Message List: 11,290
| S.No | Message Title | Message | State | Created By | Creation Date | Status | Action |
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| 1331 | मूंग की फसल पर सलाह Raisen | वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरीडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है। किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह, जिला Raisen ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह: 23 March से 2 April के दौरान दिन में 35 और रात में 22 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। गर्मियों में मूंग की खेती हेतु अच्छी गुणवत्ता वाला बीज एवं पीला मोजाइक रोग प्रतिरोधी प्रजाति शिखा-IPM 410-3 या टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (T.J.M-3) या विराट-IPM 205-7) का चयन करें एवं अनुसंशित बीज दर 10 से 12 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ रखें। बोवनी के पूर्व अनुशंशित कवकनाशक से व राईजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें। मूंग फसल की खेती मे नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है एवं मिट्टी का स्वास्थ मे भी सुधार होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया आप हमारे कृषि-विशेषज्ञ (फ़ोन:7-6-6-9-0-4-7-7-4-7) से दिन में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच बात करें । | Madhya Pradesh | MP | 24-03-2025 | Enable |
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| 1332 | मूंग की फसल पर सलाह Ujjain | वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरीडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है। किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह, जिला Ujjain ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह: 23 March से 2 April के दौरान दिन में 34 और रात में 22 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। गर्मियों में मूंग की खेती हेतु अच्छी गुणवत्ता वाला बीज एवं पीला मोजाइक रोग प्रतिरोधी प्रजाति शिखा-IPM 410-3 या टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (T.J.M-3) या विराट-IPM 205-7) का चयन करें एवं अनुसंशित बीज दर 10 से 12 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ रखें। बोवनी के पूर्व अनुशंशित कवकनाशक से व राईजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें। मूंग फसल की खेती मे नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है एवं मिट्टी का स्वास्थ मे भी सुधार होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया आप हमारे कृषि-विशेषज्ञ (फ़ोन:7-6-6-9-0-4-7-7-4-7) से दिन में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच बात करें । | Madhya Pradesh | MP | 24-03-2025 | Enable |
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| 1333 | मूंग की फसल पर सलाह Agar | वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरीडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है। किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह, जिला Agar ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह: 23 March से 2 April के दौरान दिन में 34 और रात में 21 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। गर्मियों में मूंग की खेती हेतु अच्छी गुणवत्ता वाला बीज एवं पीला मोजाइक रोग प्रतिरोधी प्रजाति शिखा-IPM 410-3 या टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (T.J.M-3) या विराट-IPM 205-7) का चयन करें एवं अनुसंशित बीज दर 10 से 12 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ रखें। बोवनी के पूर्व अनुशंशित कवकनाशक से व राईजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें। मूंग फसल की खेती मे नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है एवं मिट्टी का स्वास्थ मे भी सुधार होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया आप हमारे कृषि-विशेषज्ञ (फ़ोन:7-6-6-9-0-4-7-7-4-7) से दिन में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच बात करें । | Madhya Pradesh | MP | 24-03-2025 | Enable |
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| 1334 | मूंग की फसल पर सलाह Sehore | वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरीडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है। किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह, जिला Sehore ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह: 23 March से 2 April के दौरान दिन में 35 और रात में 22 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। गर्मियों में मूंग की खेती हेतु अच्छी गुणवत्ता वाला बीज एवं पीला मोजाइक रोग प्रतिरोधी प्रजाति शिखा-IPM 410-3 या टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (T.J.M-3) या विराट-IPM 205-7) का चयन करें एवं अनुसंशित बीज दर 10 से 12 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ रखें। बोवनी के पूर्व अनुशंशित कवकनाशक से व राईजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें। मूंग फसल की खेती मे नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है एवं मिट्टी का स्वास्थ मे भी सुधार होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया आप हमारे कृषि-विशेषज्ञ (फ़ोन:7-6-6-9-0-4-7-7-4-7) से दिन में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच बात करें । | Madhya Pradesh | MP | 24-03-2025 | Enable |
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| 1335 | मूंग की फसल पर सलाह Bhopal | वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरीडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है। किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह, जिला Bhopal ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह: 23 March से 2 April के दौरान दिन में 35 और रात में 22 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। गर्मियों में मूंग की खेती हेतु अच्छी गुणवत्ता वाला बीज एवं पीला मोजाइक रोग प्रतिरोधी प्रजाति शिखा-IPM 410-3 या टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (T.J.M-3) या विराट-IPM 205-7) का चयन करें एवं अनुसंशित बीज दर 10 से 12 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ रखें। बोवनी के पूर्व अनुशंशित कवकनाशक से व राईजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें। मूंग फसल की खेती मे नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है एवं मिट्टी का स्वास्थ मे भी सुधार होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया आप हमारे कृषि-विशेषज्ञ (फ़ोन:7-6-6-9-0-4-7-7-4-7) से दिन में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच बात करें । | Madhya Pradesh | MP | 24-03-2025 | Enable |
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| 1336 | मूंग की फसल पर सलाह Dewas | वोडाफोन आईडिया फाउंडेशन एवं सोलीडरीडाड द्वारा क्रियान्वित स्मार्ट एग्री कार्यक्रम में आपका स्वागत है। किसानों के लिए सम-सामयिक सलाह, जिला Dewas ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के अनुसार इस सप्ताह: 23 March से 2 April के दौरान दिन में 33 और रात में 22 डिग्री सेल्सियस तापक्रम रहने का अनुमान है। गर्मियों में मूंग की खेती हेतु अच्छी गुणवत्ता वाला बीज एवं पीला मोजाइक रोग प्रतिरोधी प्रजाति शिखा-IPM 410-3 या टॉम्बे जवाहर मूंग-3 (T.J.M-3) या विराट-IPM 205-7) का चयन करें एवं अनुसंशित बीज दर 10 से 12 किलो ग्राम बीज प्रति एकड़ रखें। बोवनी के पूर्व अनुशंशित कवकनाशक से व राईजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें। मूंग फसल की खेती मे नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है एवं मिट्टी का स्वास्थ मे भी सुधार होता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया आप हमारे कृषि-विशेषज्ञ (फ़ोन:7-6-6-9-0-4-7-7-4-7) से दिन में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच बात करें । | Madhya Pradesh | MP | 24-03-2025 | Enable |
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| 1337 | VIL_3_Nanded_Kinwat_Loni | (Nanded_Kinwat_Loni) नमस्कार शेतकरी बंधूंनो...सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. किनवट तालुक्यातील लोणी येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान 23 ते 26 अंश तर कमाल 37 ते 40 अंश सेल्सियस एवढे राहण्याची तसेच वातावरण अंशतः ढगाळ राहण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना:- शेतकऱ्यांनी परिपक्व अवस्थेतील गहू व इतर रब्बी हंगामातील पिकाची कापणी व मळणी प्राधान्याने उरकून घ्यावी. कापणी केलेला शेतमाल कोरड्या व सुरसुक्षित ठिकाणी साठवावा. शेतकऱ्यांनी गहू पिकाची काढणी झाल्यानंतर पिकांचे धसकटे जाळू नये त्यामुळे जमिनीतील सेंद्रिय कर्ब व सूक्ष्म जिवाणूंचा ऱ्हास होतो, त्याऐवजी शेतकऱ्यांनी पुढील हंगामासाठी जमीन तयार करण्याच्या वेळी ते जमिनीतच पुरवावे कारण त्यात सिलिकॉन हे अन्नद्रव्य मुबलक प्रमाणात असते व त्याचा फायदा पुढील पिकासाठी होतो. हंगामी पिके, फळपिके व भाजीपाला पिकामध्ये आवश्यकता असल्यास ठिबक सिंचन/तुषार सिंचन पद्धतीद्वारे हलके ओलीत करावे तसेच आंतरमशागतीची कामे, कीड व रोग व्यवस्थापनासाठी कृषी रसायनांची फवारणीची कामे व उभ्या पिकामध्ये खते देण्याची कामे पुढील ५ ते ६ दिवस सुरु ठेवावीत. सध्या तीळ पीक हे ४०-४५ दिवसाचे आहे. तरी शेतकऱ्यांनी खताचा दुसरा डोस म्हणून १२.५ किलो नत्र व २५ किलो स्फुरद प्रति हे. द्वावे तसेच २० किलो/हे. झिंक व सल्फर द्वावे त्यामुळे सूक्ष्म अन्नद्रव्याची कमतरता भासत नाही. तीळ पिकाच्या अधिक उत्पन्न वाढीसाठी पीक फुलावर असताना व बोण्डया/शेंगा धरण्याच्या वेळेस २% DAP ची फवारणी करावी. तीळ पिकास जमिनीच्या मगदुराप्रमाणे १२ ते १५ दिवसाच्या अंतराने ओलीत करावे. ओलीत करताना पिक क्षेत्रामध्ये पाणी साचून राहणार नाही याची दक्षता घ्यावी. आवश्यकते नुसार २ ते ३ वेळा खुरपणी/ कोळपणी करून शेत स्वच्छ ठेवावे. पिकाची सुरुवातीची वाढ हळू होत असल्याने पिक एक महिन्याचे होई पर्यंत शेतात तन होणार नाही याची काळजी घ्यावी. स्मार्ट ॲग्री ॲडव्हायझरी ॲप चे अपडेटेड व्हर्जन प्ले स्टोअर मध्ये उपलब्ध आहे ते मोबाईल मध्ये डाऊनलोड करणे सदर अपडेटेड व्हर्जन मध्ये हवामान केंद्राच्या माहितीचा तपशील समाविष्ट करण्यात आला आहे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबाईल क्रमांक ९१५८२६१९२२ धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 23-03-2025 | Enable |
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| 1338 | VIL_3_Parbhani_Pingali | (Parbhani_Pingali) नमस्कार शेतकरी बंधूंनो...सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. परभणी तालुक्यातील पिंगळी येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान 23 ते 25 अंश तर कमाल 37 ते 40 अंश सेल्सियस एवढे राहण्याची शक्यता आहे. शेतकऱ्यांसाठी सूचना:- शेतकऱ्यांनी परिपक्व अवस्थेतील गहू व इतर रब्बी हंगामातील पिकाची कापणी व मळणी प्राधान्याने उरकून घ्यावी. कापणी केलेला शेतमाल कोरड्या व सुरसुक्षित ठिकाणी साठवावा. शेतकऱ्यांनी गहू पिकाची काढणी झाल्यानंतर पिकांचे धसकटे जाळू नये त्यामुळे जमिनीतील सेंद्रिय कर्ब व सूक्ष्म जिवाणूंचा ऱ्हास होतो, त्याऐवजी शेतकऱ्यांनी पुढील हंगामासाठी जमीन तयार करण्याच्या वेळी ते जमिनीतच पुरवावे कारण त्यात सिलिकॉन हे अन्नद्रव्य मुबलक प्रमाणात असते व त्याचा फायदा पुढील पिकासाठी होतो. हंगामी पिके, फळपिके व भाजीपाला पिकामध्ये आवश्यकता असल्यास ठिबक सिंचन/तुषार सिंचन पद्धतीद्वारे हलके ओलीत करावे तसेच आंतरमशागतीची कामे, कीड व रोग व्यवस्थापनासाठी कृषी रसायनांची फवारणीची कामे व उभ्या पिकामध्ये खते देण्याची कामे पुढील ५ ते ६ दिवस सुरु ठेवावीत. सध्या तीळ पीक हे ४०-४५ दिवसाचे आहे. तरी शेतकऱ्यांनी खताचा दुसरा डोस म्हणून १२.५ किलो नत्र व २५ किलो स्फुरद प्रति हे. द्वावे तसेच २० किलो/हे. झिंक व सल्फर द्वावे त्यामुळे सूक्ष्म अन्नद्रव्याची कमतरता भासत नाही. तीळ पिकाच्या अधिक उत्पन्न वाढीसाठी पीक फुलावर असताना व बोण्डया/शेंगा धरण्याच्या वेळेस २% DAP ची फवारणी करावी. तीळ पिकास जमिनीच्या मगदुराप्रमाणे १२ ते १५ दिवसाच्या अंतराने ओलीत करावे. ओलीत करताना पिक क्षेत्रामध्ये पाणी साचून राहणार नाही याची दक्षता घ्यावी. आवश्यकते नुसार २ ते ३ वेळा खुरपणी/ कोळपणी करून शेत स्वच्छ ठेवावे. पिकाची सुरुवातीची वाढ हळू होत असल्याने पिक एक महिन्याचे होई पर्यंत शेतात तन होणार नाही याची काळजी घ्यावी. स्मार्ट ॲग्री ॲडव्हायझरी ॲप चे अपडेटेड व्हर्जन प्ले स्टोअर मध्ये उपलब्ध आहे ते मोबाईल मध्ये डाऊनलोड करणे सदर अपडेटेड व्हर्जन मध्ये हवामान केंद्राच्या माहितीचा तपशील समाविष्ट करण्यात आला आहे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबाईल क्रमांक ९१५८२६१९२२ धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 23-03-2025 | Enable |
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| 1339 | VIL_2_Wardha_Ajansara | (VIL_2_Wardha) नमस्कार शेतकरी बंधूंनो.. सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. हिंगणघाट तालुक्यातील आजनसरा येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान 22 ते 25°C तर कमाल 37 ते 40°C असून वातावरण अंशतः ढगाळ राहील. शेतकऱ्यांसाठी सूचना:- शेतकऱ्यांनी परिपक्व अवस्थेतील गहू व इतर रब्बी हंगामातील पिकाची कापणी व मळणी प्राधान्याने उरकून घ्यावी. कापणी केलेला शेतमाल कोरड्या व सुरसुक्षित ठिकाणी साठवावा. शेतकऱ्यांनी गहू पिकाची काढणी झाल्यानंतर पिकांचे धसकटे जाळू नये त्यामुळे जमिनीतील सेंद्रिय कर्ब व सूक्ष्म जिवाणूंचा ऱ्हास होतो, त्याऐवजी शेतकऱ्यांनी पुढील हंगामासाठी जमीन तयार करण्याच्या वेळी ते जमिनीतच पुरवावे कारण त्यात सिलिकॉन हे अन्नद्रव्य मुबलक प्रमाणात असते व त्याचा फायदा पुढील पिकासाठी होतो. हंगामी पिके, फळपिके व भाजीपाला पिकामध्ये आवश्यकता असल्यास ठिबक सिंचन/तुषार सिंचन पद्धतीद्वारे हलके ओलीत करावे तसेच आंतरमशागतीची कामे, कीड व रोग व्यवस्थापनासाठी कृषी रसायनांची फवारणीची कामे व उभ्या पिकामध्ये खते देण्याची कामे पुढील ५ ते ६ दिवस सुरु ठेवावीत. सध्या तीळ पीक हे ४०-४५ दिवसाचे आहे. तरी शेतकऱ्यांनी खताचा दुसरा डोस म्हणून १२.५ किलो नत्र व २५ किलो स्फुरद प्रति हे. द्वावे तसेच २० किलो/हे. झिंक व सल्फर द्वावे त्यामुळे सूक्ष्म अन्नद्रव्याची कमतरता भासत नाही. तीळ पिकाच्या अधिक उत्पन्न वाढीसाठी पीक फुलावर असताना व बोण्डया/शेंगा धरण्याच्या वेळेस २% DAP ची फवारणी करावी. तीळ पिकास जमिनीच्या मगदुराप्रमाणे १२ ते १५ दिवसाच्या अंतराने ओलीत करावे. ओलीत करताना पिक क्षेत्रामध्ये पाणी साचून राहणार नाही याची दक्षता घ्यावी. आवश्यकते नुसार २ ते ३ वेळा खुरपणी/ कोळपणी करून शेत स्वच्छ ठेवावे. पिकाची सुरुवातीची वाढ हळू होत असल्याने पिक एक महिन्याचे होई पर्यंत शेतात तन होणार नाही याची काळजी घ्यावी. स्मार्ट ॲग्री ॲडव्हायझरी ॲप चे अपडेटेड व्हर्जन प्ले स्टोअर मध्ये उपलब्ध आहे ते मोबाईल मध्ये डाऊनलोड करणे सदर अपडेटेड व्हर्जन मध्ये हवामान केंद्राच्या माहितीचा तपशील समाविष्ट करण्यात आला आहे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा मोबाईल क्रमांक ९१५८२६१९२२ धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 23-03-2025 | Enable |
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| 1340 | VIL_2_Amravati_Dabhada | (VIL_2_Amravati_Dabhada) नमस्कार शेतकरी बंधूंनो...सॉलिडरीडॅड आणि वोडाफोन आयडिया फाऊंडेशन यांच्या स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले स्वागत आहे. धामनगाव रे तालुक्यातील दाभाडा येथील स्वयंचलीत हवामान केंद्रातर्फे या आठवड्यातील हवामानाचा अंदाज असा, तापमान किमान 21 ते 24 अंश तर कमाल 37 ते 40 अंश सेल्सियस एवढे राहील. शेतकऱ्यांसाठी सूचना:- शेतकऱ्यांनी परिपक्व अवस्थेतील गहू व इतर रब्बी हंगामातील पिकाची कापणी व मळणी प्राधान्याने उरकून घ्यावी. कापणी केलेला शेतमाल कोरड्या व सुरसुक्षित ठिकाणी साठवावा. शेतकऱ्यांनी गहू पिकाची काढणी झाल्यानंतर पिकांचे धसकटे जाळू नये त्यामुळे जमिनीतील सेंद्रिय कर्ब व सूक्ष्म जिवाणूंचा ऱ्हास होतो, त्याऐवजी शेतकऱ्यांनी पुढील हंगामासाठी जमीन तयार करण्याच्या वेळी ते जमिनीतच पुरवावे कारण त्यात सिलिकॉन हे अन्नद्रव्य मुबलक प्रमाणात असते व त्याचा फायदा पुढील पिकासाठी होतो. हंगामी पिके, फळपिके व भाजीपाला पिकामध्ये आवश्यकता असल्यास ठिबक सिंचन/तुषार सिंचन पद्धतीद्वारे हलके ओलीत करावे तसेच आंतरमशागतीची कामे, कीड व रोग व्यवस्थापनासाठी कृषी रसायनांची फवारणीची कामे व उभ्या पिकामध्ये खते देण्याची कामे पुढील ५ ते ६ दिवस सुरु ठेवावीत. सध्या तीळ पीक हे ४०-४५ दिवसाचे आहे. तरी शेतकऱ्यांनी खताचा दुसरा डोस म्हणून १२.५ किलो नत्र व २५ किलो स्फुरद प्रति हे. द्वावे तसेच २० किलो/हे. झिंक व सल्फर द्वावे त्यामुळे सूक्ष्म अन्नद्रव्याची कमतरता भासत नाही. तीळ पिकाच्या अधिक उत्पन्न वाढीसाठी पीक फुलावर असताना व बोण्डया/शेंगा धरण्याच्या वेळेस २% DAP ची फवारणी करावी. तीळ पिकास जमिनीच्या मगदुराप्रमाणे १२ ते १५ दिवसाच्या अंतराने ओलीत करावे. ओलीत करताना पिक क्षेत्रामध्ये पाणी साचून राहणार नाही याची दक्षता घ्यावी. आवश्यकते नुसार २ ते ३ वेळा खुरपणी/ कोळपणी करून शेत स्वच्छ ठेवावे. पिकाची सुरुवातीची वाढ हळू होत असल्याने पिक एक महिन्याचे होई पर्यंत शेतात तन होणार नाही याची काळजी घ्यावी. स्मार्ट ॲग्री ॲडव्हायझरी ॲप चे अपडेटेड व्हर्जन प्ले स्टोअर मध्ये उपलब्ध आहे ते मोबाईल मध्ये डाऊनलोड करणे सदर अपडेटेड व्हर्जन मध्ये हवामान केंद्राच्या माहितीचा तपशील समाविष्ट करण्यात आला आहे. सॉलिडरीडॅड स्मार्ट ऍग्री प्रोग्राममध्ये आपले शंकासमाधान करण्यास कृपया संपर्क साधावा. मोबाईल क्रमांक 9039133541 धन्यवाद! | Maharashtra | MH | 23-03-2025 | Enable |
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