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10191 বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (Amjuli, 08/12/22) জিলা: ওদালগুৰি বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ (বৈধতাৰ সময়সীমা: ৮ৰ পৰা ১৪ ডিচেম্বৰলৈ, ২০২২) VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। ওদালগুৰি জিলাৰ আমজুলিত অৱস্থিত Automatic Weather Station (AWS) ৰ পৰা পোৱা বতৰৰ পূৰ্বানুমান অনুসৰি ওচৰৰ অঞ্চলবোৰত, ৮ৰ পৰা ১৪ ডিচেম্বৰলৈ বতৰ ফৰকাল হৈ থকাৰ সম্ভাৱনা আছে। সপ্তাহটোত সর্বোচ্চ তাপমাত্ৰা ২৫-২৬ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ আৰু সর্বনির্বম্ন তাপমাত্ৰা প্ৰায় ১৩-১৪ ডিগ্ৰী চেলচিয়াছ হৈ থাকিব বুলি ধাৰনা কৰা হয়। ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৮০% আৰু ৪০% আশে-পাশে থাকিব। বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ৮-১০ কি: মি: বেগেৰে ঘাইকৈ উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা বলিব। চাহ খেতিৰ বাবে: • যিহেতু তাপমাত্ৰা হ্ৰাস আৰু দিনৰ সময় ক্ৰমান্বয়ে কম হৈ আহিছে; নৱেম্বৰ, ডিচেম্বৰ আৰু জানুৱাৰী মাহক চাহ গছৰ পৰিচৰ্যা আৰু আহিবলগা চিজনৰ বাবে প্ৰস্তুতিৰ সময় হিচাপে গণ্য কৰা হয়। • LP বাগান বোৰৰ পৰা Pruning আৰম্ভ কৰিব লাগিব আৰু অহা জানুৱাৰীৰ মাজভাগলৈকে LOS/LS বাগান বোৰত Pruning সম্পূৰ্ণ হব লাগিব। • বর্তমান অব্যাহত থকা শুষ্ক আৰু ফৰকাল বতৰৰ বাবে পাতলীয়া জলসিঞ্চনৰ ব্যৱস্থা লব পাৰে । • হেলোপেলটিছ বা অন্যান্য কীট-পতংগৰ আক্ৰমণ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ পাততোলা কাৰ্য্য সম্পূৰ্ণ হোৱাৰ পিছত অনুমোদিত মাত্ৰাত ঔষধৰ স্পট স্প্ৰে (Spot spraying) কৰিব । স্প্ৰে কৰাৰ আগত গছৰ গুৰিবোৰ ফৰ্কিং (Forking) কৰিলে স্প্ৰে কাৰ্য্য অধিক কাৰ্যকৰী হয়। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • তিয়ঁহৰ বীজ সিঁচা উপযুক্ত সময় হৈছে নৱেম্বৰৰ পৰা ডিচেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত। এবিঘা মাটিৰ বাবে ৩.৩ টন গোৱৰ বা পচন সাৰ, ১৪.৭ কি: গ্ৰা: ইউৰীয়া (Urea), ৩৭.৮ কি: গ্ৰা: চুপাৰ ফচফেট(SSP) আৰু ১৮.১ কি: গ্ৰা: পটাছ(MOP) সাৰৰ প্ৰয়োজন হয়। বিঘাই প্ৰতি অনুমোদিত সাৰৰ আধাভাগ ইউৰীয়া আৰু সম্পূর্ণ ভাগ চুপাৰ ফচফেট আৰু পটাছ সাৰ হাল বোৱাৰ সময়ত আৰু বাকী থকা আধা ভাগ ইউৰীয়া সাৰ পুলি গজি উঠাৰ ৩০ দিনৰ পিছত গছৰ গুৰিত প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। • বর্তমান অব্যাহত থকা শুকান বতৰৰ বাবে নতুনকৈ ৰোৱা শাক-পাচলীৰ খেতিত প্রয়োজন অনুসৰি জলঞ্চিনৰ ব্যৱস্থা লব। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছড কল দিব পাৰে। ধন্যবাদ। Assam Assam 07-12-2022 Disable
10192 December 2nd Week Advisory Shahjahanpur प्रिय किसान साथियों, आगामी 12 से 18 दिसंबर के दौरान शाहजहांपुर के वायुमंडलीय तापमान में गिरावट आयेगीI दिन का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहेगाI इस दौरान वायुमंडल में आर्द्रता 30 से 75 प्रतिशत तक रहेगी, सुबह के समय कोहरा छाने और धुंध रहने की संभावना हैI दिन के समय आसमान साफ रहेगा और वर्षा तथा पाला पड़ने की सम्भावना नहीं हैI इस समय काटे जाने वाले गन्नो का पूरा वजन लेने के लिए वातावरण में ओस को ध्यान में रखते हुए खेत में नमी की जाँच करते रहें, खेत को गीला न होनें देंI ध्यान रखें की सिंचाई के समय एक खेत का पानी दूसरे खेत में न जाये अन्यथा लाल सडन जैसे रोगों के दूसरे खेतों तक जाने की सम्भावना बढ़ जाएगी गन्ने की जड़ के पास से कटाई करेंI गन्ने की छिलाई के बाद सूखी पत्तियों को खेत में ही बिछा कर उसे सड़ायें जिससे खेत में ही कार्बनिक खाद तैयार होI इस काम के लिए वेस्ट डीकोम्पोसर का उपयोग किया जा सकता हैI गन्ना काटने के बाद पैडी और पैडी गन्ने को काटने के बाद लेडी अवश्य लें इससे लागत में 30 प्रतिशत तक कमी आती हैI पैडी या लेडी फसलों में गैप फिलिंग अवश्य करें जिससे गन्ने की पैदावार अधिक हो और लाभ को बढाया जा सकेI इस साल बोये गए शरद कालीन गन्ने में खर-पतवार नियंत्रण करते रहेंI गन्ने में फुटाव और निकलने वाले कल्लों को देखते हुए तो 50 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से गन्ने के पौधों की जड़ों पर डाल कर हल्की मिट्टी चढ़ाएंI यदि कल्ले नहीं निकाल रहें हों तो 4-4 किलोग्राम अजेतोबैक्टर और पी एस बी को 5 कुंटल गोबर की खाद में मिला कर प्रति एकड़ की दर से उपयोग किया जा सकता हैI अंतः फसल के रूप में लिए जा रहे सरसों, तोरिया, लाही आदि फसलों में बुवाई के 30 दिन के बाद सिंचाई अवश्य करें जिससे फूल खिलने और दानों के बनने में मदद मिलेI इस मौसम में सरसों की अन्तः फसल में चैंपा (एफिड) का प्रकोप बढ़ता हैI इससे बचाव के लिए मेटासिड 100 मिली को 400 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड की दर से छिडकाव करेंI आलू की फसल में अब आलू बनने लगे हैंI ऐसे में 50 किलो यूरिया, 50 किलो डी.ए.पी. औ 25 किलो पोटाश को मिला कर प्रति एकड की दर से पौधों की जड़ों के पास डाल कर मिट्टी चढाने का काम अवश्य करेंI प्याज और लहसुन में खर- पतवार नियंत्रण करेंI इस समय चीनी मिल से निकलने वाली मैली का उपयोग अपने खेतों में अवश्य करें इससे मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी पूरी होती हैI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI Uttar Pradesh Uttar Pradesh 07-12-2022 Disable
10193 December 2nd Week Advisory Lakhimpur प्रिय किसान साथियों, आगामी 12 से 18 दिसंबर के दौरान लखीमपुर के वायुमंडलीय तापमान में गिरावट आयेगीI दिन का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहेगाI इस दौरान वायुमंडल में आर्द्रता 30 से 75 प्रतिशत तक रहेगी, सुबह के समय कोहरा छाने और धुंध रहने की संभावना हैI दिन के समय आसमान साफ रहेगा और वर्षा तथा पाला पड़ने की सम्भावना नहीं हैI इस समय काटे जाने वाले गन्नो का पूरा वजन लेने के लिए वातावरण में ओस को ध्यान में रखते हुए खेत में नमी की जाँच करते रहें, खेत को गीला न होनें देंI ध्यान रखें की सिंचाई के समय एक खेत का पानी दूसरे खेत में न जाये अन्यथा लाल सडन जैसे रोगों के दूसरे खेतों तक जाने की सम्भावना बढ़ जाएगी गन्ने की जड़ के पास से कटाई करेंI गन्ने की छिलाई के बाद सूखी पत्तियों को खेत में ही बिछा कर उसे सड़ायें जिससे खेत में ही कार्बनिक खाद तैयार होI इस काम के लिए वेस्ट डीकोम्पोसर का उपयोग किया जा सकता हैI गन्ना काटने के बाद पैडी और पैडी गन्ने को काटने के बाद लेडी अवश्य लें इससे लागत में 30 प्रतिशत तक कमी आती हैI पैडी या लेडी फसलों में गैप फिलिंग अवश्य करें जिससे गन्ने की पैदावार अधिक हो और लाभ को बढाया जा सकेI इस साल बोये गए शरद कालीन गन्ने में खर-पतवार नियंत्रण करते रहेंI गन्ने में फुटाव और निकलने वाले कल्लों को देखते हुए तो 50 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से गन्ने के पौधों की जड़ों पर डाल कर हल्की मिट्टी चढ़ाएंI यदि कल्ले नहीं निकाल रहें हों तो 4-4 किलोग्राम अजेतोबैक्टर और पी एस बी को 5 कुंटल गोबर की खाद में मिला कर प्रति एकड़ की दर से उपयोग किया जा सकता हैI अंतः फसल के रूप में लिए जा रहे सरसों, तोरिया, लाही आदि फसलों में बुवाई के 30 दिन के बाद सिंचाई अवश्य करें जिससे फूल खिलने और दानों के बनने में मदद मिलेI इस मौसम में सरसों की अन्तः फसल में चैंपा (एफिड) का प्रकोप बढ़ता हैI इससे बचाव के लिए मेटासिड 100 मिली को 400 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड की दर से छिडकाव करेंI आलू की फसल में अब आलू बनने लगे हैंI ऐसे में 50 किलो यूरिया, 50 किलो डी.ए.पी. औ 25 किलो पोटाश को मिला कर प्रति एकड की दर से पौधों की जड़ों के पास डाल कर मिट्टी चढाने का काम अवश्य करेंI प्याज और लहसुन में खर- पतवार नियंत्रण करेंI इस समय चीनी मिल से निकलने वाली मैली का उपयोग अपने खेतों में अवश्य करें इससे मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी पूरी होती हैI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI Uttar Pradesh Uttar Pradesh 07-12-2022 Disable
10194 December 2nd Week advisory Hardoi प्रिय किसान साथियों, आगामी 12 से 18 दिसंबर के दौरान हरदोई के वायुमंडलीय तापमान में गिरावट आयेगीI दिन का अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेंटीग्रेड तथा रात का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेड तक रहेगाI इस दौरान वायुमंडल में आर्द्रता 30 से 75 प्रतिशत तक रहेगी, सुबह के समय कोहरा छाने और धुंध रहने की संभावना हैI दिन के समय आसमान साफ रहेगा और वर्षा तथा पाला पड़ने की सम्भावना नहीं हैI इस समय काटे जाने वाले गन्नो का पूरा वजन लेने के लिए वातावरण में ओस को ध्यान में रखते हुए खेत में नमी की जाँच करते रहें, खेत को गीला न होनें देंI ध्यान रखें की सिंचाई के समय एक खेत का पानी दूसरे खेत में न जाये अन्यथा लाल सडन जैसे रोगों के दूसरे खेतों तक जाने की सम्भावना बढ़ जाएगी गन्ने की जड़ के पास से कटाई करेंI गन्ने की छिलाई के बाद सूखी पत्तियों को खेत में ही बिछा कर उसे सड़ायें जिससे खेत में ही कार्बनिक खाद तैयार होI इस काम के लिए वेस्ट डीकोम्पोसर का उपयोग किया जा सकता हैI गन्ना काटने के बाद पैडी और पैडी गन्ने को काटने के बाद लेडी अवश्य लें इससे लागत में 30 प्रतिशत तक कमी आती हैI पैडी या लेडी फसलों में गैप फिलिंग अवश्य करें जिससे गन्ने की पैदावार अधिक हो और लाभ को बढाया जा सकेI इस साल बोये गए शरद कालीन गन्ने में खर-पतवार नियंत्रण करते रहेंI गन्ने में फुटाव और निकलने वाले कल्लों को देखते हुए तो 50 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से गन्ने के पौधों की जड़ों पर डाल कर हल्की मिट्टी चढ़ाएंI यदि कल्ले नहीं निकाल रहें हों तो 4-4 किलोग्राम अजेतोबैक्टर और पी एस बी को 5 कुंटल गोबर की खाद में मिला कर प्रति एकड़ की दर से उपयोग किया जा सकता हैI अंतः फसल के रूप में लिए जा रहे सरसों, तोरिया, लाही आदि फसलों में बुवाई के 30 दिन के बाद सिंचाई अवश्य करें जिससे फूल खिलने और दानों के बनने में मदद मिलेI इस मौसम में सरसों की अन्तः फसल में चैंपा (एफिड) का प्रकोप बढ़ता हैI इससे बचाव के लिए मेटासिड 100 मिली को 400 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड की दर से छिडकाव करेंI आलू की फसल में अब आलू बनने लगे हैंI ऐसे में 50 किलो यूरिया, 50 किलो डी.ए.पी. औ 25 किलो पोटाश को मिला कर प्रति एकड की दर से पौधों की जड़ों के पास डाल कर मिट्टी चढाने का काम अवश्य करेंI प्याज और लहसुन में खर- पतवार नियंत्रण करेंI इस समय चीनी मिल से निकलने वाली मैली का उपयोग अपने खेतों में अवश्य करें इससे मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी पूरी होती हैI ‘स्मार्ट एग्री कार्यक्रम’ की और अधिक जानकारी के लिए मो. नं. 9205021814 पर संपर्क करेंI इस सन्देश को दोबारा सुनने के लिए 7065-00-5054 पर संपर्क करेI Uttar Pradesh Uttar Pradesh 07-12-2022 Disable
10195 நீர்க்குழிகள் தேயிலை தோட்டத்தில் ஒவ்வொரு 2 மீட்டர் இடைவெளிக்கு (6 x 1.5 x 1 feet) (நீளம் x அகலம் X ஆழம்) என்ற கணக்கில் நீர்க்குழிகள் எடுப்பதின் மூலம் ஒவ்வொரு குழியின் மூலமும் 250 லிட்டர் தண்ணீரை சேகரிக்க முடியும். இது வறட்சி காலத்தில் தேயிலைக்கு உகந்ததாக இருக்கும். Tamil Nadu Tamil Nadu 07-12-2022 Disable
10196 உரமிடுதல் ஒரு ஏக்கர் கொண்ட தோட்டத்திற்கு 120 kgs of Ammonium Sulphate + 30 kgs of MOP = 150 kgs per acre பரப்பி விடுதல் உகந்தது Tamil Nadu Tamil Nadu 07-12-2022 Disable
10197 VIF-1-Adilabad-Jainad-07-12 రైతులకు సూచనలు పత్తిపై ఎక్కడ చూసినా కనిపించే పురుగుకు సంబంధించి.. సమాచారం చూద్దాం: పత్తి ఏపుగా పెరిగే కొద్దీ తెల్లదోమ, ఎర్రటి కాయతొలుచు పురుగు ఉధృతి పెరుగుతుంది. తెల్లదోమ - పత్తి మొక్క ఆకుల క్రింద నివసిస్తుంది మరియు ఆకుల నుండి రసాన్ని గ్రహిస్తుంది. కాబట్టి ఆకులు ఎండిపోతాయి. ఈగ తన శరీరం నుండి జిగట పదార్థాన్ని విసర్జిస్తుంది, ఇది నల్ల ఫంగస్‌ను పెంచడం ద్వారా ఆహారాన్ని ఉత్పత్తి చేసే మొక్క సామర్థ్యాన్ని తగ్గిస్తుంది. ఆహారం సరిగా అందకపోవడం వల్ల ప్రతికూల ప్రభావాలు ఏర్పడి ఉత్పత్తి తగ్గుతుంది. ఎరుపు ముద్ద - ఈ తెగులు ద్వితీయ తెగులు వర్గంలోకి వస్తుంది. ఈ కీటకాల యొక్క యువకులు మరియు పెద్దలు పత్తి కాయల నుండి నూనెను పీలుస్తారు. అలాగే వాటి విసర్జన వల్ల పత్తి నాణ్యత దెబ్బతింటుంది. ఫలితంగా సరసమైన రేటు ప్రభావితమవుతుంది. నివారణ: రసాన్ని పీల్చే పురుగుల నియంత్రణకు ఇమిడాక్లోప్రిడ్ 5మి.లీ. లేదా ఎసిటిమాప్రిడ్ 20% ఎస్పీ 5 గ్రా 15 లీటర్ల నీటిలో కలిపి పిచికారీ చేయాలి. ధన్యవాదాలు! Telangana Telangana 07-12-2022 Disable
10198 Nanded_VIL-1_Advisory_Text_7 Dec 2022 शेतकऱ्यांसाठी सूचना कपाशीवर सर्वत्र आढळणारी कीडीबाबत .. माहिती बघू : जशी उन वाढेल तसे पांढरी माशी आणि तांबडे ढेकूण यांचा प्रादूर्भाव वाढतो. पांढरी माशी - कपाशी पिकाचे पानाचे खाली राहून पानातील रस शोषण करते. त्यामुळे पाने वाळतात . माशी शरीरातून चिकट पदार्थ बाहेर टाकते त्यावर काळी बुरशी वाढून झाडाचे अन्न तयार करण्याची क्रीया मंदावते. अन्नाचा पुरवठा योग्य प्रमाणात न झाल्याने अनिष्ट परिणाम होऊन उत्पादनात घट होते. तांबडे ढेकूण - ही कीड दुय्यम किड या प्रकारात मोडते. या कीडींची पिल्ले व प्रौढ कापूसबोंडातील सरकीमधे सोंड खुपसून तेल पीतात. तसेच यांचे विष्ठेमुळे कापूस दर्जा बिघडतो . परिणामी योग्य दरावर परिणाम होतो. उपायया दोन्ही रसशोषक किडींच्या नियंत्रणा करिता इमिडाक्लोप्रिड 5 मिली . किंवा असेटिमाप्रिड 20%एस पी 5 ग्रॅम 15लीटर पाण्यात मिसळून फवारणी करावी. धन्यवाद! Maharashtra MH 06-12-2022 Disable
10199 Yavatmal_VIL-2_ Text Advisory_7 Dec 2022 शेतकऱ्यांसाठी सूचना कपाशीवर सर्वत्र आढळणारी कीडीबाबत .. माहिती बघू : जशी उन वाढेल तसे पांढरी माशी आणि तांबडे ढेकूण यांचा प्रादूर्भाव वाढतो. पांढरी माशी - कपाशी पिकाचे पानाचे खाली राहून पानातील रस शोषण करते. त्यामुळे पाने वाळतात . माशी शरीरातून चिकट पदार्थ बाहेर टाकते त्यावर काळी बुरशी वाढून झाडाचे अन्न तयार करण्याची क्रीया मंदावते. अन्नाचा पुरवठा योग्य प्रमाणात न झाल्याने अनिष्ट परिणाम होऊन उत्पादनात घट होते. तांबडे ढेकूण - ही कीड दुय्यम किड या प्रकारात मोडते. या कीडींची पिल्ले व प्रौढ कापूसबोंडातील सरकीमधे सोंड खुपसून तेल पीतात. तसेच यांचे विष्ठेमुळे कापूस दर्जा बिघडतो . परिणामी योग्य दरावर परिणाम होतो. उपायया दोन्ही रसशोषक किडींच्या नियंत्रणा करिता इमिडाक्लोप्रिड 5 मिली . किंवा असेटिमाप्रिड 20%एस पी 5 ग्रॅम 15लीटर पाण्यात मिसळून फवारणी करावी. धन्यवाद! Maharashtra MH 06-12-2022 Disable
10200 Yavatmal_VIL-1 _ Text Advisory_7 Dec 2022 शेतकऱ्यांसाठी सूचना कपाशीवर सर्वत्र आढळणारी कीडीबाबत .. माहिती बघू : जशी उन वाढेल तसे पांढरी माशी आणि तांबडे ढेकूण यांचा प्रादूर्भाव वाढतो. पांढरी माशी - कपाशी पिकाचे पानाचे खाली राहून पानातील रस शोषण करते. त्यामुळे पाने वाळतात . माशी शरीरातून चिकट पदार्थ बाहेर टाकते त्यावर काळी बुरशी वाढून झाडाचे अन्न तयार करण्याची क्रीया मंदावते. अन्नाचा पुरवठा योग्य प्रमाणात न झाल्याने अनिष्ट परिणाम होऊन उत्पादनात घट होते. तांबडे ढेकूण - ही कीड दुय्यम किड या प्रकारात मोडते. या कीडींची पिल्ले व प्रौढ कापूसबोंडातील सरकीमधे सोंड खुपसून तेल पीतात. तसेच यांचे विष्ठेमुळे कापूस दर्जा बिघडतो . परिणामी योग्य दरावर परिणाम होतो. उपायया दोन्ही रसशोषक किडींच्या नियंत्रणा करिता इमिडाक्लोप्रिड 5 मिली . किंवा असेटिमाप्रिड 20%एस पी 5 ग्रॅम 15लीटर पाण्यात मिसळून फवारणी करावी. धन्यवाद! Maharashtra MH 06-12-2022 Disable