Message Schedule List : 9618
S. No. | Message | Language | Created By | Date | Time | Status | Action |
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471 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के सांडी क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:12:00 | SCHEDULED |
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472 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के पिहानी क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:10:00 | SCHEDULED |
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473 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के हरपालपुर क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:08:00 | SCHEDULED |
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474 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के हरियावा क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:06:00 | SCHEDULED |
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475 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के टोडरपुर क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:04:00 | SCHEDULED |
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476 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के बिलग्राम क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:02:00 | SCHEDULED |
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477 | प्रिय किसान साथियों, अक्टूबर माह की 18 से 27 तारीख के दौरान हरदोई जिले के भरखनी क्षेत्र के दिन तथा रात के तापमान में कमी आयेगी| इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहने की सम्भावना हैI इस दौरान पूर्व तथा पूर्व दक्षिण दिशा से 2 से 12 किलोमीटर की गति से हवायें चलेंगी, जिसकी वजह से वायुमंडलीय आर्द्रता में कमी आयेगी जो की 40 से 76% तक रहेगी | किसान साथियों, मौसम गन्ना बुवाई के लिए अनुकूल रहेगा, अतः जिन किसान भाई गन्ना की बुवाई करना चाहते है कर सकते है| खेत की तैयारी की लिए 25 टन / एकड़ की दर से सड़ी गली गोबर की खाद खेत मिलाये,इसी समय 4-6 kg/एकड़ की दर से ट्राईकोडर्मा को नही मिलाये,गन्ने की बुवाई 3.5 से 4 की दूरी पर करें गन्ना बीज की उम्र 9 माह से अधिक न हो गन्ना बीज का टुकड़ा 2 आंख का ही प्रयोग करें तथा इस ½ घंटे के लिए 1 kg हेक्साटाप तथा 250 ml अमिड़ा को 1000 ली.पानी में डुबोकर रखें, बीज उपचार के लिए thiophinal mithyle का उपयोग करें, भूमि उपचार के लिए chloropyriphose 10 का उपयोग करें| बुवाई के समय 25 kg यूरिया +75kg डीएपी +50kg पोटास+ 25kg माइक्रो न्यूट्रीएंट का प्रयोग करें, गन्ने के टुकड़ो की हल्की मिट्टी से ढँक कर हल्की सिंचाई अवस्य करें गन्ने के लाइनों में सहफसल अवश्य लें| बीज निरोग तथा कीट रहित होना चाहिए| खड़े गन्ने की बुवारी तथा पेंडी फसल में हल्की नमी बनाये रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें, जिन किसान भाइयो के खेत अभी खली नही है तथा माह के अंत तक खेत खली होने की उम्मीद है वह किसान STP विधि से गन्ने की नर्सरी लगायें,जब यह नर्सरी 3-4 सप्ताह की हो जाये तब गन्ने के खेत में ट्रांसप्लांट करें| नियमित रूप से अपने खेतो का निरिक्षण करते रहे तथा किसी भी प्रकार के कीट तथा बीमारी के प्रकोप पाए जाने पर मिल कर्मचारी को सूचित करे तथा मिल के साथ मिलकर रोकथाम की व्यवस्था करें | गन्ने की पत्ती को निकाल देने कीटो का प्रकोप कम होता हैं, खरपतवार कम निकलते हैं तथा पत्ती बाद में सड्गल कर गन्ने की पैदावार बढ़ाने में मददगार होती हैं, गन्ने की सूखी पत्ती को अवश्य निकाले, और गन्ने के नालियों में पत्तियां बिछाये | गन्ने की खेती में खासकर लाल सडन रोग की पुष्टि होने पर ऐसे पौधों को जड़ से निकाल लें और उन्हें खेत से दूर ले जाकर तीन से चार फूट गहरे गड्ढे में दबा देंI उखाड़े गये स्थान पर ब्लीचिंग पाउडर को भरें और मिट्टी से दबा देंI ऐसे खेतों में 4-6 किग्रा ट्राईकोडर्मा को 1-2 कुंटल गोबर की सडी खाद में मिलाकर नमी में खेतो में डालें.धान की कटाई के बाद पराली में आग न लगायें खेत में मिलाने की कोशिश करें | स्मार्ट एग्री कार्यक्रम की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Hindi | Uttar Pradesh | 17-10-2024 | 10:00:00 | SCHEDULED |
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478 | জিলা: যোৰহাট ( ষ্টেচন: নামচিছু_AWS ) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ১৬ৰ পৰা ২৬ অক্টোবৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল । ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। যোৰহাট জিলাৰ নামচিছুত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station) ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ১৬ৰ পৰা ২৬ অক্টোবৰলৈ, ২০২৪ বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়াৰ পৰা সামান্যভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৬-২৯ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২১-২২ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৫ % আৰু ৬৫ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৬ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ মানদণ্ডত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • পাত তোলা টেবুল খন সমান কৰি ৰাখিব যাতে টেবুলৰ ওপৰত দীঘল খুটি ৰৈ নাযায় আৰু বান্জী পাত বোৰ টৈবুলৰ সমানে আঁতৰাই পেলাব লাগে । UP /MS বাগান বোৰত বান্জী পাত দেখা যাব পাৰে, এই বান্জী পাত বোৰ টৈবুলৰ সমানে তুলিব। কুমলীয়া বান্জী পাত বোৰ Fine হিচাপে লব লাগে। • যিহেতু বাৰিষা ঋতু শেষ হবলৈ গৈ আছে বাগিচাবোৰত নলাবোৰ বন্ধ কৰি বৰষুণৰ পানী সংৰক্ষণ কৰিব পাৰে যাতে অনাগত ঠাণ্ডা বতৰত চাহ বাগিচাত জলসিঞ্চনৰ বাবে পানী ব্যৱহাৰ কৰিব পৰা যায়। • বাগানবোৰত উঠি অহা অপতৃণবোৰ হাতৰে মাটিৰ তলৰ শিপাৰ সৈতে উলিয়াই পেলাব যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। • সকলো বাগান বোৰত ফ্লাছৰ বৃদ্ধিৰ বাবে ১৫ দিনৰ ব্যৱধানত ১% Urea , MOP আৰু Zinc Sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত স্প্ৰে কৰি থাকিব। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • শীতকালীন বেঙেনাৰ বীজ সিঁচাৰ উপযুক্ত সময় ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ পৰা অক্টোবৰ মাহলৈকে। বীজ সিঁচাৰ বাবে বেঙেনাৰ কিছুমান জাত যেনে- Pusa Purple Round, Pusa Purple Long, Pusa Kranti, আৰু অন্যান্য নিৰ্বাচিত স্থানীয় প্ৰকাৰৰ বীজ সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে আৰু নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত বীজ ৰোপণ অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। • ইয়াৰ খেতিৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় সাৰৰ পৰিমাণ হৈছে প্ৰতি বিঘাই ১.৩ টন গোৱৰ /পচন সাৰ, Urea @ ১৪.৭কি: গ্ৰা:, SSP @ ৪২ কি: গ্ৰা: আৰু MOP @ ১১.৩ কি: গ্ৰা:। সাধাৰণতে এই সাৰখিনিৰ সম্পূর্ণভাগ গোৱৰ সাৰ, SSP, MOP আৰু আধাভাগ Urea মাটি প্ৰস্তুতৰ সময়ত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বাকী থকা আধা ভাগ Urea এটা বা দুটা কিস্তিত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assamese | Assam | 16-10-2024 | 08:00:00 | SCHEDULED |
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479 | জিলা: যোৰহাট ( ষ্টেচন: এলেংগি_AWS ) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ১৬ৰ পৰা ২৬ অক্টোবৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল । ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। যোৰহাট জিলাৰ এলেংগিত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station)ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ১৬ৰ পৰা ২৬ অক্টোবৰলৈ, ২০২৪ বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়াৰ পৰা সামান্যভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৬-২৯ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২১-২৩ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৮ % আৰু ৭০ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৬ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। বিগত ১ৰ পৰা ১৫ অক্টোবৰলৈ মুঠ ৮৭.২০ মি.মি বৰষুণৰ পৰিমাণ লাভ কৰা হৈছে। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ মানদণ্ডত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • পাত তোলা টেবুল খন সমান কৰি ৰাখিব যাতে টেবুলৰ ওপৰত দীঘল খুটি ৰৈ নাযায় আৰু বান্জী পাত বোৰ টৈবুলৰ সমানে আঁতৰাই পেলাব লাগে । UP /MS বাগান বোৰত বান্জী পাত দেখা যাব পাৰে, এই বান্জী পাত বোৰ টৈবুলৰ সমানে তুলিব। কুমলীয়া বান্জী পাত বোৰ Fine হিচাপে লব লাগে। • যিহেতু বাৰিষা ঋতু শেষ হবলৈ গৈ আছে বাগিচাবোৰত নলাবোৰ বন্ধ কৰি বৰষুণৰ পানী সংৰক্ষণ কৰিব পাৰে যাতে অনাগত ঠাণ্ডা বতৰত চাহ বাগিচাত জলসিঞ্চনৰ বাবে পানী ব্যৱহাৰ কৰিব পৰা যায়। • বাগানবোৰত উঠি অহা অপতৃণবোৰ হাতৰে মাটিৰ তলৰ শিপাৰ সৈতে উলিয়াই পেলাব যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। • সকলো বাগান বোৰত ফ্লাছৰ বৃদ্ধিৰ বাবে ১৫ দিনৰ ব্যৱধানত ১% Urea , MOP আৰু Zinc Sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত স্প্ৰে কৰি থাকিব। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • শীতকালীন বেঙেনাৰ বীজ সিঁচাৰ উপযুক্ত সময় ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ পৰা অক্টোবৰ মাহলৈকে। বীজ সিঁচাৰ বাবে বেঙেনাৰ কিছুমান জাত যেনে- Pusa Purple Round, Pusa Purple Long, Pusa Kranti, আৰু অন্যান্য নিৰ্বাচিত স্থানীয় প্ৰকাৰৰ বীজ সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে আৰু নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত বীজ ৰোপণ অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। • ইয়াৰ খেতিৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় সাৰৰ পৰিমাণ হৈছে প্ৰতি বিঘাই ১.৩ টন গোৱৰ /পচন সাৰ, Urea @ ১৪.৭কি: গ্ৰা:, SSP @ ৪২ কি: গ্ৰা: আৰু MOP @ ১১.৩ কি: গ্ৰা:। সাধাৰণতে এই সাৰখিনিৰ সম্পূর্ণভাগ গোৱৰ সাৰ, SSP, MOP আৰু আধাভাগ Urea মাটি প্ৰস্তুতৰ সময়ত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বাকী থকা আধা ভাগ Urea এটা বা দুটা কিস্তিত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assamese | Assam | 16-10-2024 | 08:00:00 | SCHEDULED |
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480 | জিলা: ডিব্ৰুগড় (ষ্টেচন: বেটোনিবাম_AWS) বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ১৬ৰ পৰা ২৬ অক্টোবৰলৈ, ২০২৪) চলিদাৰীডেড ৰ প্রিয় ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক সকল । ভি আই স্মাৰ্ট কৃষি ( VI Smart Agri) পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। ডিব্ৰুগড় জিলাৰ বেটোনিবামত অৱস্থিত স্বয়ংক্ৰিয় বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ (Automatic Weather Station) ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী ১৬ৰ পৰা ২৬ অক্টোবৰলৈ, ২০২৪ বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়াৰ পৰা সামান্যভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলীয়া বৰষুণৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৬-২৯ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২১-২২ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৭% আৰু ৭০% আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৭ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। বিগত ১ৰ পৰা ১৫ অক্টোবৰলৈ মুঠ ৯৮.৪০ মি.মি বৰষুণৰ পৰিমাণ লাভ কৰা হৈছে। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ মানদণ্ডত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • পাত তোলা টেবুল খন সমান কৰি ৰাখিব যাতে টেবুলৰ ওপৰত দীঘল খুটি ৰৈ নাযায় আৰু বান্জী পাত বোৰ টৈবুলৰ সমানে আঁতৰাই পেলাব লাগে । UP /MS বাগান বোৰত বান্জী পাত দেখা যাব পাৰে, এই বান্জী পাত বোৰ টৈবুলৰ সমানে তুলিব। কুমলীয়া বান্জী পাত বোৰ Fine হিচাপে লব লাগে। • যিহেতু বাৰিষা ঋতু শেষ হবলৈ গৈ আছে বাগিচাবোৰত নলাবোৰ বন্ধ কৰি বৰষুণৰ পানী সংৰক্ষণ কৰিব পাৰে যাতে অনাগত ঠাণ্ডা বতৰত চাহ বাগিচাত জলসিঞ্চনৰ বাবে পানী ব্যৱহাৰ কৰিব পৰা যায়। • বাগানবোৰত উঠি অহা অপতৃণবোৰ হাতৰে মাটিৰ তলৰ শিপাৰ সৈতে উলিয়াই পেলাব যাতে পাত তোলাত সমস্যা নহয়। • সকলো বাগান বোৰত ফ্লাছৰ বৃদ্ধিৰ বাবে ১৫ দিনৰ ব্যৱধানত ১% Urea , MOP আৰু Zinc Sulphate, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত স্প্ৰে কৰি থাকিব। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • শীতকালীন বেঙেনাৰ বীজ সিঁচাৰ উপযুক্ত সময় ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ পৰা অক্টোবৰ মাহলৈকে। বীজ সিঁচাৰ বাবে বেঙেনাৰ কিছুমান জাত যেনে- Pusa Purple Round, Pusa Purple Long, Pusa Kranti, আৰু অন্যান্য নিৰ্বাচিত স্থানীয় প্ৰকাৰৰ বীজ সংগ্ৰহ কৰিব পাৰে আৰু নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত বীজ ৰোপণ অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। • ইয়াৰ খেতিৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় সাৰৰ পৰিমাণ হৈছে প্ৰতি বিঘাই ১.৩ টন গোৱৰ /পচন সাৰ, Urea @ ১৪.৭কি: গ্ৰা:, SSP @ ৪২ কি: গ্ৰা: আৰু MOP @ ১১.৩ কি: গ্ৰা:। সাধাৰণতে এই সাৰখিনিৰ সম্পূর্ণভাগ গোৱৰ সাৰ, SSP, MOP আৰু আধাভাগ Urea মাটি প্ৰস্তুতৰ সময়ত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বাকী থকা আধা ভাগ Urea এটা বা দুটা কিস্তিত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ । | Assamese | Assam | 16-10-2024 | 08:00:00 | SCHEDULED |
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