड़ कर सूख जाती हैI ऐसे गन्नो को तुरंत जड़ से निकल कर खेत से दूर ३ फीट गहरा गड्ढा खोद कर दबा देंI गन्ने के उखाड़े गए स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर डाल कर ढक दें I इसके बाद ४ किलो प्रति एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा पाउडर को ४-५ कुन्तल गोबर की खाद में मिला कर खेत की नालियों में डालें और हलकी सिंचाई करें I प्रभावित खेत का पानी दुसरे खेतों में न जाने दे I बसंत कालीन गन्ने की अगेती किस्मो की बुवाई पूरी कर लें I अच्छे जमाव के लिए बीजों का उपचार अवश्य करें I बुवाई के समय ७५ किलो डी.ए.पी. २५ किलो यूरिया ५० किलो पोटाश और २५ किलो माइक्रोन्यूट्रीएंट प्रति एकड़ की दर से डालेंI हरी खाद के लिए दो लाइनों के बीच में सनई, दैंचा या लोबिया की बुवाई करें I शरद कालीन गन्ने की फसल में गैप फिलिंग अवश्य करे I १५० से १८० दिन की फसल में ७५ किलो प्रति एकड़ की दर से जड़ो के पास यूरिया डालकर हलकी मिट्टी चढ़ाएं इससे अनावश्यक कल्लो को रोकने में मदद मिलेगी I ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 07-04-2022 | Disable |
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8767 | Tipping Measure | LP/DS/MS বাগানত কৰিব লগা টিপিং : ১. LP বাগান : এই বাগানবোৰত মাৰ্চ মাহৰ শেষৰ পৰা গজালিবোৰ মেল খাই ৩,৪,৫ খিলা পাতলৈ বাঢ়িব ধৰে I সেই সময়তে ২০ ছেঃ মিঃ বা ৮ ইন্চি জোখত “ফুট” (wooden/bamboo measuring stick) লৈ গছ জোপাৰ মাজৰ কলমৰ দাগিৰ পৰা কমেও ৪/৫ খিলা ডাঙৰ পাতৰ ওপৰত থকা কুমলীয়া পাত আৰু কলি তুলিব লাগে I টিপিঙৰ এই কামটো “T” ফুট ব্যৱহাৰ কৰিলে প্লাকিং টেবুলখন সমান কৰিব পাৰি I কেতিয়াও ফুটৰ তলত থকা ক’লি আৰু পাত চিঙিব নালাগে I ২. DS বাগান : কলম দাগিৰ ওপৰত নতুনকৈ ওলোৱা ২ খিলা ডাঙৰ পাতৰ ওপৰত (৪ ইন্চি বা ১০ ছেঃ মিঃ ওপৰত) যিখিনি পাত ওলাই থাকে তুলিব লাগে I কুমলীয়া বান্জী পাত থাকিলে দাগিৰ সমানে তুলিব লাগে I ৩. MS বাগান : কলম কৰা দাগিৰ ওপৰত নতুনকৈ ওলোৱা এটা ডাঙৰ পাত এৰি ওপৰৰ পাত আৰু ক’লিৰ সৈতে তুলিব লাগে আৰু পাত তোলা টেবুলখন সমান কৰিব লাগে I এই MS বাগানবোৰত বহুত বান্জী পাত ওলায়, সেই কাৰণে কুমলীয়া বান্জী পাতবোৰ কেতিয়াও এৰিব নালাগে I কিন্তু পাতৰ টেবুলৰ তললৈ হাত ভৰাই পাত তুলিব নালাগে I | Assam | Assam | 06-04-2022 | Disable |
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8768 | Spring Planting | प्रिय किसान साथियों, ४ अप्रैल से १० अप्रैल के दौरान गर्मी और बढ़ेगी न्यूनतम २३ डिग्री और अधिकतम ४१ डिग्री तक होने की सम्भावना हैI कहीं कहीं लू चलने की भी सम्भावना हैI किसान साथी इसको ध्यान में रख कर फसल का निरीक्षण लगातार करते रहें तथा खेत में नमी बनाए रखेI इस मौसम में लाल सडन, शूट बोरर और पिंक बोरर की सम्भावना होती है I इनको रोकने के लिए खेतो में कोराजेन को 400 लीटर पानी १५० मिली प्रति एकड़ की दर से घोल कर गन्ने के तनो को ड्रेंच करे और खेत में पानी लगायें I लाल सडन की बीमारी पर विशेष ध्यान दें I इस बीमारी में गन्ने की ऊपर से तीसरी या चौथी पत्ती के मध्य शिरा पर रुद्र्क्ष की माला दिखायी देती है तथा पत्ती पिली पड़ कर सूख जाती हैI ऐसे गन्नो को तुरंत जड़ से निकल कर खेत के बाहर ३ फीट गहरा गड्ढा खोद कर दबा देंI गन्ने के उखाड़े गए स्थान पर ब्लेअचिचिंग पाउडर डाल कर ढक दें I इसके बाद ४ किलो प्रति एकड़ की दर से त्रिकोदार्मा पावडर को ४-५ कुन्तल गोबर की खाद में मिला कर खेत की नालियों में डालें और हलकी सिंचाई करें I बसंत कालीन गन्ने की अगेती किस्मो की बुवाई पूरी कर लें I अच्छे जमाव के लिए बीजों का उपचार अवश्य करें I बुवाई के समय ७५ किलो डी.ए.पी. २५ किलो यूरिया ५० किलो पोटाश और २५ किलो माइक्रोन्यूट्रीएंट प्रति एकड़ की दर से डालेंI शरद कालीन गन्ने की फसल में ७५ किलो पार्टी एकड़ की दर से जड़ो के पास यूरिया डालकर हलकी मिट्टी चढ़ाएं इससे जड़े गहरी होंगी और अनावश्यक कल्लो को रोकने में मदद मिलेगी I ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Uttar Pradesh | Uttar Pradesh | 05-04-2022 | Disable |
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8769 | Advisory_general_04_april_2022 | किसान भाई अपने खेत का मिट्टी परीक्षण अवश्य कराये I मिट्टी परीक्षण के लिए सैंपल बुवाई के कम से कम 1 महीने पहले लेना आवश्यक होता है I फसल की कटाई के बाद सैंपल वाली जगह को साफ करें मिट्टी में 15 सेंटीमीटर गहराई तक V आकार में खुदाई करें एवं खेत के सभी हिस्सों से और खेत के बीच से नमूना ले और इसे अच्छी तरह से मिलाएं I इसके बाद मिश्रण से 500 ग्राम मिट्टी का नमूना लें और खेत सम्बन्धी जानकारी पर्ची में लिखकर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में इसकी जांच करवाएं I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Rajasthan | Rajasthan User | 05-04-2022 | Disable |
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8770 | Advisory_General_April_04_2022 | किसान भाई अपने खेत का मिट्टी परीक्षण अवश्य कराये I मिट्टी परीक्षण के लिए सैंपल बुवाई के कम से कम 1 महीने पहले लेना आवश्यक होता है I फसल की कटाई के बाद सैंपल वाली जगह को साफ करें मिट्टी में 15 सेंटीमीटर गहराई तक V आकार में खुदाई करें एवं खेत के सभी हिस्सों से और खेत के बीच से नमूना ले और इसे अच्छी तरह से मिलाएं I इसके बाद मिश्रण से 500 ग्राम मिट्टी का नमूना लें और खेत सम्बन्धी जानकारी पर्ची में लिखकर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में इसकी जांच करवाएं I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Madhya Pradesh | MP | 05-04-2022 | Disable |
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