Message Schedule List : 9701
S. No. | Message | Language | Created By | Date | Time | Status | Action |
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8561 | अति- पावसादरम्यान पीक व्यवस्थापन - मागील काही दिवसांत जास्त पाऊस झाल्यामुळे बर्याच ठिकाणी शेतात पाणी साचले आहे. अशा परिस्थितीत शेतकर्यांनी हे साठलेले पाणी निचरासाठी योग्य व्यवस्था करावी. जेणेकरून पिकाचे मुळकुज पासून संरक्षण करून पिकाचे पुढे नुकसान टाळता येईल. कापूस पिकाच्या किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर वाढत आहे. हे टाळण्यासाठी वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर केला पाहिजे. यातील प्रभावी म्हणजे निंबोळी अर्काचा होय. कडुनिंबाच्या बियांमध्ये अॅझाडिरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक आहेत. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिका निभावतात. निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पाने व देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. रसशोषक किडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. निंबोळी अर्क घातक किडींना प्रतिबंध व नियंत्रण करत असले तरी नैसर्गिक शत्रू व मित्रकीटकांसाठी फारसे हानिकारक ठरत नाही. निंबोळी अर्क, पेंड वापरल्यामुळे जमिनीतील सूत्रकृमी, मुळे कुरतडणार्या अळ्या नियंत्रित होतात. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 20-07-2022 | 08:30:00 | SCHEDULED |
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8562 | अति- पावसादरम्यान पीक व्यवस्थापन - मागील काही दिवसांत जास्त पाऊस झाल्यामुळे बर्याच ठिकाणी शेतात पाणी साचले आहे. अशा परिस्थितीत शेतकर्यांनी हे साठलेले पाणी निचरासाठी योग्य व्यवस्था करावी. जेणेकरून पिकाचे मुळकुज पासून संरक्षण करून पिकाचे पुढे नुकसान टाळता येईल. कापूस पिकाच्या किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर वाढत आहे. हे टाळण्यासाठी वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर केला पाहिजे. यातील प्रभावी म्हणजे निंबोळी अर्काचा होय. कडुनिंबाच्या बियांमध्ये अॅझाडिरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक आहेत. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिका निभावतात. निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पाने व देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. रसशोषक किडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. निंबोळी अर्क घातक किडींना प्रतिबंध व नियंत्रण करत असले तरी नैसर्गिक शत्रू व मित्रकीटकांसाठी फारसे हानिकारक ठरत नाही. निंबोळी अर्क, पेंड वापरल्यामुळे जमिनीतील सूत्रकृमी, मुळे कुरतडणार्या अळ्या नियंत्रित होतात. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 20-07-2022 | 08:30:00 | SCHEDULED |
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8563 | अति- पावसादरम्यान पीक व्यवस्थापन - मागील काही दिवसांत जास्त पाऊस झाल्यामुळे बर्याच ठिकाणी शेतात पाणी साचले आहे. अशा परिस्थितीत शेतकर्यांनी हे साठलेले पाणी निचरासाठी योग्य व्यवस्था करावी. जेणेकरून पिकाचे मुळकुज पासून संरक्षण करून पिकाचे पुढे नुकसान टाळता येईल. कापूस पिकाच्या किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर वाढत आहे. हे टाळण्यासाठी वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर केला पाहिजे. यातील प्रभावी म्हणजे निंबोळी अर्काचा होय. कडुनिंबाच्या बियांमध्ये अॅझाडिरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक आहेत. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिका निभावतात. निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पाने व देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. रसशोषक किडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. निंबोळी अर्क घातक किडींना प्रतिबंध व नियंत्रण करत असले तरी नैसर्गिक शत्रू व मित्रकीटकांसाठी फारसे हानिकारक ठरत नाही. निंबोळी अर्क, पेंड वापरल्यामुळे जमिनीतील सूत्रकृमी, मुळे कुरतडणार्या अळ्या नियंत्रित होतात. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 20-07-2022 | 08:30:00 | SCHEDULED |
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8564 | अति- पावसादरम्यान पीक व्यवस्थापन - मागील काही दिवसांत जास्त पाऊस झाल्यामुळे बर्याच ठिकाणी शेतात पाणी साचले आहे. अशा परिस्थितीत शेतकर्यांनी हे साठलेले पाणी निचरासाठी योग्य व्यवस्था करावी. जेणेकरून पिकाचे मुळकुज पासून संरक्षण करून पिकाचे पुढे नुकसान टाळता येईल. कापूस पिकाच्या किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर वाढत आहे. हे टाळण्यासाठी वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर केला पाहिजे. यातील प्रभावी म्हणजे निंबोळी अर्काचा होय. कडुनिंबाच्या बियांमध्ये अॅझाडिरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक आहेत. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिका निभावतात. निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पाने व देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. रसशोषक किडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. निंबोळी अर्क घातक किडींना प्रतिबंध व नियंत्रण करत असले तरी नैसर्गिक शत्रू व मित्रकीटकांसाठी फारसे हानिकारक ठरत नाही. निंबोळी अर्क, पेंड वापरल्यामुळे जमिनीतील सूत्रकृमी, मुळे कुरतडणार्या अळ्या नियंत्रित होतात. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 20-07-2022 | 08:30:00 | SCHEDULED |
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8565 | अति- पावसादरम्यान पीक व्यवस्थापन - मागील काही दिवसांत जास्त पाऊस झाल्यामुळे बर्याच ठिकाणी शेतात पाणी साचले आहे. अशा परिस्थितीत शेतकर्यांनी हे साठलेले पाणी निचरासाठी योग्य व्यवस्था करावी. जेणेकरून पिकाचे मुळकुज पासून संरक्षण करून पिकाचे पुढे नुकसान टाळता येईल. कापूस पिकाच्या किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर वाढत आहे. हे टाळण्यासाठी वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर केला पाहिजे. यातील प्रभावी म्हणजे निंबोळी अर्काचा होय. कडुनिंबाच्या बियांमध्ये अॅझाडिरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक आहेत. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिका निभावतात. निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पाने व देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. रसशोषक किडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास मदत होते. निंबोळी अर्क घातक किडींना प्रतिबंध व नियंत्रण करत असले तरी नैसर्गिक शत्रू व मित्रकीटकांसाठी फारसे हानिकारक ठरत नाही. निंबोळी अर्क, पेंड वापरल्यामुळे जमिनीतील सूत्रकृमी, मुळे कुरतडणार्या अळ्या नियंत्रित होतात. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट अॅग्री प्रोग्राम संपर्क क्र. 9158261922. | Telugu | MH | 20-07-2022 | 08:30:00 | SCHEDULED |
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8566 | प्रिय किसान साथियों, जुलाई माह में 18 से 24 जुलाई के दौरान हरदोई और लखीमपुर जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी और यह 30 डिग्री तक और अधिकतम तापमान में कमी आयेगी और यह अधिकतम 34 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहेगाI वायुमंडल में नमी रहेगी और सप्ताह में दो-तीन दिनों में वर्षा होगीI बिमारियों के बढ़ते लक्षण को ध्यान में रख कर किसान साथी सावधानी बरतेंI खेतों में बोरान की कमी के कारण गन्ने में पोक्का बोईंग रोग के लक्षण दिखते हैI पत्तियौ में जड़ की तरफ पीले रंग के धब्बे दिखायी पड़ते हैं तथा पत्तियाँ सिकुड़ने लगती हैंI रोग की पहचान के बाद ७५० ग्राम मेन्कोजेब दवा को २५० लीटर पानी में घोल कर एक एकड़ की दर से खेतों में छिडकाव करेंI लाल सडन रोग पर ध्यान देते रहें और रोग से ग्रसित गन्नो को जड़ से उखाड़ कर खेत से बाहर जमीन के नीचे ३-४ फीट गड्ढा खोद कर दबा देंI उखाड़े गए स्थान पर प्रति एकड़ 4 किलो ट्राईकोडरमा को 100 लीटर पानी में घोल लें तथा 4-5 कुंटल गोबर के खाद में मिलाकर छाये में सुखाएंI 48 घंटे बाद इस मिश्रण को लाल सडन रोग से प्रभावित गन्ने की लाइनों में डाल कर हल्का पानी लगायेंI खेत का नियमित निरीक्षण करें पायरीला, ग्रास होपर, जैसे कीटो के साथ खर पतवार को नियंत्रित करते रहेंI पिछले साल सितम्बर या अक्टूबर में बोये गए गन्ने के पौधों पर मिट्टी चढाने का काम कर लेI यदि गन्ने के पौधों की लम्बाई अधिक हो गयी हो तो जरुरत के अनुसार पौधों की पहली या दूसरी बंधाई करेंI इससे हवा चलने या बारिश होने की स्थिति में पौधे नहीं गिरेंगेI खेतों में नमी को बनाये रखेंI इसके साथ ही बारिश की स्थिति को देखते हुए खेतों में पानी के निकास की समुचित व्यवस्था भी कर लेंI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI | Marathi | Uttar Pradesh | 15-07-2022 | 08:05:00 | SCHEDULED |
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8567 | বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। আমাৰ বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী সংশ্লিষ্ট অঞ্চলবোৰত অহা ৭ দিনত বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থকাৰ লগতে পাতলৰ পৰা মধ্যমীয়া বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ৩০ °চে.ৰ পৰা ৩৯ ° চে. আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৫ °চে.ৰ পৰা ২৮ ° চে. হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে । ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৫% আৰু ৬৫% আশে-পাশে থাকিব ।বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ৪-৮ কিলোমিটাৰ বেগত প্ৰবাহিত হব। For Tea: • বানপানী কমি যোৱাৰ ঠিক পাছত চাওক কোনো মাটি ডৰাত জমা হোৱা পলস আছে নে নাই । চাহ জোপোহাৰ কলাৰৰ চাৰিওফালে পাতল Forking কৰি বালি খিনি সোনকালে আতৰাব। শিপাৰ ওচৰত ফৰ্কিং(Forking) নকৰিব। • যিবোৰ গছত বানপানীত উটি অহা বালি আৰু বোকাৰ কাৰণে পাত বোৰত বেয়াকৈ চামনি বান্ধিছে সেই সকলো গছ ভালকৈ পৰিস্কাৰ পানীৰে ধুব লাগিব। • অনুকূল বতৰৰ পৰিস্থিতিৰ বাবে মানুৰিঙৰ দ্বিতীয় পালি টো পিছুৱাব লাগিব। • কৃষকসকলে ১% ইউৰিয়া (Urea), ১% জিংক ছালফেটেৰে (Zinc Sulphate) আৰু 1% ডিএপিৰে (DAP ৰে) 100 লিটাৰ পানীৰ সৈতে মিহলি কৰি ফলিয়াৰ স্প্ৰে (Foliar Spraying) কৰিব পাৰে। স্প্ৰে কৰাটো কেৱল ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়তহে কৰিব যেতিয়া উষ্ণতা প্ৰায় ৩০-৩২° চে. হয়। • চাহ বাগিচাত Helopeltisৰ আক্ৰমণ হোৱা বৃহৎ অঞ্চল লক্ষ্য কৰা হৈছে। নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ ৰাসায়নিক পদাৰ্থৰ অনুমোদিত পালি বৰষুণ মুক্ত সময়ত আৰু পাত তোলাৰ পৰা নিম্নতম ৬-৭ দিনৰ ব্যৱধান ৰাখি স্প্ৰে কৰিব। For other crops: জুনৰ পৰা জুলাই মাহত গ্ৰীষ্মকালীন জাতিলাওৰ (Summer bottle gourd) বীজ সিঁচা কার্য্য কৰা হয়। অহা কেইদিনমানত বতৰ অনুকূল হোৱাৰ বাবে কৃষকসকলে বীজ সিঁচাৰ কাম অব্যাহত ৰাখিব পাৰিব। ইয়াৰ খেতিৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় সাৰৰ পৰিমাণ হৈছে বিঘাই প্ৰতি ২.৭ টন গোবৰ/পচন সাৰ, ইউৰীয়া(Urea) সাৰ ১৬.৪ কি: গ্ৰা:, একক চুপাৰ ফচফেট(SSP) ৪৭ কি: গ্ৰা: আৰু মিউৰেট অৱ পটাছ(MOP) ২৫.৪ কি: গ্ৰা:। সাধাৰণতে এই সাৰখিনিৰ সম্পূর্ণভাগ গোৱৰ সাৰ, একক চুপাৰ ফচফেট, মিউৰেট অৱ পটাছ সাৰ আৰু আধাভাগ ইউৰীয়া সাৰ শেষৰবাৰ মাটি প্ৰস্তুতৰ সময়ত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে।বাকী থকা আধা ভাগ ইউৰীয়া সাৰ গছ বগাবৰ বাবে জেং পুতি দিয়াৰ এমাহৰ পিছত গছৰ গুৰিত গোবৰৰ লগত মিহলাই প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছ কল দিব পাৰে । ধন্যবাদ । | Marathi | Assam | 14-07-2022 | 08:00:00 | SCHEDULED |
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8568 | বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। ওদালগুৰি জিলাৰ দাৰোগাচুবাত অৱস্থিত Automatic Weather Station (AWS)ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ওচৰৰ অঞ্চলবোৰত অহা সপ্তাহত পাতলৰ পৰা মধ্যমীয়া বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনাৰ সৈতে বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব। সৰ্বাধিক তাপমাত্ৰা প্ৰায় ৩১ °চে.ৰ পৰা ৩৮ ° চে. আৰু নিম্নতম তাপমাত্ৰা প্ৰায় ২৭ °চে.ৰ পৰা ২৯ ° চে. হৈ থাকিব বুলি ধাৰণা কৰা হয়। যোৱা সপ্তাহত ২৯ মি.মি বৰষুণ হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৫% আৰু ৭০ % আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ৫-১০ কিলোমিটাৰ বেগেৰে ঘাইকৈ দক্ষিণ-পশ্চিম দিশৰ পৰা বলিব। For Tea: • বানপানী কমি যোৱাৰ ঠিক পাছত চাওক কোনো মাটি ডৰাত জমা হোৱা পলস আছে নে নাই । চাহ জোপোহাৰ কলাৰৰ চাৰিওফালে পাতল Forking কৰি বালি খিনি সোনকালে আতৰাব। শিপাৰ ওচৰত ফৰ্কিং(Forking) নকৰিব। • যিবোৰ গছত বানপানীত উটি অহা বালি আৰু বোকাৰ কাৰণে পাত বোৰত বেয়াকৈ চামনি বান্ধিছে সেই সকলো গছ ভালকৈ পৰিস্কাৰ পানীৰে ধুব লাগিব। • অনুকূল বতৰৰ পৰিস্থিতিৰ বাবে মানুৰিঙৰ দ্বিতীয় পালি টো পিছুৱাব লাগিব। • কৃষকসকলে ১% ইউৰিয়া (Urea), ১% জিংক ছালফেটেৰে (Zinc Sulphate) আৰু 1% ডিএপিৰে (DAP ৰে) 100 লিটাৰ পানীৰ সৈতে মিহলি কৰি ফলিয়াৰ স্প্ৰে (Foliar Spraying) কৰিব পাৰে। স্প্ৰে কৰাটো কেৱল ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়তহে কৰিব যেতিয়া উষ্ণতা প্ৰায় ৩০-৩২° চে. হয়। • চাহ বাগিচাত Helopeltisৰ আক্ৰমণ হোৱা বৃহৎ অঞ্চল লক্ষ্য কৰা হৈছে। নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ ৰাসায়নিক পদাৰ্থৰ অনুমোদিত পালি বৰষুণ মুক্ত সময়ত আৰু পাত তোলাৰ পৰা নিম্নতম ৬-৭ দিনৰ ব্যৱধান ৰাখি স্প্ৰে কৰিব। For other crops: জুনৰ পৰা জুলাই মাহত গ্ৰীষ্মকালীন জাতিলাওৰ (Summer bottle gourd) বীজ সিঁচা কার্য্য কৰা হয়। অহা কেইদিনমানত বতৰ অনুকূল হোৱাৰ বাবে কৃষকসকলে বীজ সিঁচাৰ কাম অব্যাহত ৰাখিব পাৰিব। ইয়াৰ খেতিৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় সাৰৰ পৰিমাণ হৈছে বিঘাই প্ৰতি ২.৭ টন গোবৰ/পচন সাৰ, ইউৰীয়া(Urea) সাৰ ১৬.৪ কি: গ্ৰা:, একক চুপাৰ ফচফেট(SSP) ৪৭ কি: গ্ৰা: আৰু মিউৰেট অৱ পটাছ(MOP) ২৫.৪ কি: গ্ৰা:। সাধাৰণতে এই সাৰখিনিৰ সম্পূর্ণভাগ গোৱৰ সাৰ, একক চুপাৰ ফচফেট, মিউৰেট অৱ পটাছ সাৰ আৰু আধাভাগ ইউৰীয়া সাৰ শেষৰবাৰ মাটি প্ৰস্তুতৰ সময়ত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে।বাকী থকা আধা ভাগ ইউৰীয়া সাৰ গছ বগাবৰ বাবে জেং পুতি দিয়াৰ এমাহৰ পিছত গছৰ গুৰিত গোবৰৰ লগত মিহলাই প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছ কল দিব পাৰে । ধন্যবাদ । | Marathi | Assam | 14-07-2022 | 08:00:00 | SCHEDULED |
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8569 | বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। ওদালগুৰি জিলাৰ আমজুলিত অৱস্থিত Automatic Weather Station (AWS)ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ওচৰৰ অঞ্চলবোৰত, ১৩ ৰ পৰা ১৯ জুলাইলৈ বতৰ আংশিকভাৱে ডাৱৰীয়া হৈ থাকিব আৰু লগতে পাতলৰ পৰা মধ্যমীয়া বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনা আছে । সৰ্বাধিক তাপমাত্ৰা প্ৰায় ৩১ °চে.ৰ পৰা ৩৬ ° চে. আৰু নিম্নতম তাপমাত্ৰা প্ৰায় ২৬ °চে.ৰ পৰা ২৮ ° চে. হৈ থাকিব বুলি ধাৰণা কৰা হয়। যোৱা সপ্তাহত ৭০ মি.মি বৰষুণ হৈছে। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৮ % আৰু ৭০% আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ৪-১০ কিলোমিটাৰ বেগেৰে ঘাইকৈ দক্ষিণ-পশ্চিম দিশৰ পৰা বলিব। For Tea: • বানপানী কমি যোৱাৰ ঠিক পাছত চাওক কোনো মাটি ডৰাত জমা হোৱা পলস আছে নে নাই । চাহ জোপোহাৰ কলাৰৰ চাৰিওফালে পাতল Forking কৰি বালি খিনি সোনকালে আতৰাব। শিপাৰ ওচৰত ফৰ্কিং(Forking) নকৰিব। • যিবোৰ গছত বানপানীত উটি অহা বালি আৰু বোকাৰ কাৰণে পাত বোৰত বেয়াকৈ চামনি বান্ধিছে সেই সকলো গছ ভালকৈ পৰিস্কাৰ পানীৰে ধুব লাগিব। • অনুকূল বতৰৰ পৰিস্থিতিৰ বাবে মানুৰিঙৰ দ্বিতীয় পালি টো পিছুৱাব লাগিব। • কৃষকসকলে ১% ইউৰিয়া (Urea), ১% জিংক ছালফেটেৰে (Zinc Sulphate) আৰু 1% ডিএপিৰে (DAP ৰে) 100 লিটাৰ পানীৰ সৈতে মিহলি কৰি ফলিয়াৰ স্প্ৰে (Foliar Spraying) কৰিব পাৰে। স্প্ৰে কৰাটো কেৱল ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়তহে কৰিব যেতিয়া উষ্ণতা প্ৰায় ৩০-৩২° চে. হয়। • চাহ বাগিচাত Helopeltisৰ আক্ৰমণ হোৱা বৃহৎ অঞ্চল লক্ষ্য কৰা হৈছে। নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ ৰাসায়নিক পদাৰ্থৰ অনুমোদিত পালি বৰষুণ মুক্ত সময়ত আৰু পাত তোলাৰ পৰা নিম্নতম ৬-৭ দিনৰ ব্যৱধান ৰাখি স্প্ৰে কৰিব। For other crops: জুনৰ পৰা জুলাই মাহত গ্ৰীষ্মকালীন জাতিলাওৰ (Summer bottle gourd) বীজ সিঁচা কার্য্য কৰা হয়। অহা কেইদিনমানত বতৰ অনুকূল হোৱাৰ বাবে কৃষকসকলে বীজ সিঁচাৰ কাম অব্যাহত ৰাখিব পাৰিব। ইয়াৰ খেতিৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় সাৰৰ পৰিমাণ হৈছে বিঘাই প্ৰতি ২.৭ টন গোবৰ/পচন সাৰ, ইউৰীয়া(Urea) সাৰ ১৬.৪ কি: গ্ৰা:, একক চুপাৰ ফচফেট(SSP) ৪৭ কি: গ্ৰা: আৰু মিউৰেট অৱ পটাছ(MOP) ২৫.৪ কি: গ্ৰা:। সাধাৰণতে এই সাৰখিনিৰ সম্পূর্ণভাগ গোৱৰ সাৰ, একক চুপাৰ ফচফেট, মিউৰেট অৱ পটাছ সাৰ আৰু আধাভাগ ইউৰীয়া সাৰ শেষৰবাৰ মাটি প্ৰস্তুতৰ সময়ত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে।বাকী থকা আধা ভাগ ইউৰীয়া সাৰ গছ বগাবৰ বাবে জেং পুতি দিয়াৰ এমাহৰ পিছত গছৰ গুৰিত গোবৰৰ লগত মিহলাই প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছ কল দিব পাৰে । ধন্যবাদ । | Marathi | Assam | 14-07-2022 | 08:00:00 | SCHEDULED |
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8570 | सोयाबीन में लगातार अधिक बारिश होने पर उचित जल निकास की व्यवस्था अवश्य करें I सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण करने के लिये पहली निंदाई बुआई के 15-20 दिन बाद डोरा चलाकर तथा दूसरी 35-40 दिन बाद हस्त चलित एवं स्व-चलित निंदाई यंत्रों से करनी चाहिये । रसायनों के उपयोग से भी खरपतवारों का नियंत्रण किया जा सकता है । फ़सल की निगरानी लगातार करते रहें ।सोलिडरिडाड, स्मार्ट एग्री कार्यक्रम सम्पर्क: मो. न. 8251071818 स्मार्ट एग्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेती संबंधित समसामयिक सलाह के लिए 7065-00-5054 पर मिस कॉल करें एवं उपयोगी सलाह प्राप्त करें | Marathi | MP | 12-07-2022 | 17:05:00 | SCHEDULED |
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