Message Schedule List : 9019
S. No. | Message | Language | Created By | Date | Time | Status | Action |
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8111 | ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की फसल में खरपतवार प्रबंधन अतिआवश्यक है ताकि प्रारंभिक विकास के चरण में फसल व खरपतवार की प्रतिस्पर्धा को कम कर अधिक उत्पादन लिया जा सके I फसल खरपतवार प्रतिस्पर्धा बुआई के 20 से 25 दिनों बाद अधिकतम होती है इस क्रांतिक अवस्था पर खरपतवार प्रबंधन नहीं करने की स्थिति में 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है I बुआई के 20 से 25 दिनों बाद हाथ से निराई गुड़ाई फायदेमंद रहती है I खड़ी फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15 से 20 दिनों बाद इमाजीथायपर 10 प्रतिशत एस. एल . 55 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर कि दर से मृदा में पर्याप्त नमी होने की अवस्था में छिड़काव करना चाहिए I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Marathi | MP | 12-04-2022 | 12:45:00 | COMPLETED |
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8112 | ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की फसल में खरपतवार प्रबंधन अतिआवश्यक है ताकि प्रारंभिक विकास के चरण में फसल व खरपतवार की प्रतिस्पर्धा को कम कर अधिक उत्पादन लिया जा सके I फसल खरपतवार प्रतिस्पर्धा बुआई के 20 से 25 दिनों बाद अधिकतम होती है इस क्रांतिक अवस्था पर खरपतवार प्रबंधन नहीं करने की स्थिति में 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है I बुआई के 20 से 25 दिनों बाद हाथ से निराई गुड़ाई फायदेमंद रहती है I खड़ी फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15 से 20 दिनों बाद इमाजीथायपर 10 प्रतिशत एस. एल . 55 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर कि दर से मृदा में पर्याप्त नमी होने की अवस्था में छिड़काव करना चाहिए I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Marathi | MP | 12-04-2022 | 12:15:00 | COMPLETED |
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8113 | ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की फसल में खरपतवार प्रबंधन अतिआवश्यक है ताकि प्रारंभिक विकास के चरण में फसल व खरपतवार की प्रतिस्पर्धा को कम कर अधिक उत्पादन लिया जा सके I फसल खरपतवार प्रतिस्पर्धा बुआई के 20 से 25 दिनों बाद अधिकतम होती है इस क्रांतिक अवस्था पर खरपतवार प्रबंधन नहीं करने की स्थिति में 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है I बुआई के 20 से 25 दिनों बाद हाथ से निराई गुड़ाई फायदेमंद रहती है I खड़ी फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15 से 20 दिनों बाद इमाजीथायपर 10 प्रतिशत एस. एल . 55 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर कि दर से मृदा में पर्याप्त नमी होने की अवस्था में छिड़काव करना चाहिए I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Marathi | MP | 12-04-2022 | 11:45:00 | COMPLETED |
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8114 | ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की फसल में खरपतवार प्रबंधन अतिआवश्यक है ताकि प्रारंभिक विकास के चरण में फसल व खरपतवार की प्रतिस्पर्धा को कम कर अधिक उत्पादन लिया जा सके I फसल खरपतवार प्रतिस्पर्धा बुआई के 20 से 25 दिनों बाद अधिकतम होती है इस क्रांतिक अवस्था पर खरपतवार प्रबंधन नहीं करने की स्थिति में 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है I बुआई के 20 से 25 दिनों बाद हाथ से निराई गुड़ाई फायदेमंद रहती है I खड़ी फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15 से 20 दिनों बाद इमाजीथायपर 10 प्रतिशत एस. एल . 55 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर कि दर से मृदा में पर्याप्त नमी होने की अवस्था में छिड़काव करना चाहिए I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Marathi | MP | 12-04-2022 | 11:15:00 | COMPLETED |
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8115 | ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की फसल में खरपतवार प्रबंधन अतिआवश्यक है ताकि प्रारंभिक विकास के चरण में फसल व खरपतवार की प्रतिस्पर्धा को कम कर अधिक उत्पादन लिया जा सके I फसल खरपतवार प्रतिस्पर्धा बुआई के 20 से 25 दिनों बाद अधिकतम होती है इस क्रांतिक अवस्था पर खरपतवार प्रबंधन नहीं करने की स्थिति में 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है I बुआई के 20 से 25 दिनों बाद हाथ से निराई गुड़ाई फायदेमंद रहती है I खड़ी फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुआई के 15 से 20 दिनों बाद इमाजीथायपर 10 प्रतिशत एस. एल . 55 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर कि दर से मृदा में पर्याप्त नमी होने की अवस्था में छिड़काव करना चाहिए I सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 | Marathi | MP | 12-04-2022 | 10:45:00 | COMPLETED |
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8116 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 11-04-2022 | 16:30:00 | COMPLETED |
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8117 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 11-04-2022 | 16:30:00 | COMPLETED |
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8118 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 11-04-2022 | 16:30:00 | COMPLETED |
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8119 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 11-04-2022 | 16:30:00 | COMPLETED |
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8120 | दशपर्णी निर्मितीची प्रक्रिया- कीडनियंत्रणाच्या दृष्टीने शेतात आणि गावात उपलब्ध वनस्पति दशपर्णी निर्मितीसाठी वापरल्या जातात. यामध्ये प्रामुख्याने कडूलिंब, घाणेरी, सिताफळ, निर्गुंडी, टणटणी, करंज, जंगली एरंड, पपई, गुळवेल आदींचा वापर करावा. प्रत्येकी 2 किलो पाला घेऊन त्यांचे तुकडे व 200 लिटर पाणी असे द्रावण सोडलेली टाकी सावलीत ठेवावी. यात मिरचीचा ठेचा व लसूण घालावी. मिश्रण काठीने दररोज हलवावे. एक महिना झाल्यानंतर छोट्या टाक्यांमध्ये ते ठेवावे. दर आठ दिवसांनी किंवा गरजेनुसार याची फवारणी करावी. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 11-04-2022 | 16:30:00 | COMPLETED |
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