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| S.No | Message Title | Message | State | Created By | Creation Date | Status | Action |
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| 10461 | 1 Sep 2022 Dibrugarh | জিলা: ডিব্ৰুগড় বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। আমাৰ বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী ডিব্ৰুগড় জিলাত অহা ৭ দিনত বতৰ ডাৱৰীয়া হৈ থকাৰ লগতে পাতলৰ পৰা মধ্যমীয়া বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৭ °চে.ৰ পৰা ৩২ °চে. আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৪ °চে.ৰ পৰা ২৫ °চে. হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে । ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৯ % আৰু ৮০% আশে-পাশে থাকিব । বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৬ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ কোৱালিটিত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • চাহ খেতিত পানী জমা হোৱা এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰিব আৰু নলাৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱস্থা লব। ঠেক নলাবোৰ পৰিষ্কাৰ কৰি ৰাখিব। • বাগিচা বোৰত পানী ওলাই নোযোৱা পৰিস্থিতি হলে Black rot , Red rust আদি ৰোগ হব পাৰে । অস্থায়ী ড্ৰেইনৰ সহায়ত পানী নিষ্কাশন কৰিব লাগে। এই ৰোগ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ অনুমোদিত মাত্ৰাত COC আৰু Hexaconazole স্প্ৰে কৰিব। • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত Foliar spraying কৰিব পাৰে। তাৰ বাবে ১% Urea, Zinc sulphate আৰু DAP, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত স্প্ৰে কৰিব পাৰে। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • যিহেতু অহা সপ্তাহত কোনো প্ৰৱল বৰষুণৰ সম্ভাৱনা নাই সেয়েহে আগতীয়া ফুলকবিৰ প্ৰকাৰৰ বীজ ৰোপণ অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। এক বিঘা মাটিত পুলি ৰোপণ কৰিবলৈ বীজতলিত প্ৰায় ৮৫ গ্ৰাম বীজ সিঁচিব লাগে। • মূলা খেতিৰ বাবে বালি চহিয়া মাটি প্ৰয়োজন। মাটি তৈয়াৰ কৰা পিছত পচন সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। সোনকালে কৰা মূলা খেতিৰ বীজ সিঁচা কার্য্য আগষ্ট মাহৰ পৰা ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত কৰিব লাগে। • আগতীয়াকৈ মূলা খেতিৰ বাবে অনুমোদিত প্ৰকাৰৰ বীজ যেনে Pusa Deshi, Pusa Himani, আদি সংগ্ৰহ কৰক । এক বিঘা মাটিৰ বাবে বীজৰ পৰিমাণ ১.৩ কেজি। প্ৰতি বিঘাত ২.৬ টন FYM, ৭.৩৫ কেজি Urea, ৪২.০ কেজি SSP আৰু ২২.৭ কেজি MOP সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বীজ সিঁচাৰ আগতে প্ৰতি কেজি বীজত ২-২.৫ গ্ৰাম Carboxin দি শোধন কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছ কল দিব পাৰে । ধন্যবাদ । | Assam | Assam | 31-08-2022 | Disable |
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| 10462 | 1 Sep 2022 Jorhat | জিলা: যোৰহাট বতৰৰ বতৰা আৰু আমাৰ পৰামৰ্শ VI Smart Agri Project ৰ প্ৰিয় ট্ৰিনিটি ক্ষুদ্ৰ চাহ খেতিয়ক । স্মাৰ্ট কৃষি পৰামৰ্শলৈ স্বাগতম। আমাৰ বতৰ বিজ্ঞান কেন্দ্ৰৰ পৰা পোৱা বতৰৰ আগলি বতৰা অনুযায়ী যোৰহাট জিলাত, ৩১ আগষ্টৰ পৰা ৬ ছেপ্টেম্বৰলৈ বতৰ ডাৱৰীয়া হৈ থকাৰ লগতে পাতলৰ পৰা মধ্যমীয়া বৰষুণ হোৱাৰ সম্ভাৱনা আছে। দিনৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৯°চে.ৰ পৰা ৩২°চে. আৰু নিশাৰ উষ্ণতা প্ৰায় ২৪ °চে.ৰ পৰা ২৬ ° চে. হব বুলি অনুমান কৰা হৈছে । ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ আপেক্ষিক আৰ্দ্ৰতা ক্ৰমান্বয়ে প্ৰায় ৯৮% আৰু ৭০% আশে-পাশে থাকিব । বতাহ প্ৰতি ঘন্টাত ২-৮ কিলোমিটাৰ বেগত উত্তৰ-পূব দিশৰ পৰা প্ৰবাহিত হব। চাহ খেতিৰ বাবে: • পাততোলা কাৰ্য্য খিনি ৭-৮ দিনৰ ৰাউণ্ডত তুলিব পৰাকৈ চেষ্টা কৰিব যাতে চাহপাতৰ কোৱালিটিত কোনো প্ৰভাৱ নপৰে। • চাহ খেতিত পানী জমা হোৱা এলেকাবোৰ চিহ্নিত কৰিব আৰু নলাৰ বাবে প্ৰয়োজনীয় ব্যৱস্থা লব। ঠেক নলাবোৰ পৰিষ্কাৰ কৰি ৰাখিব। • বাগিচা বোৰত পানী ওলাই নোযোৱা পৰিস্থিতি হলে Black rot , Red rust আদি ৰোগ হব পাৰে । অস্থায়ী ড্ৰেইনৰ সহায়ত পানী নিষ্কাশন কৰিব লাগে। এই ৰোগ নিয়ন্ত্ৰণ কৰিবলৈ অনুমোদিত মাত্ৰাত COC আৰু Hexaconazole স্প্ৰে কৰিব। • নিৰপেক্ষ বতৰৰ পৰিস্থিতিত Foliar spraying কৰিব পাৰে। তাৰ বাবে ১% Urea, Zinc sulphate আৰু DAP, ১০০ লিটাৰ পানীত মিহলাই ৰাতিপুৱা আৰু আবেলিৰ সময়ত স্প্ৰে কৰিব পাৰে। অন্যান্য শস্যৰ বাবে: • যিহেতু অহা সপ্তাহত কোনো প্ৰৱল বৰষুণৰ সম্ভাৱনা নাই সেয়েহে আগতীয়া ফুলকবিৰ প্ৰকাৰৰ বীজ ৰোপণ অব্যাহত ৰাখিব পাৰে। এক বিঘা মাটিত পুলি ৰোপণ কৰিবলৈ বীজতলিত প্ৰায় ৮৫ গ্ৰাম বীজ সিঁচিব লাগে। • মূলা খেতিৰ বাবে বালি চহিয়া মাটি প্ৰয়োজন। মাটি তৈয়াৰ কৰা পিছত পচন সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। সোনকালে কৰা মূলা খেতিৰ বীজ সিঁচা কার্য্য আগষ্ট মাহৰ পৰা ছেপ্টেম্বৰ মাহৰ ভিতৰত কৰিব লাগে। • আগতীয়াকৈ মূলা খেতিৰ বাবে অনুমোদিত প্ৰকাৰৰ বীজ যেনে Pusa Deshi, Pusa Himani, আদি সংগ্ৰহ কৰক । এক বিঘা মাটিৰ বাবে বীজৰ পৰিমাণ ১.৩ কেজি। প্ৰতি বিঘাত ২.৬ টন FYM, ৭.৩৫ কেজি Urea, ৪২.০ কেজি SSP আৰু ২২.৭ কেজি MOP সাৰ প্ৰয়োগ কৰিব লাগে। বীজ সিঁচাৰ আগতে প্ৰতি কেজি বীজত ২-২.৫ গ্ৰাম Carboxin দি শোধন কৰিব লাগে। বতৰ আৰু কৃষি সম্পৰ্কীয় তথ্যৰ বিষয়ে জানিবলৈ কৃষকসকলে ৭০৬৫-০০-৫০৫৪ নম্বৰত মিছ কল দিব পাৰে । ধন্যবাদ । | Assam | Assam | 31-08-2022 | Disable |
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| 10463 | VIF-Adilabad Advisory-31-08-2022 | జైనాద్ మండల రైతు సోదరులకు సూచన :: సోలిడరిడాడ్ వారి ఆధునిక ఆటోమేటెడ్ వాతావరన కేంద్ర సమాచారము మేరకు, గత వారం లో కురిసిన వాన 23.4 మిల్లీ మీటర్లు గా ఉంది. ఈ వారం సైతం వానలు కురిసే అవకాశం 35-85%% గా ఉంది. అధిక వర్షాలు కురిసాయి కావున రైతు సోదరులు కాలువలు ఏర్పాటు చేసుకొని పంటచేరల్లో ఆగిన నీటిని వర్షాలు తగ్గిన వెంటనే తొలగించుకోవాలి. ఆకాశం మేఘావృతమై ఉండడం వల్ల తెగుళ్లు సోకే ప్రమాదం ఉంది కావున ఎక్కడైతే నీరు నిల్వ ఉండి ఆకులు ఎర్రబరాయో అట్లాంటి పంటచేలలో రైతు సోదరులు విధిగా 600 గ్రాములు కాపర్ ఆక్సి క్లోరైడ్ మరియు 20 గ్రాముల ప్లాంటమైసిన్ అనే మందును 200 లీటర్ల నీటిలో కలుపుకొని మొదలు తడిచేలా పిచికారి చేసుకోవాలి. అవసరమైనట్లయితే 19 .19. 19. నీటిలో కరిగే ఎరువులను మరియు అగ్రోమిన్ మాథ్స్ ఫార్ములా సిక్స్ వంటి ఎరువులను ఎకరానికి రెండు కేజీల చొప్పున 200 లీటర్ల నీటిలో కలుపుకొని పిచికారి చేసుకోవాలి ఇట్లు సాలిడేరిడాడ్ | Telangana | Telangana | 30-08-2022 | Disable |
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| 10464 | VIF2-Yavatmal Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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| 10465 | VIF1-Yavatmal Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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| 10466 | VIF2-Wardha Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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| 10467 | VIF1-Wardha Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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| 10468 | VIF1-Nanded Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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| 10469 | VIF2-Nagpur Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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| 10470 | VIF1-Nagpur Advisory-31-08-2022 | कापूस पिकाचे किडीपासून संरक्षणासाठी रासायनिक कीटकनाशकांचा वापर कमीकरून वनस्पतीजन्य कीटकनाशकांचा वापर करावा जसे कि निंबोळी अर्क ज्यामध्ये अझाड़ीरेक्टीन, निंबीन, निंबीडीन, निंबोनीन, निंबीस्टेलॉल, मेलॅट्रियाल, असे अनेक महत्त्वाचे घटक असल्यामुळेकिडींचे नियंत्रण करण्यास मदत मिळते. हे घटक किडींच्या नियंत्रणामध्ये महत्त्वाची भूमिकानिभावतात आणि निंबोळी अर्क मावा, तुडतुडे, अमेरिकन बोंड अळी, पानेव देठ पोखरणारी अळी, फळमाशी, खोडकिडा अशा अनेक किडींवर प्रभावी आहे. ह्यामुळे रसशोषककिडींचा प्रादुर्भाव कमी करण्यास सुद्धा मदत होते. शेतामध्ये ओमनी किडींचा प्रादुर्भावआढळून आल्यास मेटारायझीअम ऍनिसोपली किंवा बिव्हेरिया बॅसियानाह्या मित्र बुरशींचा वापर करावा. गुलाबी बोन्ड अळीच्या प्रतिबंधासाठी शेतामध्ये एकरी ५ ते ६ फेरोमोन सापळे लावावे वनिरीक्षण करावे आणि रस शोषक किडींसाठी पिवळे व निळे चिकट सापळे एकरी १० ते १५ असेलावावे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्येआपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबा. क्र. ९१५८२६१९२२. धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 30-08-2022 | Disable |
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